दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घटते वजन पर अब सियासत शुरू हो गई है। दिल्ली राज निवास ने इस संबंध में मुख्य सचिव नरेश कुमार को पत्र लिखा है। इस पत्र में एलजी के प्रधान सचिव ने केजरीवाल पर जानबूझकर कम कैलोरी लेने का आरोप लगाया है और उनके स्वास्थ्य के बारे में चिंता जताई है।
केजरीवाल के घटते वजन का मुद्दा
एलजी के प्रधान सचिव की ओर से लिखी गई इस चिट्ठी में आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने 6 जून से 13 जुलाई तक डाइट प्लान का पालन नहीं किया। चिट्ठी में कहा गया है कि अरविंद केजरीवाल की स्वास्थ्य स्थिति के संबंध में जेल अधीक्षक की रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है कि मुख्यमंत्री द्वारा जानबूझकर कम कैलोरी का सेवन करने के कई मामले हैं, जबकि उन्हें पर्याप्त मात्रा में घर का बना खाना उपलब्ध कराया जाता है।
चिट्ठी में यह भी उल्लेख किया गया है कि 6 जून, 2024 से 13 जुलाई, 2024 के बीच केजरीवाल ने दिन के तीनों टाइम के भोजन के लिए निर्धारित पूरा आहार नहीं लिया था। रिपोर्ट में वजन में कमी का भी जिक्र किया गया है, जो अब 61.5 किलोग्राम है, जबकि सरेंडर की तारीख 2 जून, 2024 को यह 63.5 किलोग्राम था। प्रथम दृष्टया, ऐसा लगता है कि यह कम कैलोरी सेवन के कारण हुआ है।
स्वास्थ्य स्थिति पर चिंता
पत्र में यह भी कहा गया है कि 18 जून, 2024 को केजरीवाल को इंसुलिन नहीं दिया गया था या जेल अधिकारियों द्वारा तत्काल रिपोर्ट में दर्ज नहीं किया गया था। अधिकांश दिनों में ग्लूकोमीटर टेस्ट रीडिंग और सीजीएमएस रीडिंग के बीच महत्वपूर्ण भिन्नताएं हैं। उदाहरण के लिए, 19 जून, 2024 को दोपहर के भोजन से पहले किए गए ग्लूकोमीटर रीडिंग में 104 एमजीएल की रिकॉर्डिंग दर्ज की गई, जबकि उसी दिन दोपहर 12.30 बजे दोपहर के भोजन से पहले किए गए सीजीएमएस रीडिंग में 82 एमजीएल दर्ज किया गया।
पत्र में कहा गया है कि 6 जुलाई, 2024 को केजरीवाल ने सभी तीन भोजन के दौरान निर्धारित आहार का सेवन नहीं किया। नाश्ते से पहले 5 यूनिट इंसुलिन, दोपहर के भोजन से पहले 4 यूनिट और रात के खाने से पहले 2 यूनिट इंसुलिन दिया गया। 7 जुलाई को फिर से निर्धारित आहार नहीं लिया गया और उस दिन नाश्ते से पहले 5 यूनिट इंसुलिन, दोपहर के भोजन से पहले 4 यूनिट इंसुलिन और रात के खाने से पहले इंसुलिन लेने से मुख्यमंत्री ने मना कर दिया।
एलजी की चिंता और सुझाव
एलजी ने मुख्यमंत्री द्वारा निर्धारित मेडिकल डाइट और दवाओं का सेवन न करने पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि उनसे इसके कारणों का पता लगाया जाए, क्योंकि इससे मेडिकल और कानूनी परिणाम भी हो सकते हैं। जेल अधिकारी मुख्यमंत्री को डाइट एक्सपर्ट द्वारा बताए भोजन के अलावा दवा और इंसुलिन की निर्धारित खुराक का सख्ती से पालन करने की सलाह दे सकते हैं। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि उन्हें टाइप-II डायबिटीज मेलिटस है। इस संबंध में किसी भी अस्पष्टता से बचने के लिए ब्लड शुगर लेवल की निगरानी के सख्त प्रोटोकॉल भी स्थापित किए जा सकते हैं।
‘आप’ का एलजी पर पलटवार
वहीं, एलजी के प्रधान सचिव की चिट्ठी पर आम आदमी पार्टी (आप) ने पलटवार किया है। दिल्ली की मंत्री और ‘आप’ प्रवक्ता आतिशी ने कहा कि बीजेपी सीएम अरविंद केजरीवाल को मारने की साजिश रच रही है। उन्होंने कहा कि सीएम केजरीवाल का शुगर लेवल 8 से ज्यादा बार 50 से नीचे आया, वो कोमा में भी जा सकते हैं। ऐसी स्थिति में ब्रेन स्ट्रोक का भी खतरा रहता है।
वहीं, ‘आप’ सांसद संजय सिंह ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, ”ये क्या मजाक कर रहें हैं एलजी साहब? क्या कोई आदमी खुद की रात में शुगर कम करेगा? जो कि बहुत खतरनाक है। एलजी साहब बीमारी के बारे में पता नहीं तो आपको ऐसा लेटर नहीं लिखना चाहिए। ईश्वर ना करें कभी आप के साथ ऐसा समय आए।”
इस प्रकार, केजरीवाल के घटते वजन और स्वास्थ्य को लेकर दिल्ली में राजनीतिक तापमान बढ़ गया है। प्रशासनिक और राजनीतिक बयानबाजी के बीच, आम आदमी पार्टी ने एलजी और बीजेपी पर केजरीवाल के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है और केजरीवाल के स्वास्थ्य को लेकर उठाए गए सवालों का क्या जवाब मिलता है।