Monday, December 23, 2024

महासमुंद के सड़क निर्माण में देरी पर सरपंच का दिल्ली में अनूठा प्रदर्शन

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छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के ग्राम पंचायत बम्बूरडीह के सरपंच शत्रुहन चेलक ने रामाडबरी से बावनकेरा तक की दो किलोमीटर पक्की सड़क के शीघ्र निर्माण की मांग को लेकर दिल्ली में अनूठा प्रदर्शन किया। इस सड़क के निर्माण के लिए वर्ष 2023 में 2 करोड़ 53 लाख 71 हजार रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी, लेकिन अभी तक टेंडर की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है, जिसके कारण सड़क निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है।

रामाडबरी से बावनकेरा तक सड़क निर्माण की मांग

ग्राम रामाडबरी, जो बम्बूरडीह पंचायत का आश्रित ग्राम है, बारिश के मौसम में टापू बन जाता है। पक्की सड़क नहीं होने के कारण बरसात के दिनों में यहां का आवागमन बहुत कठिन हो जाता है। गांव के लोगों को स्कूल और चिकित्सा आपातकालीन सेवाओं के लिए भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। स्कूल के शिक्षक भी समय पर नहीं पहुंच पाते हैं, जिससे शिक्षा व्यवस्था प्रभावित होती है।

दिल्ली में अनूठा प्रदर्शन

अपनी मांगों को प्रमुखता से रखने के लिए सरपंच शत्रुहन चेलक दिल्ली पहुंचे और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के सरकारी आवास के बाहर सड़क पर लेटकर प्रदर्शन किया। उनका यह अनूठा प्रदर्शन नेशनल मीडिया के संज्ञान में आया और इसके बाद शत्रुहन चेलक की पड़ताल शुरू हुई।

प्रदर्शन का उद्देश्य

सरपंच चेलक का यह प्रदर्शन गांव के लोगों की आवाज़ को उठाने और सरकार तक पहुंचाने का एक प्रयास था। उन्होंने बताया कि गांव के लोग कई सालों से सड़क निर्माण की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक उनकी मांगों को अनसुना किया गया है। उन्होंने कहा कि यह सड़क गांव के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसके निर्माण से गांव के लोगों को बहुत राहत मिलेगी।

मीडिया का ध्यान

सरपंच चेलक के इस अनूठे प्रदर्शन ने मीडिया का ध्यान खींचा और इसे नेशनल चैनलों ने कवरेज दी। इस प्रदर्शन के माध्यम से सरपंच ने यह संदेश दिया कि सरकार को गांव के लोगों की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए और शीघ्र ही सड़क निर्माण कार्य को शुरू करना चाहिए।

गांव की समस्याएं

रामाडबरी गांव के लोग बरसात के दिनों में पक्की सड़क नहीं होने के कारण टापू जैसे हालात का सामना करते हैं। बरसात के दिनों में आवागमन बहुत कठिन हो जाता है और गांव के लोगों को आवश्यक सेवाओं के लिए संघर्ष करना पड़ता है। स्कूल के बच्चे समय पर स्कूल नहीं पहुंच पाते और चिकित्सा सेवाएं भी प्रभावित होती हैं। पक्की सड़क नहीं होने के कारण ग्रामीणों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

सरकारी उदासीनता

वर्ष 2023 में 2 करोड़ 53 लाख 71 हजार रुपये की राशि स्वीकृत होने के बावजूद अब तक टेंडर की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। इससे स्पष्ट होता है कि सरकार की ओर से इस मुद्दे पर उदासीनता बरती जा रही है। गांव के लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए सरकार को शीघ्रता से कार्रवाई करनी चाहिए।

सरपंच चेलक का संदेश

सरपंच शत्रुहन चेलक का यह प्रदर्शन गांव के लोगों की आवाज़ को उठाने और सरकार तक पहुंचाने का एक प्रयास था। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को नहीं सुना तो वे आगे भी प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि गांव के लोग सड़क निर्माण के लिए सरकार से मदद की उम्मीद कर रहे हैं और अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती तो वे अपने हक के लिए संघर्ष जारी रखेंगे।

भविष्य की योजना

सरपंच चेलक ने यह भी बताया कि वे भविष्य में भी इस मुद्दे को उठाते रहेंगे और सरकार पर दबाव बनाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि गांव के लोग अब जागरूक हो चुके हैं और वे अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को नहीं सुना तो वे और भी बड़े स्तर पर प्रदर्शन करेंगे।

रामाडबरी से बावनकेरा तक की दो किलोमीटर पक्की सड़क का निर्माण गांव के लोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। सरपंच शत्रुहन चेलक का अनूठा प्रदर्शन इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाने और सरकार का ध्यान आकर्षित करने का एक प्रयास था। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और कब तक सड़क निर्माण कार्य को पूरा किया जाता है। गांव के लोग सड़क निर्माण के लिए उम्मीद लगाए बैठे हैं और सरकार से शीघ्रता से कार्रवाई की अपेक्षा कर रहे हैं।

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