छत्तीसगढ़ में इस वर्ष मानसून का प्रभाव कुछ अधिक ही देखने को मिल रहा है। बीते 70 दिनों में राज्य में 784.9 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो कि सामान्य से 14 प्रतिशत ज्यादा है। राज्य में जहां एक ओर कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश हो रही है, वहीं कुछ हिस्सों में बारिश की गतिविधियां थोड़ी कम हो रही हैं। मौसम विभाग के अनुसार, अगले पांच दिनों तक सरगुजा संभाग में बारिश की गतिविधियां जारी रहने की संभावना है, जबकि मध्य छत्तीसगढ़ में बारिश की तीव्रता थोड़ी कम हो जाएगी।
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Toggleराज्य में बारिश के आंकड़े: एक नजर
छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में बारिश के आंकड़ों पर नजर डालें तो स्पष्ट होता है कि इस वर्ष की बारिश सामान्य से अधिक हुई है। प्रदेश भर में बीजापुर जिले में सर्वाधिक 1677.9 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से 104 प्रतिशत ज्यादा है। यह आंकड़ा इस बात को दर्शाता है कि बीजापुर में इस वर्ष बारिश का प्रकोप अन्य जिलों की तुलना में कहीं अधिक रहा है।
वहीं, रायपुर जिले में अभी तक 666.5 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से 11 प्रतिशत ज्यादा है। यह स्थिति बताती है कि राजधानी रायपुर में भी मानसून का अच्छा प्रभाव रहा है, जिससे शहर और इसके आसपास के क्षेत्रों में कृषि और जलस्तर में सुधार की उम्मीद की जा सकती है।
सरगुजा संभाग में बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग का अनुमान है कि सरगुजा संभाग में अगले पांच दिनों तक बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगी। यह क्षेत्र मानसून के सक्रिय तंत्र के प्रभाव में है, जिससे यहां अच्छी बारिश होने की संभावना है। सरगुजा संभाग के लोग इस बारिश से प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए उन्हें सतर्क रहने की सलाह दी गई है। विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां जलजमाव और बाढ़ का खतरा रहता है, वहां के निवासियों को सुरक्षा के उपाय करने की आवश्यकता है।
सरगुजा संभाग में पहले भी भारी बारिश के कारण कई बार बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो चुकी है। ऐसे में इस वर्ष भी मानसून के चलते यहां की नदियों और जलाशयों का जलस्तर बढ़ सकता है। हालांकि, प्रशासन द्वारा इस दिशा में सतर्कता बरती जा रही है और संभावित प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं।
मध्य छत्तीसगढ़ में बारिश की गतिविधियों में कमी
मध्य छत्तीसगढ़ में, विशेषकर रायपुर और इसके आसपास के क्षेत्रों में, बारिश की गतिविधियां थोड़ी कम हो सकती हैं। हालांकि, बीते दिनों में यहां भी अच्छी बारिश दर्ज की गई है, लेकिन अगले कुछ दिनों में यहां की बारिश की तीव्रता में कमी आ सकती है। इसके बावजूद, यहां हल्की से मध्यम बारिश की संभावना बनी रहेगी, जिससे यहां के किसानों और स्थानीय निवासियों को राहत मिलेगी।
शनिवार को रायपुर सहित प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में आंशिक रूप से बादल छाए रहे, जिससे मौसम थोड़ा ठंडा बना रहा। इसके बावजूद, दोपहर के समय धूप भी निकली, जिससे लोगों को राहत महसूस हुई। करीब 10 दिनों बाद धूप निकलने से स्थानीय निवासियों को न केवल मौसम से राहत मिली, बल्कि उनके दैनिक कार्यों में भी सुविधा हुई।
शनिवार को प्रदेश में बारिश के आंकड़े
शनिवार को प्रदेश भर में कोटाडोल (जिला मनेंद्रगढ़ भरतपुर) में सर्वाधिक 9 सेमी बारिश दर्ज की गई। इसके साथ ही राजपुर और दौरा-कोचली में 8 सेमी, चलगली में 7 सेमी बारिश हुई। इन क्षेत्रों के अलावा, अन्य स्थानों पर भी हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई, जो इस बात का संकेत है कि मानसून अभी भी सक्रिय है और राज्य के विभिन्न हिस्सों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा के अनुसार, मानसून की द्रोणिका मध्य समुद्र तल पर बीकानेर, रोहतक, और उत्तर पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है। इस कारण से प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में अगले कुछ दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इसके साथ ही, कुछ क्षेत्रों में बिजली गिरने की भी आशंका है, इसलिए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
राज्य में किसानों के लिए बारिश के मायने
इस वर्ष छत्तीसगढ़ में हुई अच्छी बारिश राज्य के किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है। अधिक बारिश से न केवल जलस्तर में वृद्धि होगी, बल्कि कृषि के लिए भी पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सकेगा। विशेषकर उन क्षेत्रों में, जहां धान की खेती प्रमुख है, वहां इस बारिश से अच्छी फसल की उम्मीद की जा सकती है।
हालांकि, अत्यधिक बारिश से कुछ क्षेत्रों में फसलों को नुकसान भी पहुंच सकता है। बीजापुर और सरगुजा जैसे क्षेत्रों में जहां अत्यधिक बारिश हो रही है, वहां के किसानों को सतर्क रहने और फसल सुरक्षा के उपाय करने की आवश्यकता है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, जलभराव और फसलों में कीट रोगों के बढ़ने का खतरा इस समय अधिक होता है, इसलिए किसानों को समय-समय पर अपनी फसलों की जांच करनी चाहिए।
जलभराव और बाढ़ की संभावना
राज्य में भारी बारिश के चलते कुछ क्षेत्रों में जलभराव और बाढ़ की संभावना भी बनी हुई है। विशेषकर सरगुजा संभाग और बीजापुर जैसे क्षेत्रों में, जहां पहले से ही अधिक बारिश दर्ज की जा चुकी है, वहां के नदी-नालों में जलस्तर बढ़ने का खतरा है। प्रशासन द्वारा इन क्षेत्रों में सतर्कता बरती जा रही है और संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों के लिए तैयारी की जा रही है।
प्रशासन की तैयारियां
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के आधार पर, राज्य प्रशासन ने बारिश और बाढ़ की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए आवश्यक तैयारियां की हैं। विशेषकर सरगुजा और बीजापुर जैसे क्षेत्रों में, जहां अधिक बारिश हो रही है, वहां पर राहत शिविरों की स्थापना और आपातकालीन सेवाओं को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, जलभराव और बाढ़ की स्थिति में प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से राहत पहुंचाने के लिए सभी आवश्यक संसाधनों को तैयार रखा गया है। साथ ही, स्थानीय निवासियों को भी आपातकालीन स्थिति में प्रशासन से संपर्क करने के लिए हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराए गए हैं।
स्थानीय निवासियों के लिए सलाह
मौसम विभाग और प्रशासन द्वारा स्थानीय निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। खासकर उन क्षेत्रों में, जहां भारी बारिश की संभावना है, वहां पर जलभराव और बाढ़ से बचने के उपाय किए जाने चाहिए। लोगों को सलाह दी गई है कि वे नदी-नालों के पास जाने से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
इसके अलावा, बिजली गिरने की संभावना को ध्यान में रखते हुए, लोगों को घर के अंदर रहने की सलाह दी गई है। खेतों में काम कर रहे किसानों को भी सतर्क रहने की जरूरत है, ताकि वे मौसम की अप्रत्याशित घटनाओं से सुरक्षित रह सकें।
मानसून के बाद की स्थिति
हालांकि, वर्तमान में राज्य के विभिन्न हिस्सों में अच्छी बारिश हो रही है, लेकिन मानसून के बाद की स्थिति को लेकर भी प्रशासन सतर्क है। मानसून के बाद जलस्तर में कमी आ सकती है और कुछ क्षेत्रों में सूखे की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है। ऐसे में जल संरक्षण और कृषि के लिए उपयुक्त प्रबंधन की आवश्यकता होगी।
राज्य सरकार द्वारा मानसून के बाद की स्थिति को ध्यान में रखते हुए विभिन्न योजनाएं तैयार की जा रही हैं, ताकि जल संकट और कृषि उत्पादन में कमी से निपटा जा सके। इसके लिए जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन और अन्य उपायों को प्राथमिकता दी जा रही है।
छत्तीसगढ़ में इस वर्ष की मानसूनी बारिश ने राज्य के जलस्तर और कृषि के लिए सकारात्मक प्रभाव डाला है। हालांकि, अत्यधिक बारिश के कारण कुछ क्षेत्रों में बाढ़ और जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, लेकिन प्रशासन द्वारा इसे नियंत्रित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों को सतर्क रहने और प्रशासन द्वारा जारी की गई सलाह का पालन करने की जरूरत है, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में वे सुरक्षित रह सकें।