छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के गोमगुड़ा क्षेत्र, जिसे लंबे समय से नक्सलियों का प्रमुख आधार क्षेत्र माना जाता था, में सुरक्षाबलों ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। दो दिनों के अंदर सुरक्षाबलों ने नक्सलियों द्वारा बनाए गए स्मारक को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया।
इस अभियान के दौरान डीआईजी कमलोचन कश्यप, सीआरपीएफ डीआईजी आनंद सिंह, और सुकमा एसपी किरण चव्हाण स्वयं मौके पर मौजूद रहे। यह कार्रवाई नक्सलियों के खिलाफ एक बड़ी सफलता मानी जा रही है और सुरक्षा बलों के बढ़ते प्रभाव को दर्शाती है।
गोमगुड़ा का महत्व
गोमगुड़ा इलाका कई वर्षों से नक्सल गतिविधियों का केंद्र और उनके ठिकानों के रूप में जाना जाता था। यहां स्थित नक्सल स्मारक न केवल उनके प्रभाव का प्रतीक था, बल्कि स्थानीय लोगों के बीच भय का माहौल भी पैदा करता था।
सुरक्षा बलों की कार्रवाई
सुरक्षाबलों ने इस क्षेत्र में नक्सलियों की पकड़ कमजोर करने के उद्देश्य से यह अभियान चलाया। नक्सल स्मारक को ध्वस्त करना सुरक्षा बलों के लिए मनोबल बढ़ाने वाली बड़ी उपलब्धि है। इस कार्रवाई के जरिए सुरक्षाबलों ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि नक्सल गतिविधियों को अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
स्थानीय प्रशासन की टिप्पणी
सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य नक्सलियों के प्रभाव को खत्म करना और इलाके में शांति स्थापित करना है। सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाई से इस क्षेत्र में नक्सलियों की गतिविधियां सीमित हो रही हैं।
डीआईजी कमलोचन कश्यप ने कहा, “यह कदम इलाके में विकास और सुरक्षा के माहौल को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। सुरक्षाबल पूरी सतर्कता से अपने मिशन को अंजाम दे रहे हैं।”