इंदौर शहर में एक ऐसा मौका आया जब 14 मुस्लिम लोगों ने सनातन धर्म को अपनाया। इस अद्भुत पल के मौके पर, खजराना गणेश मंदिर में इनका पहले शुद्धिकरण किया गया। इसके बाद, सभी ने मिलकर भगवान गणेश जी का पूजन किया। यह घटना मुस्लिम समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो सांस्कृतिक एकता और समरसता की दिशा में एक नई मिशाल स्थापित करती है।
पिछले कुछ महीनों में इंदौर में कई मुस्लिम परिवारों ने सनातन धर्म को अपनाया है। इस दौरान, कुल 30 लोगों ने घर वापसी की थी और हिंदू धर्म का अनुसरण किया था। इस बारे में अतिथियों ने बताया कि उनके लिए सनातन धर्म बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भारतीय सभ्यता का हिस्सा है और सभी धर्म-जाति विशेष के लोग सनातनी हैं।
इस प्रक्रिया के दौरान, शुद्धिकरण के रूप में वैदिक धर्म मंत्रों के साथ पूजन और हवन की परंपरा का पालन किया गया। इसके बाद, सभी घर वापसी करने वाले लोगों ने खजराना गणेश मंदिर में दर्शन किए और भगवान से आशीर्वाद लिया। इस दौरान, सभी को नए नाम भी दिए गए जो उनके नये धर्मीकरण को संकेत करते हैं।
इंदौर में इस अनूठे घटना में, हैदर ने हरिनारायण, इमरान ने आशीष और गफ्फार ने गोविंद नाम अपनाया। इसके अलावा, परवीन ने पल्लवी, इरफान ने ईश्वर, तमन्ना ने तन्नू, शेरू ने ओमप्रकाश, रुक्कया ने रुक्मणी नाम अपनाया।
यह अनूठा प्रक्रिया मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए धार्मिक स्वतंत्रता की एक उच्च उदाहरण प्रस्तुत करता है, जो उन्हें उनके धार्मिक विचारों को समझने और अपने जीवन के माध्यम से उसे अपनाने का अवसर प्रदान करता है। इस घटना ने सामाजिक समरसता के माध्यम से एक मानवीय संदेश प्रस्तुत किया है, जो सभी धर्मों की एकता और समरसता को स्थापित करता है।