नई दिल्ली: भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई 2024 को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। इस बजट में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गईं, जिनसे आम जनता की जेब पर प्रभाव पड़ेगा। इस लेख में हम जानेंगे कि बजट में किए गए ऐलानों के बाद किन चीजों के दाम घटने वाले हैं और किन चीजों की कीमतें बढ़ने वाली हैं।
बजट में सस्ती होने वाली चीजें
1. कैंसर की दवाएं:
बजट में सबसे महत्वपूर्ण घोषणाओं में से एक कैंसर से जुड़ी दवाओं पर कस्टम ड्यूटी हटाना था। इस कदम से कैंसर के इलाज के लिए आवश्यक दवाओं की कीमतें घट सकती हैं, जिससे मरीजों को राहत मिलेगी और इलाज की लागत में कमी आएगी।
2. एक्सरे ट्यूब और फ्लैट पैनल डिटेक्टर:
स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार के लिए, एक्सरे ट्यूब और फ्लैट पैनल डिटेक्टर पर आयात शुल्क भी हटा दिया गया है। इससे चिकित्सा उपकरणों की कीमतें कम होंगी और चिकित्सा सेवाओं की पहुंच आम लोगों तक बेहतर होगी।
3. मोबाइल फोन और पार्ट्स:
मोबाइल फोन और इसके पार्ट्स, जैसे पीसीबी (प्रिंटेड सर्किट बोर्ड) और चार्जर पर कस्टम ड्यूटी को 15 प्रतिशत तक घटा दिया गया है। इससे स्मार्टफोन और उसके घटकों की कीमतें कम होने की उम्मीद है, जो तकनीक प्रेमियों और आम उपयोगकर्ताओं के लिए खुशी की बात है।
4. आवश्यक खनिज:
25 आवश्यक खनिजों पर सीमा शुल्क हटाया गया है, जिससे इन खनिजों की कीमतें घटेंगी। इन खनिजों का इस्तेमाल विभिन्न औद्योगिक प्रक्रियाओं और उत्पादों में होता है, इसलिए इसका असर कई उद्योगों पर पड़ेगा।
5. सोलर पैनल और सोलर सेल:
सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए, सोलर सेल और सोलर पैनल के निर्माण सामग्री पर टैक्स में छूट दी गई है। इससे सोलर पैनल की लागत घटेगी और सोलर एनर्जी के उपयोग को प्रोत्साहन मिलेगा, जो पर्यावरण के लिए लाभकारी है।
6. सोना और चांदी:
सोना और चांदी पर सीमा शुल्क घटाकर 6 प्रतिशत किया गया है। इस कदम से ज्वैलरी की कीमतें कम होंगी और आम जनता के लिए सोना और चांदी खरीदना आसान होगा। प्लैटिनम पर भी सीमा शुल्क घटाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे उसकी कीमतों में भी कमी आएगी।
बजट में महंगी होने वाली चीजें
1. पीवीसी फ्लेक्स बैनर:
पीवीसी फ्लेक्स बैनर का आयात महंगा होगा क्योंकि इसकी कीमतों पर सीमा शुल्क बढ़ा दिया गया है। इससे विज्ञापन और प्रिंट मीडिया के खर्चे बढ़ सकते हैं।
2. दूरसंचार उपकरण:
कुछ दूरसंचार उपकरणों के आयात पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर 10 प्रतिशत से 15 प्रतिशत कर दी गई है। इससे दूरसंचार सेवाओं की लागत में वृद्धि हो सकती है, जो अंततः उपभोक्ताओं को प्रभावित करेगी।
3. इक्विटी निवेश:
एक साल से अधिक समय तक रखे गए इक्विटी निवेश पर टैक्स की दर 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दी गई है। इस बदलाव से दीर्घकालिक निवेशकों को अधिक टैक्स चुकाना पड़ सकता है।
4. शेयर टैक्स:
एक साल से अधिक समय तक रखे गए शेयरों पर टैक्स की दर को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे शेयर निवेशकों को उच्च टैक्स चुकाना पड़ेगा।
5. अमोनियम नाइट्रेट:
अमोनियम नाइट्रेट पर आयात शुल्क 10 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है। इसका असर कृषि और निर्माण क्षेत्र पर पड़ेगा, जहां इसका उपयोग होता है।
6. प्लास्टिक:
खुद से नष्ट न होने वाले प्लास्टिक पर आयात शुल्क 25 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है। इस कदम से प्लास्टिक की लागत बढ़ेगी, और पर्यावरण के लिए इसका असर भी हो सकता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट में किए गए ऐलान स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि सरकार ने कुछ क्षेत्रों में राहत देने का प्रयास किया है, जबकि कुछ क्षेत्रों में लागत बढ़ाने के कदम उठाए हैं। कैंसर की दवाओं और सोलर पैनल जैसी वस्तुओं पर टैक्स में छूट से स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। वहीं, पीवीसी बैनर और दूरसंचार उपकरण जैसी वस्तुओं पर बढ़े हुए टैक्स से कुछ खर्चों में वृद्धि हो सकती है।
इस बजट का असर आम जनता और विभिन्न उद्योगों पर अलग-अलग तरीके से पड़ेगा, और आने वाले दिनों में इन बदलावों के प्रभाव को समझने में सहायता मिलेगी।