Monday, December 23, 2024

उपचुनाव 2024 बांग्लादेश हिंसा पर बहस

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उत्तर प्रदेश में आगामी उपचुनाव 2024 को लेकर राजनीतिक दलों की तैयारियाँ चरम पर हैं। राज्य की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले इन उपचुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने विशेष 30 सदस्यीय टीम का गठन किया है। इस बीच, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस भी अपनी-अपनी रणनीतियों पर काम कर रही हैं। उपचुनाव के संदर्भ में बांग्लादेश में हाल ही में हुई हिंसा और तख्तापलट का मुद्दा प्रमुखता से उठाया जा रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सक्रियता विशेष रूप से उल्लेखनीय है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रणनीति

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपचुनावों में बांग्लादेश में हुई हिंसा और अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया है। उनकी योजना है कि लोकसभा चुनाव 2024 में हिन्दू वर्ग को जातियों में बंटने से बचाया जा सके और इसे फिर से एकजुट किया जा सके। इसके लिए, मुख्यमंत्री ने अपने भाषणों और बयानों में बांग्लादेश में हुई हिंसा का जिक्र किया और हिन्दुत्व के स्पष्ट संदेश को प्रसारित करने की कोशिश की है।

मुख्यमंत्री का दावा है कि बांग्लादेश में हुए अत्याचार पर विपक्ष चुप है, और वह यह संदेश भी देने की कोशिश कर रहे हैं कि उनकी पार्टी अपनी विचारधारा से समझौता नहीं करेगी, चाहे उपचुनाव में परिणाम कुछ भी हो। जानकारों का मानना है कि मुख्यमंत्री उपचुनाव में बांग्लादेश की हिंसा का मुद्दा उठाकर यह संदेश दे रहे हैं कि हिन्दुओं को जातियों में बंटना एक बड़ा खतरा हो सकता है। इसी संदर्भ में, मुख्यमंत्री बांग्लादेश में अत्याचार के शिकार हिन्दुओं में 90 फीसदी दलित समाज का मुद्दा भी उठा रहे हैं।

अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया और मोदी सरकार की विदेश नीति

बांग्लादेश में हुई हिंसा पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया के बाद, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव की भी पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। यादव ने मोदी सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाए हैं और बांग्लादेश के मामलों में भारत की भूमिका पर चिंता जताई है। यादव का कहना है कि बांग्लादेश में हुए घटनाक्रम की जांच और वहां की स्थिति पर ठोस कार्रवाई की जरूरत है, ताकि भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और उनकी धार्मिक स्वतंत्रता सुनिश्चित की जा सके।

मिल्कीपुर में मुख्यमंत्री का बयान

अयोध्या के मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बांग्लादेश के हिन्दुओं के प्रति अपनी संवेदनशीलता और समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में हिन्दू होना कोई गलती नहीं है, बल्कि यह सौभाग्य है। उनकी रक्षा करना और उनके साथ पीड़ा के समय खड़ा होना हमारा दायित्व है।”

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जिन लोगों को दुनिया में हो रहे अत्याचार में सिर्फ वोट बैंक की नजरें दिखाई देती हैं, वे आपके सच्चे हितैषी कैसे हो सकते हैं। उन्होंने “राक्षसी प्रवृत्तियों” का मुकाबला करने के लिए समाज को तैयार रहने की अपील की। यह बयान मुख्यमंत्री की सरकार की प्राथमिकता और बांग्लादेश के मुद्दे पर उनकी स्पष्ट सोच को दर्शाता है।

राजनीतिक दलों की अन्य तैयारियाँ

भा.ज.पा. की विशेष 30 सदस्यीय टीम उपचुनाव की तैयारी में जुटी है, जिसमें चुनावी रणनीति, प्रचार-प्रसार, और चुनावी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। पार्टी का उद्देश्य है कि उपचुनावों में अच्छा प्रदर्शन कर लोकसभा चुनाव के लिए अपनी स्थिति को मजबूत किया जा सके।

वहीं, बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने भी अपनी-अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। बसपा अपने पारंपरिक वोटबैंक को बनाए रखने और उसे बढ़ाने की कोशिश में लगी है, जबकि सपा ने स्थानीय मुद्दों और जनसंपर्क पर विशेष ध्यान दिया है। कांग्रेस भी उपचुनावों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने और पार्टी के मुद्दों को उठाने की तैयारी कर रही है।

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