Monday, December 23, 2024

अहमदाबाद पोस्ट ऑफिस में 1.70 करोड़ का हाइब्रिड गांजा बरामद

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गुजरात के अहमदाबाद में फॉरेन पोस्ट ऑफिस से 1.70 करोड़ रुपये मूल्य का हाइब्रिड गांजा बरामद होने से हड़कंप मच गया है। यह गांजा विदेश से आए पार्सलों के अंदर से मिला, जिसे खिलौनों और महिलाओं के जूतों में छिपाकर रखा गया था। अहमदाबाद सिटी साइबर क्राइम ब्रांच ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी है।

गांजा की बरामदगी और पुलिस की प्रतिक्रिया

गुजरात पुलिस ने इस घटना की जानकारी देते हुए बताया कि अहमदाबाद के एक विदेशी डाकघर अनुभाग में शनिवार रात को 37 पैकेटों में 5.670 किलोग्राम हाइ क्वालिटी गांजा बरामद किया गया। इस गांजे की अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत 1.70 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह गांजा खिलौनों और महिलाओं के जूतों में छिपाकर रखा गया था, जिससे इसे पहचानना और भी मुश्किल हो गया था।

पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि यह गांजा डार्क वेब के माध्यम से खरीदी गई हो सकती है और संभवतः विदेशी संपर्क से जुड़ी हो सकती है। साइबर क्राइम ब्रांच और कस्टम विभाग ने मिलकर इन पार्सलों को ‘डिलीवरी’ के लिए भेजे जाने से पहले ही जब्त कर लिया।

साइबर क्राइम ब्रांच की भूमिका

साइबर क्राइम ब्रांच ने मामले की गहराई से जांच करने के लिए एक जॉइंट टीम का गठन किया था। यह टीम मादक पदार्थ तस्करों द्वारा इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म का उपयोग करके प्रतिबंधित सामान खरीदने की सूचना मिलने पर निगरानी कर रही थी। साइबर क्राइम ब्रांच के एक प्रवक्ता ने कहा, “हमने 37 संदिग्ध पार्सल का पता लगाया, जिनमें कुल 5.670 किलोग्राम हाइ क्वालिटी गांजा था। इन पार्सलों का बाजार मूल्य लगभग 1,70,10,510 रुपये है।”

छिपाने की तरकीब और एनडीपीएस एक्ट

गांजे को बच्चों के खिलौनों और महिलाओं के जूतों में छिपाकर रखा गया था, जिससे इसके छुपे होने की संभावना बढ़ गई थी। इस तरह की तरकीबें तस्करों द्वारा अक्सर अपनाई जाती हैं ताकि सुरक्षा जांचों से बचा जा सके। इस मामले में एनडीपीएस एक्ट और आईटी एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने कहा है कि आरोपियों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं और इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ और संभावित प्रभाव

इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें खींच ली हैं, खासकर उन देशों की जो मादक पदार्थों की तस्करी और इसके प्रभावों से जूझ रहे हैं। इस मामले से यह भी उजागर होता है कि कैसे तस्कर नई तकनीकों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करके अपने नेटवर्क को फैलाते हैं और अपराधों को अंजाम देते हैं। इसके अलावा, यह घटना दिखाती है कि अंतर्राष्ट्रीय डाक सेवाएं और सुरक्षा एजेंसियाँ मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ कितनी सतर्क और संवेदनशील हैं।

भविष्य के कदम और सतर्कता

इस घटना के बाद, गुजरात पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियाँ मादक पदार्थों की तस्करी की रोकथाम के लिए नए कदम उठाने की योजना बना रही हैं। पुलिस विभाग ने डाक सेवा और कस्टम विभाग के साथ मिलकर पार्सलों की जांच को और भी सख्त करने की योजना बनाई है। साथ ही, साइबर क्राइम ब्रांच भी डार्क वेब और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर निगरानी बढ़ाने का प्रयास करेगी ताकि तस्करी के मामलों की पहचान और रोकथाम की जा सके।

अहमदाबाद फॉरेन पोस्ट ऑफिस में 1.70 करोड़ रुपये मूल्य का हाइब्रिड गांजा बरामद होने की घटना ने मादक पदार्थ तस्करी की जटिलता और इसकी रोकथाम की चुनौती को एक बार फिर उजागर कर दिया है। पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियाँ इस मामले में तेजी से कार्यवाही कर रही हैं और तस्करों को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। यह घटना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ सतर्कता और सख्त निगरानी की आवश्यकता को भी स्पष्ट करती है। भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा और जांच प्रक्रियाओं को और भी सख्त बनाए जाने की आवश्यकता है।

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