बालोद। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में शुक्रवार को दो किसानों की दर्दनाक मौत हो गई। एक घटना में बिजली गिरने से किसान के जेब में रखा मोबाइल फोन ब्लास्ट हो गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, दूसरी घटना में एक अन्य किसान पर बिजली गिरने से उसकी भी जान चली गई। इन घटनाओं ने पूरे इलाके में शोक की लहर फैला दी है और मृतकों के परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल है।
पहली घटना: लिमोरा गांव
पहली घटना बालोद थाना क्षेत्र के लिमोरा गांव की है। शुक्रवार को किसान धरमु साहू अपने खेत में काम कर रहा था। दोपहर के समय अचानक मौसम बदल गया और तेज आंधी-तूफान के साथ जोरदार बारिश होने लगी। धरमु साहू बारिश से बचने के लिए अपने खेत से घर जाने के लिए निकला। इसी बीच अचानक बिजली गिर गई और उसके जेब में रखा मोबाइल फोन ब्लास्ट हो गया। धमाके की वजह से धरमु की मौके पर ही मौत हो गई।
दर्दनाक घटना के बाद का माहौल
धरमु साहू की मौत की खबर मिलते ही गांव में शोक का माहौल फैल गया। मृतक के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव के लोगों ने बताया कि धरमु एक मेहनती किसान था और अपने परिवार का एकमात्र सहारा था। उसकी अचानक मौत ने पूरे परिवार को सदमे में डाल दिया है।
दूसरी घटना: सेमरकोना गांव
बालोद जिले में शुक्रवार को ही एक और दर्दनाक घटना घटी। सेमरकोना गांव का 45 वर्षीय किसान सुकलाल बारिश से बचने के लिए पेड़ के नीचे बैठा हुआ था। इसी बीच अचानक आसमानी बिजली गिर गई और सुकलाल की मौके पर ही मौत हो गई। घटना की खबर मिलते ही गांव में मातम छा गया और सुकलाल के परिवारजन गहरे दुख में डूब गए।
बिजली गिरने के मामलों में वृद्धि
इन दोनों घटनाओं के बाद से बिजली गिरने के मामलों में वृद्धि को लेकर चिंता बढ़ गई है। विशेषज्ञों के मुताबिक, मानसून के दौरान बिजली गिरने की घटनाएं अधिक होती हैं और इससे बचाव के उपायों के प्रति जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली गिरने से होने वाली मौतें आम हो गई हैं, जो कि चिंता का विषय है।
सुरक्षा उपायों की आवश्यकता
बिजली गिरने से बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय अपनाए जा सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जब भी मौसम खराब हो और आंधी-तूफान के साथ बिजली चमक रही हो, तो तुरंत सुरक्षित स्थान पर चले जाना चाहिए। खेतों में काम करते समय या खुले स्थानों पर रहने से बचना चाहिए। पेड़ के नीचे या ऊँची जगहों पर आश्रय नहीं लेना चाहिए, क्योंकि बिजली गिरने का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा, मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को उपयोग में नहीं लाना चाहिए, क्योंकि ये बिजली के संपर्क में आ सकते हैं।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
बालोद जिले की प्रशासनिक अधिकारी ने इन घटनाओं पर गहरा शोक व्यक्त किया है और मृतकों के परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। जिला प्रशासन ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रशासन ने स्थानीय लोगों को बिजली गिरने से बचाव के उपायों के प्रति जागरूक करने का निर्णय लिया है।
पीड़ित परिवारों की स्थिति
धरमु साहू और सुकलाल दोनों ही अपने परिवारों के मुख्य कमाने वाले सदस्य थे। उनकी मौत से परिवारों पर भारी आर्थिक संकट आ गया है। गांव के लोग और स्थानीय सामाजिक संगठन मृतकों के परिवारों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। सरकार से भी उम्मीद है कि वे मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करेंगे।
ग्रामीणों की चिंता
गांव के लोगों में इन घटनाओं के बाद से भय का माहौल है। वे अब आंधी-तूफान के समय खेतों में काम करने से डर रहे हैं। स्थानीय पंचायत ने इन घटनाओं को देखते हुए ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी है और बिजली गिरने के समय सुरक्षा उपाय अपनाने के लिए जागरूकता अभियान शुरू किया है।