Monday, December 23, 2024

असम के सीएम का फ्लड जिहाद आरोप

- Advertisement -

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने हाल ही में गुवाहाटी में आई बाढ़ को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी मेघालय (USTM) ने ‘फ्लड जिहाद’ फैलाया है, जिससे बाढ़ की स्थिति और खराब हुई है। इस आरोप को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि वास्तव में ‘फ्लड जिहाद’ क्या है और इसके असली मायने क्या हैं।

फ्लड जिहाद क्या है?

फ्लड जिहाद एक विवादास्पद और विवादित अवधारणा है जिसे कुछ राजनीतिक और सामाजिक समूह उपयोग में लाते हैं। यह आरोप लगाया जाता है कि किसी विशेष धार्मिक या जातीय समूह द्वारा जानबूझकर ऐसे कार्य किए जाते हैं जिससे बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं को उत्पन्न किया जा सके या उसे और बढ़ावा दिया जा सके। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इसी अवधारणा का संदर्भ देते हुए यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी मेघालय (USTM) पर आरोप लगाया है।

असम की बाढ़ और यूनिवर्सिटी का आरोप

गुवाहाटी और उसके आस-पास के क्षेत्रों में हाल की बाढ़ ने क्षेत्रीय प्रशासन और स्थानीय निवासियों के लिए गंभीर समस्याएं पैदा की हैं। मुख्यमंत्री सरमा ने इस बाढ़ के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी मेघालय (USTM) को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि यूनिवर्सिटी के निर्माण के लिए पहाड़ियों की बड़े पैमाने पर खुदाई की गई है, जिससे प्राकृतिक जल प्रवाह में रुकावट आई है और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है।

सरमा का आरोप है कि USTM ने अपनी भौगोलिक स्थिति का फायदा उठाते हुए मेघालय की 4-5 पहाड़ियों को काटा है, जिसके परिणामस्वरूप जल निकासी की समस्या उत्पन्न हुई है। उनके अनुसार, यह खुदाई बाढ़ के लिए मुख्य कारण है और इससे स्थानीय निवासियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

USTM की स्थापना और महबूबुल हक

यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी मेघालय (USTM) को 2008 में स्थापित किया गया था। इसके संस्थापक महबूबुल हक हैं, जो असम के बराक घाटी के करीमगंज जिले के बंगाली मूल के मुस्लिम हैं। USTM के कुलाधिपति के रूप में हक की भूमिका महत्वपूर्ण रही है और उनके नेतृत्व में यह यूनिवर्सिटी शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान कर रही है। वर्तमान में, USTM में लगभग 6,000 छात्र पढ़ रहे हैं, जो इसकी शिक्षा प्रणाली और प्रबंधन की प्रभावशीलता को दर्शाता है।

मुख्यमंत्री के आरोपों का प्रभाव

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा लगाए गए आरोप ने न केवल USTM बल्कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की दिशा को भी प्रभावित किया है। सरमा के बयान ने राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य पर गंभीर प्रभाव डाला है। इस मामले की जांच और सच्चाई की पुष्टि के लिए और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि क्या वास्तव में यूनिवर्सिटी के निर्माण का बाढ़ की स्थिति पर प्रभाव पड़ा है या यह सिर्फ एक राजनीतिक आरोप है।

सच्चाई की खोज

फ्लड जिहाद जैसे आरोप अक्सर राजनीतिक विमर्श का हिस्सा बन जाते हैं और इनमें तथ्यात्मक सच्चाई को समझना चुनौतीपूर्ण होता है। इस मामले में भी, आवश्यक है कि सरकारी और गैर-सरकारी निकाय पूरी तरह से जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि बाढ़ की स्थिति के लिए जिम्मेदार कारकों की सही पहचान की जा सके। केवल इस तरह की सच्चाई सामने आ सकेगी जब वैज्ञानिक और तकनीकी आधार पर पूरी जांच की जाएगी।

आपकी राय

How Is My Site?

View Results

Loading ... Loading ...
यह भी पढ़े
Advertisements
राशिफल
अन्य खबरे