मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि प्रदेश में रेल परियोजनाओं को गति देने पर विस्तार से चर्चा की गई। चारों रेल परियोजनाओं का डीपीआर तैयार किया जा रहा है। प्रदेश में रेल का नेटवर्क कम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से काफी उम्मीदें हैं।
रायपुर
छत्तीसगढ़ में 36,500 करोड़ की लागत से रावघाट-जगदलपुर समेत चार बड़ी रेल परियोजनाएं जल्द ही शुरू होंगी। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने परियोजनाओं की संभावनाओं और लाभों को स्वीकार करते हुए तेजी से काम करने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को आश्वस्त किया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चारों परियोजनाएं छत्तीसगढ़ के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं और रेलवे मंत्रालय इन्हें प्राथमिकता देगा।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नई दिल्ली में अश्विनी वैष्णव से मुलाकात कर राज्य की विभिन्न नई रेल परियोजनाओं पर चर्चा की। रेल भवन में हुई बैठक में मुख्यमंत्री साय ने प्रदेश की चार प्रमुख रेल परियोजनाओं धरमजयगढ़-पत्थलगांव-लोहरदगा, अंबिकापुर-बरवाडीह (झारखंड), खरसिया-नवा रायपुर-परमलकसा और रावघाट-जगदलपुर नई रेललाइन परियोजना को जल्द शुरू करने का आग्रह किया।
केंद्रीय मंत्री वैष्णव से मुलाकात के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रदेश में रेल परियोजनाओं को गति देने पर विस्तार से चर्चा की गई। चारों रेल परियोजनाओं का डीपीआर तैयार किया जा रहा है। प्रदेश में रेल का नेटवर्क कम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से काफी उम्मीदें हैं। मुख्यमंत्री के केंद्रीय मंत्री से मुलाकात के दौरान उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा भी मौजूद थे।
धरमजयगढ़-पत्थलगांव-लोहरदगा परियोजना
धरमजयगढ़-पत्थलगांव-लोहरदगा परियोजना उत्तरी छत्तीसगढ़ को झारखंड से जोड़ेगी। इसके माध्यम से औद्योगिक क्षेत्र (कोरबा) को लोहरदगा से जोड़ने की योजना है। इसके अतिरिक्त यह क्षेत्र को पूर्व में कोरबा और रांची से होकर मध्य भारत से जोड़ेगी। 240 किमी परियोजना की अनुमानित लागत करीब 16,000 करोड़ रुपये है।
अंबिकापुर-बरवाडीह परियोजना
1948 में मंजूरी मिलने के बावजूद यह परियोजना अधूरी रही। अंबिकापुर-बरवाडीह परियोजना अंबिकापुर (उत्तरी छत्तीसगढ़) को बरवाडीह (झारखंड) से जोड़ेगी। परियोजना से देश के उत्तरी और पूर्वी हिस्से में कोयला व अन्य खनिजों के परिवहन के लिए वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा। 200 किमी परियोजना की अनुमानित लागत करीब 9,000 करोड़ रुपये है।
खरसिया-नवा रायपुर-परमलकसा परियोजना
खरसिया-नवा रायपुर-परमलकसा परियोजना देश के पश्चिमी क्षेत्र में एसईसीएल और एमसीएल कोयला क्षेत्रों की निकासी के लिए एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करती है। यह बिलासपुर और रायपुर स्टेशनों को बायपास करते हुए बलौदाबाजार को जोड़ेगी। 277 किमी परियोजना की अनुमानित लागत करीब 8,000 करोड़ रुपये है।
रावघाट-जगदलपुर परियोजना
95 किमी की दल्ली-राजहरा-रावघाट रेललाइन का निर्माण चल रहा है। 140 किमी रावघाट-जगदलपुर नई रेललाइन परियोजना प्रदेश के खनिज समृद्ध क्षेत्र से इस्पात उद्योगों तक लौह अयस्क की निकासी के कुशल और पर्यावरण अनुकूल साधन प्रदान करेगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत करीब 3,500 करोड़ रुपये है।
मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर कहा कि ये परियोजनाएं छत्तीसगढ़ के औद्योगिक और आर्थिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इनसे न केवल राज्य के विभिन्न हिस्सों के बीच संपर्क बढ़ेगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से काफी उम्मीदें हैं कि ये परियोजनाएं समय पर पूरी होंगी और राज्य को विकास की नई ऊँचाइयों पर ले जाएंगी।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मुख्यमंत्री साय को आश्वासन दिया कि रेलवे मंत्रालय इन परियोजनाओं को प्राथमिकता से पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि चारों परियोजनाओं का डीपीआर तैयार किया जा रहा है और जल्द ही इन पर काम शुरू होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इन परियोजनाओं से छत्तीसगढ़ के लोगों को यात्रा और माल परिवहन में सुविधा होगी और राज्य का समग्र विकास होगा।
इस दौरान उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने भी परियोजनाओं के महत्व पर जोर दिया और कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करेगी ताकि परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जा सके।
छत्तीसगढ़ में रावघाट-जगदलपुर समेत चार बड़ी रेल परियोजनाओं के लिए 36,500 करोड़ रुपये की मंजूरी राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। ये परियोजनाएं न केवल राज्य के विभिन्न हिस्सों को जोड़ेंगी बल्कि औद्योगिक और आर्थिक विकास को भी प्रोत्साहित करेंगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की इस पहल से छत्तीसगढ़ को विकास की नई ऊँचाइयों पर ले जाने की उम्मीद है।