भोपाल, 19 जुलाई 2024: शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत प्रदेश के लगभग 26,000 निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटों पर गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दी जाती है। हर साल, करीब एक लाख बच्चों को इस अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश मिलता है। इनकी फीस का भुगतान शासन की ओर से किया जाता है। एक बच्चे के लिए करीब साढ़े पांच हजार रुपये निजी स्कूल को दिए जाते हैं।
हालांकि, कई स्कूल अधिक फीस की मांग कर रहे हैं और कुछ स्कूलों की वास्तविक फीस कम होते हुए भी वे समान शुल्क लेते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, राज्य शिक्षा विभाग ने स्कूलों से सत्र 2023-24 का फीस स्ट्रक्चर और बच्चों से ली जाने वाली फीस की रसीदें मांगी हैं। विभाग ने निर्देश दिए हैं कि फीस की रसीद और स्कूलों द्वारा दी जाने वाली जानकारी एक होनी चाहिए। यह जानकारी 20 अगस्त तक स्कूलों को देनी होगी।
फीस की सत्यापन प्रक्रिया:
आरटीई के तहत बच्चों को दी जाने वाली राशि का वितरण नोडल अधिकारी के भौतिक सत्यापन के बाद किया जाएगा। जिला परियोजना समन्वयक द्वारा निरीक्षण के बाद ही स्कूल को राशि स्वीकृत की जाएगी। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी अनियमितता न हो, स्कूलों को प्रत्येक कक्षा की फीस की एक-एक रसीद अपलोड करनी होगी।
स्कूलों के लिए निर्देश:
- फोटो अपलोडिंग: निजी स्कूलों द्वारा बच्चों का नया फोटो अपलोड किया जाएगा।
- आधार और बायोमीट्रिक सत्यापन: कक्षा नर्सरी से केजी-2 के विद्यार्थियों का आधार सत्यापन और बायोमीट्रिक सत्यापन करना अनिवार्य होगा।
- उपस्थिति की जानकारी: विद्यार्थियों की उपस्थिति की जानकारी भी दी जानी चाहिए।
- फीस स्ट्रक्चर अपलोडिंग: स्कूलों को अपने कक्षावार फीस स्ट्रक्चर को पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
कार्रवाई के निर्देश:
यदि स्कूल द्वारा गलत जानकारी या निर्धारित फीस से अधिक दर्ज की जाती है तो स्कूल के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। स्कूलों को 20 अगस्त तक सही जानकारी पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। यह सुनिश्चित करने के लिए कि हर बच्चे को उचित शिक्षा और सुविधाएं मिलें, यह कदम उठाया गया है।
भौतिक सत्यापन के बाद राशि जारी:
स्कूलों द्वारा अपलोड की गई जानकारी का नोडल अधिकारी द्वारा भौतिक सत्यापन किया जाएगा और उसके बाद ही राशि स्वीकृत की जाएगी। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी स्कूल गलत जानकारी न दे, हर स्कूल की फीस की रसीद और फीस स्ट्रक्चर का निरीक्षण किया जाएगा।
शासन का उद्देश्य:
शासन का उद्देश्य यह है कि हर बच्चे को उचित शिक्षा मिले और किसी भी प्रकार की अनियमितता न हो। इसी को ध्यान में रखते हुए यह निर्देश जारी किए गए हैं। स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे सही जानकारी दें और फीस की रसीदें और फीस स्ट्रक्चर एक समान हो।
शिक्षा विभाग के इस कदम से यह सुनिश्चित होगा कि गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को सही तरीके से शिक्षा मिले और किसी भी प्रकार की अनियमितता न हो। यह कदम स्कूलों में पारदर्शिता बढ़ाने और बच्चों के हित में उठाया गया है। स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे समय पर सही जानकारी दें और फीस की रसीदें और फीस स्ट्रक्चर एक समान हो। यदि स्कूल इन निर्देशों का पालन नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।