Monday, December 23, 2024

सावन का महीना में भगवान शिव की उपासना और पौराणिक मान्यताओं का महत्व

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सावन का महीना हिंदू कैलेंडर के अनुसार एक विशेष महत्व रखता है और इसे बहुत ही पवित्र महीना माना जाता है। इस महीने की शुरुआत 22 जुलाई से हो रही है और यह 19 अगस्त तक चलेगा, जब रक्षाबंधन भी मनाया जाएगा। सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय महीना होता है और इस समय की उपासना से जीवन में सुख और समृद्धि प्राप्त करने की मान्यता है।

सावन का महीना और उसका महत्व

सावन, जिसे श्रावण मास भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में भगवान शिव की उपासना के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने की शुरुआत और समाप्ति के दिन विशेष धार्मिक आयोजन और पूजा-अर्चना के लिए चुने जाते हैं। इस बार सावन की शुरुआत 22 जुलाई, सोमवार को हो रही है, जो कि विशेष रूप से शुभ माना जा रहा है।

सावन का महीना भगवान शिव के लिए इतना प्रिय क्यों है, इसके पीछे कई पौराणिक कथाएँ प्रचलित हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, सावन का महीना पांचवा महीना होता है। हिंदू महीनों के नाम पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को विशेष नक्षत्र में देखते हुए रखे गए हैं। जब हिंदू कैलेंडर का पांचवा महीना शुरू होता है, तो चंद्रमा श्रवण नक्षत्र में विराजमान हो जाते हैं, जिससे इस महीने को श्रावण मास कहा जाता है।

पौराणिक कथा: सावन और भगवान शिव

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, माता सती ने एक बार शपथ ली थी कि जब भी वह जन्म लेंगी, तो भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करेंगी। इस शपथ के चलते उन्होंने अपने पिता राजा दक्ष के घर अपना शरीर त्याग दिया और हिमालय राज के घर में पार्वती के रूप में जन्म लिया। माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए सावन के महीने में कठोर तपस्या की थी, जिसके फलस्वरूप बाद में उनका विवाह भगवान शिव से हुआ। इस प्रकार, भगवान शिव को सावन का महीना अत्यंत प्रिय है क्योंकि यह उनके और माता पार्वती के मिलन का समय है।

सावन में शिव का धरती पर आगमन

एक अन्य मान्यता के अनुसार, सावन के महीने में ही भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकला विष पिया था। इस विष को पीने के बाद भगवान शिव ने अपने ससुराल धरती पर आकर एक भव्य स्वागत किया। इस दौरान, सावन के महीने में भगवान शिव धरती पर आकर सभी को आशीर्वाद देते हैं। इसी महीने में ऋषि मर्कंडेय ने कठोर तपस्या की थी और भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त किया था।

कावड़ यात्रा और सावन की विशेषताएँ

सावन के महीने के दौरान, कई भक्त कावड़ यात्रा निकालते हैं और भगवान शिव को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। कावड़ यात्रा एक धार्मिक यात्रा है जिसमें भक्त गंगाजल लेकर भगवान शिव के शिवलिंग पर अर्पित करते हैं। यह यात्रा और पूजा का समय भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और भक्ति को दर्शाता है और इस दौरान विशेष धार्मिक आयोजन और पूजा-अर्चना की जाती है।

सावन के सोमवार का महत्व

सावन के महीने के सोमवार भी विशेष महत्व रखते हैं। इस दिन विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा की जाती है और व्रत किए जाते हैं। सावन के सोमवार पर भगवान शिव की पूजा से विशेष पुण्य प्राप्त होता है और जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन भक्त विशेष रूप से भगवान शिव के शिवलिंग पर अभिषेक करते हैं और उनके प्रिय भजन-कीर्तन करते हैं।

सावन का महीना हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण और पवित्र समय होता है। भगवान शिव की उपासना और इस महीने के विशेष धार्मिक आयोजनों के माध्यम से भक्त जीवन में सुख और समृद्धि प्राप्त करने की आशा रखते हैं। पौराणिक कथाओं और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन का महीना भगवान शिव के लिए प्रिय है और इस दौरान की गई पूजा-अर्चना से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। सावन के महीने की शुरुआत और समाप्ति पर विशेष धार्मिक आयोजन और पूजा के साथ-साथ कावड़ यात्रा और सावन के सोमवार की पूजा भी इस महीने के महत्व को और बढ़ाती है।

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