Tuesday, December 24, 2024

सावन के चौथे सोमवार पर मनकामेश्वर मंदिर में पूजा

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लखनऊ – सावन के महीने का चौथा सोमवार शहर के मनकामेश्वर मंदिर में भगवान भोलेनाथ के भव्य श्रृंगार और विशेष पूजा अर्चना के साथ मनाया गया। इस पावन अवसर पर शहर भर से शिवभक्त सुबह से ही मंदिर के दर्शन के लिए पहुंचे। भक्तों ने लंबी कतार में खड़े होकर बाबा भोलेनाथ का दर्शन किया और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना की।

शिवभक्तों ने इस दिन विशेष महत्व दिया और मंदिर में जलाभिषेक कर, बेलपत्र अर्पित कर और अन्य पूजा विधियों के माध्यम से भगवान शिव की आराधना की। मनकामेश्वर मंदिर की प्रांगण हर हर महादेव के जयकारों से गूंज उठा, जो इस धार्मिक उत्सव का मुख्य आकर्षण था।

सावन का महीना, जो भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष रूप से जाना जाता है, इस बार पांच सोमवारों के साथ आ रहा है। सावन महीने की शुरुआत भी सोमवार को हुई और समाप्ति भी सोमवार को होगी। यह विशेष स्थिति इस महीने को और भी महत्वपूर्ण बना देती है, जिससे भक्तों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।

मनकामेश्वर मंदिर में इस बार भगवान भोलेनाथ का भव्य श्रृंगार किया गया। मंदिर प्रबंधन ने इस विशेष दिन के लिए आकर्षक सजावट और श्रृंगार की व्यवस्था की। भगवान शिव की मूर्ति को विभिन्न प्रकार की फूल मालाओं और रत्नों से सजाया गया, जिससे उनके दर्शन का अनुभव और भी दिव्य बन गया।

सावन के इस चौथे सोमवार के अवसर पर, भक्तों ने अपने श्रद्धा और भक्ति के साथ शिवलिंग पर जल चढ़ाया और बेलपत्र अर्पित किए। यह दिन शिवभक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है, और हर साल इस दिन को धूमधाम से मनाया जाता है। भक्तों की भीड़ को देखते हुए, मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे, ताकि सभी भक्त शांति से दर्शन कर सकें और किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

मंदिर परिसर में व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा बल तैनात किए गए थे और भक्तों की कतार को सुव्यवस्थित तरीके से नियंत्रित किया गया। इसके अलावा, मंदिर के बाहर भी वाहनों की पार्किंग के लिए व्यवस्था की गई थी, ताकि भक्तों को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।

वैदिक ज्योतिष शोध परिषद के अध्यक्ष महामहोपाध्याय डॉ. आदित्य पांडेय, ज्योतिषाचार्य पंडित धीरेंद्र पांडेय और ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल का कहना है कि शिव महापुराण के अनुसार, श्रावण मास का हर दिन भगवान शिव के पूजन के लिए शुभ माना जाता है। सामान्यत: रुद्राभिषेक करने के लिए शिववास देखने की आवश्यकता होती है, लेकिन सावन मास में यह बंधन लागू नहीं होता है। इस विशेष महीने में, भक्तों को विशेष पूजा और अभिषेक के लिए अधिक अवसर मिलते हैं।

इस दिन को लेकर मंदिर में विशेष धार्मिक आयोजन भी किए गए। श्रद्धालुओं को संजीवनी हवन और भजन संध्या का लाभ भी प्राप्त हुआ। संजीवनी हवन में विशेष मंत्रों के जाप के साथ भगवान शिव को आहुति दी गई, जबकि भजन संध्या में शिव भजनों और कीर्तन के माध्यम से भक्तों ने भगवान शिव की आराधना की। यह धार्मिक कार्यक्रम न केवल भक्तों के लिए आध्यात्मिक उन्नति का माध्यम बने, बल्कि एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी किया।

सावन के इस चौथे सोमवार पर मनकामेश्वर मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ और उत्साह ने इस दिन को और भी खास बना दिया। भक्तों की इस श्रद्धा और भक्ति को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कीं, ताकि सभी श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ के दर्शन कर सकें और इस पावन अवसर का पूरा लाभ उठा सकें।

समाप्ति पर, भक्तों ने भगवान शिव से शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना की। यह दिन न केवल भगवान शिव की आराधना के लिए महत्वपूर्ण था, बल्कि भक्तों के बीच एकता और धर्म के प्रति समर्पण का भी प्रतीक था। इस प्रकार, सावन के चौथे सोमवार ने सभी के लिए एक विशेष आध्यात्मिक अनुभव प्रदान किया और भगवान भोलेनाथ के प्रति अपनी भक्ति को निखारा।

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