बालोद जिले के मोहलाई गांव में ग्रामीणों ने एक अनोखे विरोध प्रदर्शन के माध्यम से प्रशासन और पंचायत की अनदेखी का विरोध किया है। यह प्रदर्शन सड़क निर्माण की मांग को लेकर किया गया, जिसमें ग्रामीणों ने कीचड़ से सनी सड़क पर धान रोपाई कर दी। इस घटना ने स्थानीय प्रशासन की ओर से की जा रही लापरवाही को उजागर किया है और ग्रामीणों की समस्याओं की गंभीरता को सामने रखा है। इस विरोध प्रदर्शन का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
ग्रामीणों का अनोखा विरोध
मोहलाई ग्राम पंचायत कोंगनी का एक आश्रित गांव है, जहां के ग्रामीणों ने सड़क की खराब स्थिति के खिलाफ कीचड़ से सनी सड़क पर धान रोपाई करने का फैसला किया। गुंडरदेही ब्लॉक के इस गांव में सड़क के निर्माण की मांग लंबे समय से की जा रही थी, लेकिन प्रशासन और पंचायत द्वारा इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। परिणामस्वरूप, ग्रामीणों ने सड़क पर धान रोपाई का अनोखा तरीका अपनाया, जिससे उन्होंने अपने विरोध को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया।
प्रशासन की अनदेखी और ग्रामीणों की समस्या
मोहलाई गांव के ग्रामीणों ने कई बार सरपंच, सचिव, अधिकारियों और विधायक से संपर्क किया, लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। प्रशासन की अनदेखी के कारण ग्रामीणों को सड़क की खराब स्थिति से जूझना पड़ रहा है। गाँव के हिरवानी साहू ने बताया कि सड़क पर पानी और कीचड़ की वजह से उनके बच्चों को स्कूल जाने में कठिनाई हो रही है। उन्होंने सरपंच से अनुरोध किया था कि अगर सड़क का निर्माण संभव नहीं है, तो कम से कम बजरी या मुरुम डालकर अस्थाई समाधान किया जाए। लेकिन इस अनुरोध पर भी कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिली, जिससे ग्रामीणों में निराशा और गुस्सा बढ़ गया।
कीचड़ में धान की रोपाई का तरीका
धान की रोपाई एक महत्वपूर्ण कृषि प्रक्रिया है, जिसमें धान के पौधों को खेतों में एक निश्चित दूरी पर लगाया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान, खेत में पानी और कीचड़ होता है, जो खरपतवार को कम करता है और धान की फसल की गुणवत्ता को बढ़ाता है। आमतौर पर, धान की रोपाई खेतों में की जाती है, लेकिन मोहलाई गांव के ग्रामीणों ने इस विधि को सड़क पर अपनाकर प्रशासन की लापरवाही के खिलाफ विरोध दर्ज कराया है। इस प्रक्रिया ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि ग्रामीण अपनी समस्याओं को हल करने के लिए हर संभव उपाय कर सकते हैं, चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों।
सड़क की समस्या और ग्रामीणों की स्थिति
मोहलाई गांव के ग्रामीणों के अनुसार, सड़क की स्थिति इतनी खराब है कि वाहन या पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। कीचड़ और पानी की वजह से गांव की सड़कें बदहाल हैं, और इससे बच्चों को स्कूल जाने में अत्यधिक कठिनाई हो रही है। सड़क की खराब स्थिति ने न केवल बच्चों की शिक्षा पर असर डाला है, बल्कि पूरे गांव की जीवनशैली को प्रभावित किया है। ग्रामीणों ने प्रशासन और पंचायत से कई बार अनुरोध किया है, लेकिन उनके प्रयासों का कोई परिणाम नहीं निकला।
विवाद और सामाजिक मीडिया पर प्रतिक्रिया
इस विरोध प्रदर्शन का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। वीडियो में ग्रामीणों को कीचड़ से सनी सड़क पर धान रोपाई करते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर इस वीडियो ने कई लोगों की आंखें खोली हैं और प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है। स्थानीय नेताओं, अधिकारियों और आम लोगों ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
समाधान की दिशा में कदम
ग्रामीणों की समस्याओं को देखते हुए, यह आवश्यक है कि प्रशासन और पंचायत त्वरित कार्रवाई करें और मोहलाई गांव की सड़क के निर्माण की दिशा में ठोस कदम उठाएं। सड़क की खराब स्थिति को सुधारने के लिए बजरी या मुरुम डालने के अलावा, लंबी अवधि के समाधान के रूप में पक्की सड़क का निर्माण किया जाना चाहिए। इससे न केवल बच्चों की स्कूल यात्रा सुगम होगी, बल्कि पूरे गांव की जीवन गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
मोहलाई गांव के ग्रामीणों द्वारा कीचड़ से सनी सड़क पर धान रोपाई करने का विरोध प्रदर्शन प्रशासन और पंचायत की अनदेखी का एक प्रभावशाली उदाहरण है। यह प्रदर्शन न केवल ग्रामीणों की समस्याओं को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जब स्थानीय निवासियों को उनके अधिकार नहीं मिलते, तो वे अपनी समस्याओं का समाधान खोजने के लिए अनोखे तरीके अपनाते हैं। प्रशासन और पंचायत को इस प्रदर्शन को गंभीरता से लेना चाहिए और तत्काल कार्रवाई करके ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए। यह घटना इस बात की भी याद दिलाती है कि स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी होती है कि वे अपनी जनता की समस्याओं को सुनें और उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाएं।