रायपुर, 18 जुलाई 2024 – रायपुर में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है जिसमें एक युवक का अपहरण कर उसे बेरहमी से पीटा गया। घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसने शहर में सनसनी फैला दी है। आरोपी और पीड़ित दोनों दोस्त हैं, लेकिन एक पुराने विवाद के चलते यह घटना घटी। आरोपियों ने पहले युवक को मिलने के बहाने बुलाया और फिर कमरे में बंद कर उसकी जमकर पिटाई की।
मामले की शुरुआत
इस मामले की शुरुआत कर्मा चौक रामनगर निवासी शंकर सिंह ठाकुर से हुई। शंकर सिंह ठाकुर को प्रिंस बागड़े, अंशुल और उनके अन्य दो साथियों ने मिलकर अपहरण कर लिया। आरोपियों ने शंकर को मिलने के लिए बुलाया और फिर एक कमरे में बंद कर बेसबॉल और चाकू से हमला किया। इस दौरान, उन्होंने पीटते हुए वीडियो भी बनाया।
मंदिर हसौद इलाके में हुआ और भी हमला
पहले तो आरोपियों ने शंकर को गुढ़ियारी क्षेत्र के एक घर के कमरे में बंद कर पिटाई की। इसके बाद, जब वह बेहोश हो गया, तो उन्होंने उसे कार में जबरदस्ती बैठाया और मंदिर हसौद इलाके में ले गए। वहां भी उसे बेरहमी से पीटा गया। बेहोशी की हालत में मरा समझकर, उन्होंने उसे सड़क किनारे फेंक दिया और वहां से फरार हो गए।
शंकर की हालत नाजुक
जब शंकर को होश आया, तो उसने खुद को सड़क के किनारे पाया और किसी तरह मदद के लिए पुकारा। डायल 112 की मदद से उसे मंदिर हसौद अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसकी गंभीर हालत को देखते हुए, उसे रायपुर मेकाहारा अस्पताल में रेफर किया गया, जहां उसकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस को घटना की जानकारी मिलते ही, उन्होंने मामला पंजीबद्ध कर लिया और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी। पुलिस ने बताया कि आरोपी प्रिंस बागड़े और अंशुल ने शंकर के साथ मारपीट की थी। उन्होंने पहले उसे मिलने के लिए बुलाया और फिर कमरे में बंद कर उसकी जमकर पिटाई की। इस पूरे घटना का वीडियो उन्होंने बनाया और बाद में उसे प्रसारित कर दिया।
वायरल वीडियो से शहर में सनसनी
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे शहर में सनसनी फैल गई है। वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि किस तरह से शंकर को बेरहमी से पीटा गया है। इस वीडियो ने लोगों के बीच आक्रोश पैदा कर दिया है और वे आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
पुलिस की आगे की कार्रवाई
पुलिस का कहना है कि वे इस मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस ने शहरवासियों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और जांच में पुलिस का सहयोग करें। पुलिस ने यह भी आश्वासन दिया है कि वे इस मामले में न्याय दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।
शहरवासियों का आक्रोश
इस घटना से शहरवासियों में काफी आक्रोश है। वे आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। शहर के प्रमुख सामाजिक संगठनों ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है और पीड़ित के परिवार के साथ अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
मीडिया की भूमिका
मीडिया ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया है और पुलिस पर दबाव बनाया है कि वे जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार करें और पीड़ित को न्याय दिलाएं। मीडिया की इस सक्रियता ने मामले को और भी उजागर कर दिया है और आरोपियों पर दबाव बना दिया है कि वे जल्द ही कानून के शिकंजे में आएं।
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि समाज में अभी भी अपराधियों का भय कम नहीं हुआ है। पुलिस और प्रशासन को ऐसे मामलों में तेजी से कार्रवाई करनी होगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। शहरवासियों को भी सजग रहने की जरूरत है और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत जानकारी पुलिस को देनी चाहिए। केवल पुलिस और जनता के सामूहिक प्रयासों से ही समाज में शांति और सुरक्षा कायम हो सकती है।
सरकार की प्रतिक्रिया
राज्य सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और पुलिस को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे इस मामले की तेजी से जांच करें और आरोपियों को गिरफ्तार करें। मुख्यमंत्री ने भी पीड़ित के परिवार के साथ अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं और आश्वासन दिया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
आम जनता का सहयोग
इस घटना के बाद, आम जनता का सहयोग भी पुलिस को मिल रहा है। लोग पुलिस को हर संभव जानकारी दे रहे हैं ताकि जल्द से जल्द आरोपियों को पकड़ा जा सके। यह घटना एक सबक है कि समाज में आपसी विवादों को सुलझाने का सही तरीका बातचीत है, न कि हिंसा।
आगे की दिशा
इस घटना के बाद, पुलिस और प्रशासन को चाहिए कि वे शहर में सुरक्षा व्यवस्था को और भी मजबूत करें। स्कूलों और कॉलेजों में भी युवाओं को जागरूक किया जाए कि वे किसी भी विवाद को बातचीत के माध्यम से सुलझाएं और हिंसा का सहारा न लें।
रायपुर की इस घटना ने एक बार फिर समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमें एक दूसरे के प्रति सहनशीलता और समझदारी से पेश आना चाहिए। किसी भी विवाद का हल हिंसा नहीं है, बल्कि आपसी बातचीत और समझदारी से ही समाधान निकाला जा सकता है। उम्मीद है कि पुलिस जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर इस मामले में न्याय दिलाएगी और शंकर सिंह ठाकुर जल्द स्वस्थ होकर सामान्य जीवन जी सकेगा।