Monday, December 23, 2024

दुर्ग में सराफा कारोबारियों को 1.11 करोड़ का चूना लगाया

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दुर्ग जिले में जीजा और साले की जोड़ी ने सराफा कारोबारियों को एक करोड़ 11 लाख रुपये से भी अधिक की धोखाधड़ी का शिकार बना दिया। इस धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ जब आरोपितों ने तीन सराफा कारोबारियों से सोने के जेवर लेकर उसके बदले में वादा किए गए फाइन सोने और व्यापार से लाभ की रकम नहीं दी। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

आरोपितों की पहचान और घटना की जानकारी

पुलिस के अनुसार, दुर्ग शहर के सदर बाजार निवासी शाहजहां अली, विजय सोनी और प्रामित धारा ने ऋषभ ग्रीन सिटी पुलगांव निवासी मनीष सोनी और उसके साले धीरज सोनी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है। आरोपित मनीष सोनी और धीरज सोनी ने सराफा कारोबारियों से सोने के जेवर लेने के बाद फाइन सोना और व्यापार से लाभ की रकम देने का वादा किया था। लेकिन, आरोपितों ने समय के साथ अपनी बात से मुकरते हुए पीड़ितों को धोखा दिया।

धोखाधड़ी की योजना और उसके क्रियान्वयन की प्रक्रिया

मनीष सोनी और धीरज सोनी ने पीड़ितों से सोने के जेवर लेकर उन्हें झांसा दिया कि वे जितना सोना देंगे, उतना फाइन सोना और व्यापार से लाभ में कुछ रकम देंगे। शुरुआत में आरोपितों ने वादा निभाया और सही समय पर सोना और पैसे का भुगतान किया। लेकिन, कुछ समय बाद आरोपितों ने अचानक से सोना लेना बंद कर दिया और भुगतान भी करना बंद कर दिया।

पीड़ितों ने जब आरोपितों से संपर्क किया, तो उन्होंने बार-बार बहाने बनाकर भुगतान से मना कर दिया। अंततः पीड़ितों को समझ में आया कि वे धोखाधड़ी का शिकार हो चुके हैं और उन्होंने इस संबंध में पुलिस से शिकायत की।

पीड़ितों के द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत

शाहजहां अली ने बताया कि आरोपितों ने उनके 800 ग्राम 950 मिलीग्राम सोना, जिसकी कीमत लगभग 50 लाख रुपये है, हजम कर लिया। विजय सोनी का 537 ग्राम 40 मिलीग्राम सोना, जिसकी कीमत करीब 40 लाख रुपये है, भी आरोपितों द्वारा गबन कर लिया गया। इसके अलावा, प्रामित धारा का 373 ग्राम 920 मिलीग्राम सोना, जिसकी कीमत करीब 21 लाख रुपये है, भी आरोपितों ने ठग लिया।

पीड़ितों ने आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई और पुलिस ने उनकी शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने आरोपितों की तलाश शुरू कर दी है और उन्हें जल्द गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है।

पुलिस की कार्रवाई और जांच

दुर्ग पुलिस ने इस गंभीर धोखाधड़ी की जांच के लिए विशेष टीम गठित की है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। साथ ही, पुलिस ने पीड़ितों के बयान दर्ज किए हैं और मामले की गहन जांच की जा रही है।

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने बताया कि आरोपितों को जल्द ही पकड़ने के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं। आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

सामाजिक प्रभाव और सुरक्षा उपाय

इस घटना ने स्थानीय सराफा व्यापारियों और आम जनता के बीच सुरक्षा और सतर्कता को लेकर चिंता पैदा कर दी है। व्यापारियों को सलाह दी गई है कि वे किसी भी व्यापारिक लेन-देन के दौरान पूरी सावधानी बरतें और किसी भी नए साझेदार से लेन-देन करने से पहले उनकी पूरी जानकारी प्राप्त करें।

साथ ही, व्यापारियों को अपनी लेन-देन की प्रक्रिया को कागज पर रिकॉर्ड करने और सभी समझौतों को लिखित में रखने की सलाह दी गई है। इससे भविष्य में किसी भी विवाद की स्थिति में कानूनी साक्ष्य के रूप में काम आ सकेगा।

कानून और व्यवस्था

इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए और कड़े सुरक्षा प्रबंध करने का आश्वासन दिया है। पुलिस ने कहा है कि सभी व्यापारियों को इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सतर्क रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देनी चाहिए।

दुर्ग में जीजा और साले की जोड़ी द्वारा किए गए इस बड़े धोखाधड़ी के मामले ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि सावधानी और सतर्कता की कितनी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। पीड़ितों की शिकायतों पर पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की है और दोषियों को सजा दिलाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। इस घटना ने व्यापारियों को भविष्य में सतर्क रहने और लेन-देन की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने के महत्व को स्पष्ट किया है।

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