घटना की जानकारी
कोरबा जिले के उरगा थाना अंतर्गत कर्रापाली गांव में उस समय सनसनी फैल गई जब गांव निवासी 32 वर्षीय जगदीश विश्वकर्मा का शव पेड़ पर लटका मिला। घटना स्थल मड़वारानी स्टेशन के पास का है, जहां सड़क किनारे पेड़ पर लाश देखे जाने की सूचना पुलिस को मिली। पुलिस मौके पर पहुंची और शव को उतारा। उसके जेब में मिले मोबाइल और आधारकार्ड के आधार पर उसकी पहचान हुई। घटना को 48 घंटे से अधिक समय हो चुका था, शव से बदबू और कीड़े भी आने लगे थे। पुलिस ने तत्काल इसकी सूचना मृतक के परिजनों को दी और पोस्टमार्टम कराने के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया।
मृतक का परिचय
जगदीश विश्वकर्मा कोरबा जिले के सर्वमंगला क्षेत्र में एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में ड्राइवर का काम करता था। वह चार दिनों से घर नहीं पहुंचा था, जिससे उसके परिजन चिंतित थे और लगातार उसकी तलाश कर रहे थे। छोटे भाई अजय विश्वकर्मा ने बताया कि जब पेड़ पर शव मिलने की जानकारी मिली तो वे मौके पर पहुंचे। उसकी मौत कब और कैसे हुई यह समझ से परे है।
पूर्व में खुदकुशी का प्रयास
जगदीश विश्वकर्मा इससे पहले भी जहर सेवन कर जान देने की कोशिश कर चुका था। उसने लव मैरिज की थी और उसका एक बच्चा भी है। परिवार वालों ने बताया कि जगदीश के जीवन में कई समस्याएं थीं, लेकिन यह नहीं समझ पा रहे हैं कि उसने ऐसा क्यों किया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
परिवार का हाल
इस घटना के बाद जगदीश के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। उसकी पत्नी और बच्चे की स्थिति नाजुक है। परिजन और रिश्तेदार घटना स्थल पर पहुंचे और पुलिस को सभी आवश्यक जानकारी दी। परिजनों ने बताया कि जगदीश पिछले कुछ दिनों से परेशान चल रहा था, लेकिन उसने इस तरह के कदम उठाने का कोई संकेत नहीं दिया था।
पुलिस की जांच
उरगा थाना के प्रभारी ने बताया कि जगदीश के मोबाइल और आधारकार्ड के आधार पर उसकी पहचान की गई है। घटना स्थल पर शव को देख कर अनुमान लगाया जा रहा है कि जगदीश ने दो दिन पहले फांसी लगाई होगी। पुलिस ने मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है और सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई की जा रही है। पुलिस का मानना है कि जगदीश की मौत के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
समाज की प्रतिक्रिया
घटना के बाद कर्रापाली गांव और आसपास के इलाकों में शोक की लहर है। गांव के लोग इस घटना से स्तब्ध हैं और जगदीश के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने कहा कि जगदीश एक मेहनती और ईमानदार व्यक्ति था, जिसने कभी किसी से कोई विवाद नहीं किया था। उसकी मौत ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है।
खुदकुशी के मामलों में वृद्धि
जगदीश विश्वकर्मा की खुदकुशी की घटना एक बार फिर से समाज में बढ़ते खुदकुशी के मामलों की ओर ध्यान आकर्षित कर रही है। मानसिक तनाव, आर्थिक समस्याएं, पारिवारिक विवाद और अन्य व्यक्तिगत समस्याएं लोगों को इस हद तक परेशान कर देती हैं कि वे इस तरह के कदम उठाने पर मजबूर हो जाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना और समय पर सही मदद मिलना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
जागरूकता की आवश्यकता
इस घटना के बाद, समाज में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। लोगों को मानसिक तनाव और समस्याओं के बारे में खुलकर बात करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। सरकार और गैर-सरकारी संगठनों को मिलकर मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और लोगों को समय पर सही मदद पहुंचाने की दिशा में काम करना चाहिए।