सावन मास का आगमन समूचे शहर को भोलेनाथ की भक्ति और उत्सव के रंग में रंग देता है। मंदिरों में घंटियों की गूंज, बाजारों की रौनक, और कांवड़ियों की श्रद्धा इस पवित्र माह को और भी विशेष बना देती है। न्यायधानी में हर साल भक्तों को इस मास का बेसब्री से इंतजार रहता है। 22 जुलाई से सावन का पहला सोमवार प्रारंभ होकर 19 अगस्त को समापन होगा। कल से सावन मास का शुभारंभ हो रहा है और सोमवार से ही इसकी शुरूआत हो रही है। शहर में भोलेनाथ की भक्ति की धूम मचेगी। शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ेगी जो भोलेनाथ को जल चढ़ाने के लिए लालायित होंगे। घर-घर में और मंदिरों में शंख और घंटी की ध्वनि गूंजेगी, जो इस पवित्र माह के आगमन की सूचना देगी। इस साल चार के बजाए पांच सावन सोमवार होंगे।
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Toggleशिवालयों में भक्तों का तांता
बिलासपुर के प्रसिद्ध शिवालयों में सावन के दौरान भक्तों की भीड़ उमड़ेगी। शिव भक्त विशेष रूप से बिलासपुर के शिवालयों में जाकर पूजा-अर्चना करेंगे। यहां भक्तों के लिए विशेष आयोजन किए जाएंगे, जिसमें भजन-कीर्तन और रुद्राभिषेक शामिल हैं। शिव मंदिर शंकर नगर के पुजारी पं. रमेश तिवारी का कहना है कि इस बार सावन के महीने में कई अद्भुत संयोग बन रहे हैं। इस बार सावन के कृष्ण पक्ष में दो सोमवार और शुक्ल पक्ष में तीन सोमवार पड़ रहे हैं, जो भक्तों के लिए अत्यंत लाभकारी माने जा रहे हैं। यह संयोग भक्तों के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाएगा।
प्रमुख शिव मंदिर
- देवरानी-जेठानी (रुद्र-शिव) मंदिर, तालागांव
- बूढ़ा महादेव, रतनपुर
- पातालेश्वर महादेव, मल्हार
- चांटीडीह शिव मंदिर
- अष्टमुखी शिव मंदिर, मध्यनगरी
बाजार भी शिवमय
सावन मास के आगमन के साथ ही बाजार भी गुलजार हो उठता है। पूजन सामग्री, फूल, बेलपत्र, धतूरा, और फल-फूल की मांग बढ़ जाती है। इस दौरान हर तरफ रंग-बिरंगे फूलों और पूजन सामग्री की दुकानों पर भीड़ दिखाई देती है। ऐसा ही नजारा रविवार को बिलासपुर में देखने को मिला। प्रमुख बाजार व चौक-चौराहों में खरीदारी करने भक्त पहुंचे।
बाजार भाव:
- बेलपत्र: 10 रुपये 11 नग
- धतूरा: 10 रुपये दो नग
- फूल: 10 से 20 रुपये पैकेट
- पूजन सामग्री: 51 रुपये से 501 रुपये पैकेट
- केला: 50 रुपये दर्जन
- सेब: 120 से 240 रुपये प्रति किलो
- मुंसबी: 80 से 160 रुपये प्रति किलो
- नारियल: 20 से 30 रुपये प्रति नग
कांवड़ यात्रियों में उत्साह
सावन के महीने में कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व होता है। कांवड़िए गंगाजल लाने के लिए विभिन्न शहरों से हरिद्वार, गंगोत्री और गौमुख जाते हैं। वहां से गंगाजल लेकर अपने स्थानीय शिवालयों में चढ़ाते हैं। रेलवे जोनल स्टेशन और बस स्टैंडों पर रविवार को कांवड़ियों की भीड़ देखी गई जो बेहद उत्साहित दिखे।
पूजन विधि
पं. तिवारी के मुताबिक सावन के सोमवार का विशेष महत्व होता है। इस दिन भक्त प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करते हैं और शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, और गंगा जल चढ़ाते हैं। इसके पश्चात, शिवलिंग को बेलपत्र, धतूरा, और आक के फूल अर्पित किए जाते हैं। भक्त विशेष रूप से “ओम नमः शिवाय” का जाप करते हुए शिवजी की आरती करें और प्रसाद चढ़ाएं।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और मेलों की धूम
सावन के महीने में बिलासपुर में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम और मेले आयोजित किए जाते हैं। इन आयोजनों में स्थानीय कलाकारों के नृत्य और संगीत कार्यक्रम, धार्मिक नाटक, और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियां शामिल होती हैं। इस महीने के दौरान धार्मिक यात्राएं भी आयोजित की जाती हैं, जिसमें भक्त बड़ी संख्या में भाग लेते हैं।
प्रशासन की तैयारी
सावन मास के दौरान शहर में भीड़ और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने विशेष तैयारियां की हैं। पुलिस बल की तैनाती, ट्रैफिक व्यवस्था, और सफाई व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए विशेष कदम उठाए गए हैं। इसके अलावा, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं ताकि भक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
सावन मास का समापन
सावन मास का समापन 19 अगस्त को होगा। इस दिन विशेष पूजा-अर्चना और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। भक्त इस दिन को बड़े धूमधाम से मनाएंगे और शिवजी की विशेष आराधना करेंगे। इस तरह सावन मास का पवित्र माह भक्तों के लिए सुख-समृद्धि और शांति का संदेश लेकर आता है।