गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले का मरवाही वनमंडल अपनी विशाल जैव विविधता और हरियाली के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन अब यहां की प्राकृतिक सुंदरता और वृहद वन्यजीव विविधता को खतरा उत्पन्न हो गया है। इस वनमंडल में कई छोटे-बड़े वॉटरफॉल भी हैं, जिन्हें देखने पर्यटक दूर-दूर से आते हैं, लेकिन अब यह क्षेत्र अवैध वन्य कटाई के कारण संकट में है।
मरवाही के खोडरी रेंज में अमरकंटक की सीमा से लगे जंगलों में खुलेआम पेड़ों की कटाई की जा रही है। इस तरह की अवैध गतिविधियां नेवरी, खोडरी, सधवानी, केवची, आमाडोब, बस्ती बगरा, परासी, रूमगा, पकरिया सहित पूरे वनमंडल को प्रभावित किया है। इन इलाकों में जगह-जगह पेड़ों के ठूठ पड़े हुए हैं, जिनमें कुछ पुराने और कुछ ताजे हैं।
हालांकि वन विभाग के अधिकारी इस पर कार्रवाई करने के बजाय चुप्पी साधे हुए हैं, खासकर खोडरी रेंज के प्रभारी रेंजर मनीष श्रीवास्तव का बयान चौंकाने वाला था, जिसमें उन्होंने कहा कि “इतने बड़े जंगल में कुछ पेड़ कट जाएं तो कोई बड़ी बात नहीं है।” इस तरह के बयानों से वन सुरक्षा की स्थिति पर सवाल उठ रहे हैं। वहीं, क्षेत्र के एसडीओ ने इस मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए मामले की जांच करने की बात की है।
खतरनाक हालात
जंगलों की अवैध कटाई और इस पर विभाग की चुप्पी वनमंडल की जैव विविधता के लिए गंभीर संकट उत्पन्न कर रही है, जिससे स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र पर भी प्रभाव पड़ेगा।