Monday, December 23, 2024

छत्तीसगढ़ रिश्वतखोरी के आरोप में एसडीएम समेत चार गिरफ्तार

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छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एसडीएम समेत चार लोगों को रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान एसडीएम भागी राठी खांडे, होम गार्ड कविनाथ सिंह, क्लर्क धर्मपाल, और चपरासी अबीर राम के रूप में हुई है। खांडे ने शिकायतकर्ता से जमीन के राजस्व रिकॉर्ड को सही करने के लिए 55,000 रुपये की मांग की थी।

विस्तार

छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में शुक्रवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एसडीएम भागी राठी खांडे और तीन अन्य सरकारी कर्मचारियों को रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया। आरोपियों की पहचान एसडीएम भागी राठी खांडे, होम गार्ड कविनाथ सिंह, क्लर्क धर्मपाल, और चपरासी अबीर राम के रूप में हुई है।

आरोप और गिरफ्तारी

अधिकारी के अनुसार, एसडीएम भागी राठी खांडे ने जाजगा गांव में शिकायतकर्ता के पक्ष में जमीन के एक टुकड़े के राजस्व रिकॉर्ड को सही करने के लिए 55,000 रुपये की मांग की थी। शिकायतकर्ता ने इस मामले की सूचना भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को दी, जिसके बाद एक योजना बनाई गई और सभी आरोपियों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया।

एसडीएम और अन्य आरोपियों का प्रोफाइल
  1. एसडीएम भागी राठी खांडे: सरगुजा जिले के उदयपुर तहसील में एसडीएम के पद पर तैनात थीं। उनकी जिम्मेदारी में राजस्व रिकॉर्ड की देखरेख और संबंधित विवादों का निपटारा शामिल था।
  2. होम गार्ड कविनाथ सिंह: खांडे के आदेशों का पालन करते हुए उनके निर्देशों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे।
  3. क्लर्क धर्मपाल: एसडीएम कार्यालय में दस्तावेजों और रिकॉर्ड की देखभाल करते थे। उन्होंने शिकायतकर्ता के राजस्व रिकॉर्ड को सही करने में खांडे की मदद की।
  4. चपरासी अबीर राम: कार्यालय में सामान्य सहायक के रूप में कार्यरत थे और खांडे के निर्देशों का पालन करते थे।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कार्रवाई

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने एक गुप्त योजना बनाई और शिकायतकर्ता को 55,000 रुपये की रिश्वत देने के लिए कहा। जैसे ही खांडे और उनके सहयोगियों ने पैसे स्वीकार किए, ब्यूरो की टीम ने तुरंत छापा मारकर उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया। यह कार्रवाई ना केवल त्वरित थी बल्कि प्रभावी भी, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि आरोपियों को बचने का कोई मौका न मिल सके।

जांच और साक्ष्य

ब्यूरो ने आरोपियों के खिलाफ मजबूत साक्ष्य जुटाए हैं, जिसमें रिश्वत की रकम के साथ-साथ बातचीत की रिकॉर्डिंग और अन्य दस्तावेज शामिल हैं। इन साक्ष्यों के आधार पर, आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है।

सरकारी अधिकारियों की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद, छत्तीसगढ़ सरकार के उच्चाधिकारियों ने कड़ा रुख अपनाया है। राज्य के गृह मंत्री ने बयान दिया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “हम किसी भी स्थिति में भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे। जो भी अधिकारी इसमें संलिप्त पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”

स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया

अंबिकापुर और सरगुजा जिले के लोग इस घटना से स्तब्ध हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि सरकारी अधिकारियों के भ्रष्टाचार ने उनकी समस्याओं को और बढ़ा दिया है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हमारे लिए सरकारी दफ्तरों में काम करवाना पहले से ही मुश्किल था, और अब यह पता चलने के बाद कि अधिकारी रिश्वत लेते हैं, हमारा विश्वास और भी टूट गया है।”

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की भूमिका

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की इस त्वरित और प्रभावी कार्रवाई ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि वे राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। ब्यूरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम हर उस व्यक्ति को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो भ्रष्टाचार का शिकार हुआ है। इस मामले में भी हमने त्वरित कार्रवाई की और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।”

भविष्य की दिशा

इस घटना के बाद, यह उम्मीद की जा रही है कि छत्तीसगढ़ सरकार और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ऐसे और भी मामलों की जांच करेंगे और दोषी अधिकारियों को सजा दिलाने का काम करेंगे। राज्य में भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि जनता का विश्वास पुनः स्थापित हो सके और सरकारी कार्यप्रणाली में सुधार हो सके।

छत्तीसगढ़ में हुए इस घटना ने एक बार फिर से यह स्पष्ट कर दिया है कि भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं। लेकिन साथ ही, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कार्रवाई ने यह भी साबित कर दिया है कि यदि सही इरादे और दृढ़ संकल्प के साथ काम किया जाए तो भ्रष्टाचार पर काबू पाया जा सकता है। अब देखना यह है कि सरकार और संबंधित विभाग इस दिशा में और क्या कदम उठाते हैं और दोषियों को क्या सजा मिलती है। जनता को उम्मीद है कि इस घटना के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और भी मजबूत होगी और न्याय की जीत होगी।

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