Sunday, April 20, 2025

बिलासपुर मलेरिया से पीड़ित दो बच्चों की मौत कई लोग बीमार

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बिलासपुर के टेंगनमाड़ा क्षेत्र में मलेरिया का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। मलेरिया से पीड़ित दो बच्चों की मौत ने क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है। वहीं, कई लोग इस बीमारी से प्रभावित हो चुके हैं। इस स्थिति ने स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है, और वे तत्काल कदम उठाने में जुट गए हैं।

मलेरिया का बढ़ता प्रकोप

टेगनमाड़ा क्षेत्र में मलेरिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। स्थानीय निवासियों के अनुसार, इमरान अली (13) और इरफान अली (15) नामक दो बच्चों की पिछले कुछ दिनों से तबीयत खराब थी। दोनों में मलेरिया के लक्षण दिखाई दे रहे थे। बच्चों के परिजनों ने गांव के एक झोलाछाप डॉक्टर से उनका इलाज कराया, लेकिन बुधवार को इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई।

स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद, कोटा ब्लॉक के अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की। बच्चों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सकते में आ गए और तत्काल टेंगनमाड़ा पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटा में बच्चों के शवों का पोस्टमार्टम कराने का निर्णय लिया। बीएमओ कोटा, एमके गुप्ता ने बताया कि टेंगनमाड़ा के दो बच्चों की मौत हो गई है। मृतकों के परिजनों ने मलेरिया से मौत की आशंका जताई है।

स्वास्थ्य शिविर और सर्वे

स्वास्थ्य विभाग ने टेंगनमाड़ा क्षेत्र में हेल्थ कैंप लगाकर संदिग्ध लोगों के घर-घर जाकर सर्वेक्षण और ब्लड सैंपल लेकर स्लाइन जांच शुरू कर दी है। डॉक्टरों की टीम घर-घर जाकर लोगों की जांच कर रही है और मलेरिया के संभावित मामलों की पहचान कर रही है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि वे सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं ताकि मलेरिया के प्रकोप को रोका जा सके और प्रभावित लोगों का सही इलाज हो सके।

स्थानीय निवासियों की चिंता

टेंगनमाड़ा के स्थानीय निवासियों में भय का माहौल है। बच्चों की मौत और कई लोगों के बीमार होने की खबर ने सभी को चिंतित कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और झोलाछाप डॉक्टरों पर निर्भरता के कारण स्थिति और बिगड़ रही है। स्थानीय निवासियों ने सरकार और स्वास्थ्य विभाग से अपील की है कि वे इस क्षेत्र में चिकित्सा सेवाओं को बढ़ाएं और मलेरिया के प्रकोप को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं।

मलेरिया के लक्षण और बचाव

मलेरिया एक संक्रामक बीमारी है जो मादा एनोफेल्स मच्छर के काटने से फैलती है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, उल्टी, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, और अत्यधिक थकान शामिल हैं। मलेरिया के बचाव के लिए मच्छरों से बचाव करना जरूरी है। इसके लिए मच्छरदानी का उपयोग, मच्छर निरोधक क्रीम, और मच्छर भगाने वाले स्प्रे का उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, पानी के जमाव को रोकना और स्वच्छता बनाए रखना भी आवश्यक है।

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