Sunday, April 20, 2025

कोलकाता डॉक्टर हत्या पर जगदलपुर में प्रदर्शन

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जगदलपुर – हाल ही में कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज में ड्यूटी के दौरान एक महिला डॉक्टर की हत्या के बाद जगदलपुर में भारी विरोध प्रदर्शन हुआ। यह घटना न केवल स्थानीय लोगों बल्कि देशभर में काम कर रहे डॉक्टरों के बीच भी गहरी चिंता और गुस्से का कारण बनी है। जगदलपुर के मेकाज (मेडिकल कॉलेज डिमरापाल) के डॉक्टरों और छात्रों ने मिलकर इस जघन्य अपराध के खिलाफ प्रदर्शन किया और न्याय की मांग की है।

रविवार की रात को, जगदलपुर में डॉक्टरों और छात्रों ने कोलकाता के अस्पताल में काम कर रही महिला डॉक्टर की हत्या की खबर सुनकर मोमबत्तियों के साथ मौन श्रद्धांजलि अर्पित की। इस श्रद्धांजलि सभा का उद्देश्य न केवल पीड़ित डॉक्टर को सम्मान देना था, बल्कि इस घटना के खिलाफ और डॉक्टरों के कार्यस्थलों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग भी करना था। उन्होंने इस घृणित अपराध की सीबीआई जांच की भी मांग की और कार्यस्थल पर हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई।

इस घटना ने देशभर में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के बीच भय और गुस्से की लहर पैदा कर दी है। कई डॉक्टरों ने इस मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग की है। डॉक्टरों के अनुसार, यह पहला मामला नहीं है जब ड्यूटी के दौरान किसी डॉक्टर पर हमला हुआ हो। इसके पहले भी कई घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया गया है।

छत्तीसगढ़ के कई मेडिकल कॉलेजों में भी ऐसी हिंसक घटनाएं देखने को मिल चुकी हैं। परिजनों द्वारा डॉक्टरों के साथ मारपीट की घटनाएं आम हो गई हैं, लेकिन इन पर किसी भी तरह की ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इन घटनाओं को रोकने के लिए डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों ने सेंट्रल हेल्थ वर्कर्स प्रोटेक्शन एक्ट की मांग की है, ताकि कामकाजी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह की हिंसक गतिविधियों के खिलाफ ठोस कदम उठाना आवश्यक है। स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कानून और नीतियों की आवश्यकता है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो आने वाले समय में और भी हिंसा की घटनाएं हो सकती हैं।

डॉक्टरों और छात्रों का कहना है कि यह घटना चिकित्सा समुदाय के लिए एक बड़ा सदमा है और इससे पूरे देश में डॉक्टरों के प्रति बढ़ती हिंसा की ओर इशारा होता है। उनका कहना है कि स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए एक सशक्त कानूनी ढांचा होना चाहिए, जो इस तरह की घटनाओं को रोक सके।

इस जघन्य हत्या के विरोध में किए गए प्रदर्शन और श्रद्धांजलि अर्पित करने की प्रक्रिया के दौरान, डॉक्टरों ने एकजुट होकर न्याय की मांग की और इस तरह की घटनाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई की अपील की। उनकी मांग है कि अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए और सुरक्षा के लिए ठोस उपाय किए जाएं।

अंततः, इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा को लेकर समाज में एक गंभीर संवाद और कार्रवाई की आवश्यकता है। आशा की जाती है कि इस मामले की सीबीआई जांच के माध्यम से सच्चाई सामने आएगी और दोषियों को सजा मिलेगी, जिससे भविष्य में ऐसे अपराधों की पुनरावृत्ति को रोका जा सके

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