गाजियाबाद के मोदीनगर क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें तीन साल के एक बच्चे की कुत्ते के काटने के बाद मौत हो गई। यह घटना भोजपुर थाना क्षेत्र के गांव बढ़ायला में घटी है और इसके बाद पूरे गांव में हड़कंप मच गया है। इस मामले में इलाज की लापरवाही और पागल कुत्ते के कारण हुई मौत को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।
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Toggleघटना का विवरण
गांव बढ़ायला निवासी शिवकुमार का तीन साल का पुत्र नित्यांश, जो कक्षा नर्सरी का छात्र था, 25 जून को अपने घर के बाहर खेल रहा था। इस दौरान एक पागल कुत्ता उसके पास आया और उसे काट लिया। कुत्ते के काटने के बाद नित्यांश के परिवार ने उसे तुरंत भोजपुर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और फिर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोदीनगर ले जाकर इलाज कराया।
स्वास्थ्य केंद्रों ने बच्चे को रेबीज का इंजेक्शन लगाया, जो कुत्ते के काटने के लिए आमतौर पर दी जाती है। इसके बावजूद, नित्यांश की तबीयत बिगड़ती चली गई। इसके बाद परिवार ने उसे मोदीनगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ। अंततः, उसे दिल्ली के एम्स अस्पताल में रेफर कर दिया गया।
इलाज में लापरवाही
एम्स अस्पताल में भी नित्यांश का कई दिनों तक इलाज चलता रहा, लेकिन उसकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। परिवार ने बताया कि इलाज के बावजूद बच्चे की हालत और भी बिगड़ गई और अंततः उसे घर ले आना पड़ा। हालात में और सुधार न देख पाने के बाद नित्यांश की मौत हो गई।
इस घटना ने न केवल परिवार को गहरा आघात पहुंचाया है बल्कि इलाज में लापरवाही के सवाल भी उठाए हैं। बच्चा कुत्ते के काटने के बाद लगातार इलाज करवा रहा था, फिर भी उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। यह घटना चिकित्सा प्रणाली की कमजोरियों और लापरवाहियों को उजागर करती है, जो गंभीर परिणामों की वजह बन सकती हैं।
ग्राम प्रधान की रिपोर्ट
ग्राम प्रधान ने जानकारी दी कि उस दिन पागल कुत्ते ने नित्यांश के अलावा तीन अन्य लोगों को भी काटा था। हालांकि, नित्यांश की मौत के बाद अन्य दो लोगों की हालत सामान्य बताई जा रही है। यह जानकारी इस बात की पुष्टि करती है कि पागल कुत्ते की वजह से प्रभावित लोगों की संख्या केवल नित्यांश तक सीमित नहीं थी, बल्कि इससे गांव में अन्य लोग भी प्रभावित हुए थे।
परिवार का दुख और मांग
नित्यांश के परिवार में इस घटना के बाद कोहराम मचा हुआ है। बच्चे की मौत ने परिवार को गहरा दुख पहुँचाया है। परिवार के सदस्य और गांववाले आरोप लगा रहे हैं कि इलाज में लापरवाही के कारण नित्यांश की जान गई। उन्होंने इस मामले की उचित जांच और जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
इसके अलावा, परिवार और स्थानीय लोगों ने कुत्ते के काटने की घटनाओं के खिलाफ ठोस कदम उठाने की आवश्यकता की बात की है। पागल कुत्तों की समस्याओं को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन को सक्रिय होने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।
स्वास्थ्य अधिकारियों की प्रतिक्रिया
स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस घटना पर चिंता व्यक्त की है और इसे गंभीरता से लिया है। उन्होंने बताया कि रेबीज के खिलाफ टीकाकरण की प्रक्रिया को सही तरीके से अपनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। हालांकि, इस मामले में टीकाकरण के बावजूद नित्यांश की मौत ने चिकित्सा प्रणाली की जांच की आवश्यकता को स्पष्ट कर दिया है।
अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि वे मामले की पूरी जांच करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इसके साथ ही, वे चिकित्सा और स्वास्थ्य प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू करने का प्रयास करेंगे, ताकि मरीजों को सही समय पर सही इलाज मिल सके।
गाजियाबाद के मोदीनगर क्षेत्र में तीन साल के बच्चे की मौत एक गंभीर और दुखद घटना है, जिसने पूरे गांव को हिला दिया है। इस मामले में इलाज की लापरवाही और पागल कुत्ते के कारण हुई मौत ने स्वास्थ्य प्रणाली पर कई सवाल उठाए हैं। परिवार और गांववाले न्याय की मांग कर रहे हैं और इस मामले की उचित जांच की आशा कर रहे हैं।
स्वास्थ्य अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन को इस घटना को गंभीरता से लेना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इसके साथ ही, कुत्ते के काटने की घटनाओं के खिलाफ ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि किसी और की जान को खतरे में डाला न जा सके।