Monday, December 23, 2024

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा के खिलाफ ईडी की बड़ी कार्रवाई

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दिल्ली — कांग्रेस नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के खिलाफ चल रहे कथित जमीन धोखाधड़ी केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। शुक्रवार को, ईडी ने रियल एस्टेट समूह M3M की 300 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की जमीन को कुर्क कर दिया। इस कार्रवाई को लेकर ईडी ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि यह कदम धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत उठाया गया है।

मामला क्या है?

यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की एफआईआर से उपजा है, जो हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा, नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के पूर्व निदेशक त्रिलोक चंद गुप्ता, रियल्टी समूह RSIPL (आरएस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड) और 14 अन्य कॉलोनाइजर कंपनियों के खिलाफ दर्ज की गई थी। आरोप है कि इन व्यक्तियों और कंपनियों ने सरकारी और निजी भूमि का अवैध तरीके से अधिग्रहण किया और धोखाधड़ी की।

ईडी की कार्रवाई और कंपनी का बयान

ईडी ने 88.29 एकड़ की जमीन को अटैच किया है, जो गुरुग्राम जिले की हरसरू तहसील के बशारिया गांव में स्थित है। यह भूमि दिल्ली की सीमा से सटी हुई है और इसकी कीमत लगभग 300.11 करोड़ रुपये आंकी गई है। ईडी के अनुसार, आरोपियों ने धोखाधड़ी और बेईमानी से भूमि अधिग्रहण कर के सरकारी नियमों का उल्लंघन किया और अपने लाभ के लिए गलत तरीके से लाइसेंस प्राप्त किए।

ईडी ने कहा कि आरोपियों ने पहले भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 की धारा 4 और धारा 6 के तहत अधिसूचना जारी कर के भूमि मालिकों को धोखा दिया। इसके परिणामस्वरूप, जमीन मालिकों को अपनी भूमि को कम कीमत पर बेचना पड़ा। इसके अलावा, आरोपियों ने आशय पत्र (LOI) या लाइसेंस प्राप्त कर के अवैध लाभ उठाया और इससे हरियाणा राज्य और आम लोगों को नुकसान हुआ।

M3M समूह की प्रतिक्रिया

रियल एस्टेट समूह M3M ने ईडी की कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। समूह के प्रवक्ता ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि भूमि की अस्थायी जब्ती की कार्रवाई अत्यधिक अनुचित और अन्यायपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई किसी अपराध से जुड़ी नहीं है और PMLA के तहत अपराध की आय के दायरे में नहीं आती। प्रवक्ता ने यह भी कहा कि कंपनी ने भूमि पर भारी निवेश किया है और इसे ध्यान में नहीं रखा गया है।

कानूनी और व्यवसायिक असर

M3M के प्रवक्ता ने कहा, “हमारी परियोजना ने हजारों परिवारों के लिए रोजगार सृजन किया है। इस परियोजना की क्षमता को नजरअंदाज किया गया है और ईडी की कार्रवाई न तो कानूनी रूप से उचित है और न ही न्याय के दृष्टिकोण से। आरोपों की गलत व्याख्या की गई है और उन्हें बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है।”

भविष्य की संभावनाएं

जांच के दौरान, ईडी ने कहा कि इस मामले में और भी आरोपियों की भूमिका की जांच की जा रही है। ईडी के बयान के अनुसार, जांच प्रक्रिया जारी है और इसमें संभावित कानूनी कार्रवाइयों की संभावना बनी हुई है।

पिछले कुछ वर्षों में, इस प्रकार के मामलों ने व्यापक ध्यान आकर्षित किया है और अक्सर विवाद और कानूनी जटिलताओं का कारण बनते हैं। इस मामले में भी ईडी और M3M के बीच की यह जंग आगे चलकर कई नई मोड़ ले सकती है।

भूपिंदर सिंह हुड्डा और अन्य आरोपियों की भूमिका को लेकर आगे की जांच में क्या नया तथ्य सामने आएगा, यह देखना बाकी है। इस बीच, ईडी की कार्रवाई ने रियल एस्टेट क्षेत्र में एक बार फिर से बड़े पैमाने पर कानूनी और व्यवसायिक हलचल मचा दी है।\

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