जबलपुर और महाकौशल अंचल देश के भौगोलिक मानचित्र में केंद्र में स्थित होने के कारण इसे एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। यहाँ से देश के किसी भी कोने तक आवाजाही के लिए बेहतर सड़क और रेल नेटवर्क उपलब्ध है, जिससे यह क्षेत्र निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन गया है। डुमना एयरपोर्ट के विकास से हवाई सुविधा में विस्तार हुआ है, जिससे व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिला है। इस अंचल में पर्याप्त खनिज भंडार, वन, जल, और सस्ता मानव श्रम उपलब्ध है। इसके साथ ही बड़े शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान से उद्योगों के लिए विशेषज्ञ भी मिलते हैं।
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Toggleमहाकौशल अंचल की संभावनाएं
महाकौशल अंचल खनिज और वन संपदा से समृद्ध है और यह कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए अनुकूल है। रक्षा उत्पाद निर्माण में यह अंचल प्रगतिशील है और वस्त्र एवं पर्यटन उद्योग को लेकर भी यहां अपार संभावनाएं हैं। इन समस्त क्षेत्रों में निवेश से औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। बड़े निवेशकों के आगमन से समूचे महाकौशल में समृद्धि के द्वार खुलेंगे, श्रमिकों और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, और अंचल का आर्थिक विकास होगा। इससे प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक और विकसित क्षेत्र के रूप में जबलपुर और महाकौशल अपनी नई पहचान बनाएगा।
निवेशकों के लिए आकर्षक
जबलपुर और महाकौशल अंचल की भौगोलिक स्थिति इसे निवेशकों के लिए अत्यधिक आकर्षक बनाती है। यहाँ से बेहतर सड़क-रेल नेटवर्क की सुविधा है और डुमना एयरपोर्ट के विकास से हवाई सुविधा का भी विस्तार हुआ है। इस अंचल में पर्याप्त खनिज भंडार, वन, जल, और सस्ता मानव श्रम उपलब्ध है। शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थानों से उद्योगों के लिए विशेषज्ञ और मानव श्रम भी मिलता है। मुंबई पोर्ट तक लॉजिस्टिक की लागत को कम करने के लिए जबलपुर के निकट एक लॉजिस्टिक हब प्रस्तावित है और इनलेंड कंटेनर डिपो की स्थापना पर कार्य आरंभ हो चुका है, जिससे औद्योगिक इकाईयों में निर्मित उत्पाद को विदेश तक भेजना आसान हो जाएगा।
पर्यटन और फिल्म उद्योग की संभावनाएं
जबलपुर में विश्व प्रसिद्ध भेड़ाघाट की संगमरमरी वादियां पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। इसी नैसर्गिक सौंदर्य के कारण यहां कई बड़े बैनर की फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। टीवी सीरियल महाभारत में भी भेड़ाघाट का सौंदर्य देखा जा सकता है। जबलपुर की पहचान भेड़ाघाट के अलावा भी कई पर्यटन स्थलों के लिए है, जो फिल्मों की शूटिंग के लिए उपयुक्त हैं। कई वेब सीरीज भी यहाँ बनाई जा रही हैं। सरकार और निवेशक मिलकर इस शहर को फिल्म सिटी की सौगात दे सकते हैं, जिससे न केवल जबलपुर और महाकौशल बल्कि पूरे मध्य प्रदेश के विकास में योगदान मिलेगा। कला के क्षेत्र में भी प्रतिभाओं को मौका मिलेगा।
औद्योगिक निवेश को बढ़ावा
जबलपुर में हो रहे कान्क्लेव के पहले मुख्यमंत्री डा. यादव ने छिंदवाड़ा और जबलपुर सहित अन्य क्षेत्रों के उद्योगपतियों के साथ बैठक कर औद्योगिक निवेश के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि सम्मेलन का उद्देश्य क्षेत्रीय क्षमता का दोहन कर औद्योगिक विकास में क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करना है। जबलपुर क्षेत्र की औद्योगिक क्षमताओं और अवसरों से निवेशकों को रूबरू करवाकर क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना है। इस इनोवेटिव कान्क्लेव का उद्देश्य प्रमुख बाजारों से निवेशकों को एक मंच पर लाकर, सार्थक चर्चा कर सहयोग को बढ़ावा देना है।
क्षेत्रीय सत्र और चर्चा
जबलपुर और आसपास के क्षेत्र की निवेश संभावनाओं पर केंद्रित पांच क्षेत्रीय सत्र आयोजित किए जाएंगे। इनमें कृषि, खाद्य एवं डेयरी प्र-संस्करण, रक्षा, खनन एवं खनिज, कपड़ा एवं परिधान तथा पर्यटन शामिल हैं। साथ ही उद्योग संघों, स्टार्टअप्स एवं रक्षा, कपड़ा एवं परिधान के विशेषज्ञों के साथ राउंड टेबल चर्चा भी होगी। सम्मेलन में 300 से अधिक क्रेता-विक्रेता मीटिंग्स और वन-टू-वन चर्चा भी होंगी। निवेशकों को महाकौशल का अनुभव प्रदान करने के लिए जबलपुर एक्सपो और रक्षा प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम का समापन सांस्कृतिक कार्यक्रम और नेटवर्किंग डिनर के साथ होगा, जिसमें क्षेत्र की संस्कृति और व्यंजनों का प्रदर्शन किया जाएगा।
समृद्धि और विकास की ओर
महाकौशल अंचल में निवेश से न केवल औद्योगिक विकास को गति मिलेगी बल्कि श्रमिकों और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। यह अंचल प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक और विकसित क्षेत्र के रूप में अपनी नई पहचान बनाएगा। सरकार और निवेशकों के सहयोग से यह क्षेत्र समृद्धि और विकास की नई ऊंचाइयों को छूएगा। जबलपुर और महाकौशल अंचल में निवेशकों के आगमन से आर्थिक विकास के द्वार खुलेंगे और समूचे क्षेत्र की समृद्धि सुनिश्चित होगी।