शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक झोलाछाप क्लीनिकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। इन झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा दिए गए गलत उपचार के कारण कई लोगों ने अपनी जान तक गंवाई है। प्रशासन समय-समय पर इन झोलाछापों के खिलाफ कार्रवाई करता रहा है, लेकिन जैसे ही मामला शांत होता है, ये फिर से सक्रिय हो जाते हैं। इस बार, स्वास्थ्य विभाग ने झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ व्यापक छापेमारी अभियान शुरू किया है, जिससे इन अवैध क्लीनिकों में खलबली मच गई है।
स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई
बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ छापामारी अभियान शुरू किया। जैसे ही छापेमारी की खबर फैली, कई झोलाछाप अपनी दुकानों को बंद करके भाग खड़े हुए। कार्रवाई के डर से क्लीनिक के बोर्ड तक हटा लिए गए, ताकि छापेमारी से बचा जा सके। स्वास्थ्य विभाग के पास झोलाछाप क्लीनिकों की अधिकृत सूची नहीं होने के कारण, ये लंबे समय से कार्रवाई से बचते आ रहे थे।
आयुक्त का आदेश और कार्रवाई
हाल ही में लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा आयुक्त ने इन झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं। इस आदेश के बाद, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरके राजौरिया अपनी टीम के साथ मैदान में उतर आए हैं। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप क्लीनिकों की भरमार है, और इनकी अवैध गतिविधियों के कारण कई लोगों की जान चली गई है।
छापेमारी अभियान
बुधवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरके राजौरिया ने तीन टीमों के साथ पिंटो पार्क और दीनदयाल नगर क्षेत्र में छापेमारी की। इस दौरान तीन टीमों ने 13 जगहों पर कार्रवाई की। इस छापेमारी के कारण कई झोलाछाप क्लीनिक बंद कर भाग खड़े हुए। डॉ. राजौरिया ने कहा कि यह कार्रवाई जारी रहेगी और अवैध तरीके से संचालित किसी भी क्लीनिक को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जनता की सुरक्षा और स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी
स्वास्थ्य विभाग का यह कदम जनता की सुरक्षा के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। अवैध झोलाछाप क्लीनिकों का संचालन लोगों की जान के लिए खतरा बन चुका है। स्वास्थ्य विभाग की यह कार्रवाई सुनिश्चित करेगी कि केवल प्रशिक्षित और लाइसेंसधारी चिकित्सक ही चिकित्सा सेवाएं प्रदान करें।
झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ अभियान
इस बार, शासन से मिले आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी से झोलाछाप चिकित्सकों में खलबली मची हुई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरके राजौरिया के नेतृत्व में की जा रही यह कार्रवाई झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ एक बड़ा कदम है।
कार्रवाई का असर
स्वास्थ्य विभाग की इस कड़ी कार्रवाई से झोलाछाप चिकित्सकों को यह स्पष्ट संदेश मिला है कि अब उनकी अवैध गतिविधियां बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। इसके साथ ही, आम जनता को भी यह भरोसा मिला है कि उनकी सुरक्षा के लिए प्रशासन गंभीर है और अवैध चिकित्सकीय गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
शहर और ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप चिकित्सकों की बढ़ती संख्या एक गंभीर समस्या है, जिससे निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने ठोस कदम उठाए हैं। डॉ. आरके राजौरिया के नेतृत्व में की जा रही यह कार्रवाई झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि केवल प्रशिक्षित और लाइसेंसधारी चिकित्सक ही चिकित्सा सेवाएं प्रदान करें, स्वास्थ्य विभाग की यह मुहिम जारी रहेगी। इससे जनता की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।