Monday, December 23, 2024

शहीद सुमन यादव का पार्थिव शरीर मां की दहाड़

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भागलपुर, 25 जुलाई 2024: हिमाचल प्रदेश के रोपा पहाड़ी क्षेत्र में आतंकियों से मुकाबला करते हुए शहीद हुए आर्मी जवान सुमन यादव का पार्थिव शरीर आज उनके पैतृक गांव सहोरा पहुंचा। पार्थिव शरीर की घर वापसी ने पूरे गांव को गहरे शोक और गर्व में डुबो दिया। शहीद के परिवार और गांववासियों की भावनाएं फूट पड़ीं, और हर आंख नम हो गई।

सुमन यादव की शहादत की खबर से सहोरा गांव में मातम छा गया। जैसे ही उनके पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटा गया और गांव में लाया गया, मां दुलारी देवी की दहाड़ मारकर रोने की आवाज सुनकर गांव का हर दिल दहल उठा। माँ का विलाप ‘ए बाबू हो..’ गांव की गलियों में गूंज उठा, और सबके दिलों को छू गया।

राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

शहीद सुमन यादव का पार्थिव शरीर जैसे ही गांव पहुंचा, अंतिम दर्शन के लिए गांववासियों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। शहीद के पार्थिव शरीर को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम यात्रा पर ले जाया गया। इस यात्रा में इलाके के जनप्रतिनिधि, समाजसेवी, और हजारों लोग शामिल हुए। शहीद सुमन यादव की अंतिम यात्रा में शामिल होकर लोगों ने नम आंखों से उन्हें विदाई दी और उनकी शहादत को श्रद्धांजलि अर्पित की।

गांववालों ने शहीद के सम्मान में ‘भारत माता की जय’ और ‘वीर सपूत अमर रहें’ के नारों के साथ उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर शहीद के परिवार के सदस्य, जैसे मां दुलारी देवी, बहन, और भाई भी बदहवास नजर आए, और गांववासियों ने उन्हें ढांढस बंधाया। शहीद सुमन यादव की एक झलक पाने के लिए आसपास के गांवों से भी लोग आए थे।

गांववासियों की भावनाएं और गर्व

सहोरा गांव के लोगों ने शहीद सुमन यादव की शहादत पर गर्व जताया। उन्होंने कहा कि उनकी धरती हमेशा से वीर सपूतों की बलिदानी से भरी रही है और यहां की मिट्टी में देश के लिए मर मिटने की क्षमता है। यह शहादत हमें गर्वित करती है और यह हमें बताती है कि हमारी धरती ने अपने वीर सपूतों के माध्यम से देश की सेवा की है।

शहीद सुमन यादव की शहादत को सम्मानित करने के लिए नवगछिया एसपी पुरण कुमार झा, डीएसपी ओमप्रकाश प्रकाश, रंगरा बीडीओ अणु भारती, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर मौजूद थे। इन अधिकारियों ने शहीद के परिवार को सांत्वना दी और शहादत के प्रति सम्मान प्रकट किया।

शहीद की शहादत का महत्व

सुमन यादव की शहादत ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे गांव को गहरे शोक में डुबो दिया है। उनकी शहादत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हमारे सपूतों की बलिदानी ने देश की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। शहीद की मां की चीख, गांववासियों का शोक और गर्व, सब मिलकर इस पल को एक ऐतिहासिक और भावनात्मक घटना बना देते हैं।

सुमन यादव की शहादत का यह गहरा प्रभाव यह दर्शाता है कि उनकी बलिदानी देश के प्रति उनकी निष्ठा और समर्पण को दर्शाती है। इस समय, शहीद की याद और उनके प्रति सम्मान को अभिव्यक्त करने का यह अवसर है कि हम उनके बलिदान को हमेशा याद रखें और उनके परिवार के साथ खड़े रहें।

इस प्रकार, शहीद सुमन यादव की अंतिम यात्रा और उनकी शहादत ने पूरे गांव में एक भावनात्मक लहर पैदा कर दी है। उनकी शहादत के साथ ही उनका नाम और उनकी विरासत हमेशा याद रखी जाएगी।

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