Tuesday, October 7, 2025

श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट पर विवाद मंदिर निर्माण पर तीव्र प्रतिक्रियाएं

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श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट का गठन दो साल पहले ही किया गया था, और हाल ही में दिल्ली में इस मंदिर के निर्माण को लेकर भूमि पूजन संपन्न हुआ है। केदारनाथ से कोई भी शीला (पवित्र पत्थर) दिल्ली नहीं लाई गई है। इस विषय पर हुए विवाद के बाद ट्रस्ट ने अपनी बात स्पष्ट की है। श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट के फाउंडर और राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेंद्र रौतेला ने मंगलवार को उत्तरांचल प्रेस क्लब में पत्रकारों को संबोधित करते हुए इस मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट की।

ट्रस्ट की स्थिति

रौतेला ने बताया कि दिल्ली में केवल केदारनाथ मंदिर का निर्माण हो रहा है, न कि धाम का। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस निर्माण में प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के विरोध को देखते हुए वह मंदिर और ट्रस्ट के नाम को बदलने पर विचार कर रहे हैं।

भूमि पूजन और सरकारी सहभागिता

रौतेला ने बताया कि दिल्ली में केवल भूमि पूजन हुआ है और केदारनाथ से कोई शीला नहीं लाई गई है। प्रदेश का मुखिया होने के नाते सीएम पुष्कर धामी को भूमि पूजन में बुलाया गया था। सरकार की ओर से मंदिर निर्माण में किसी भी प्रकार की सहयोग राशि नहीं दी गई है। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सुरक्षा के मद्देनजर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।

केदारनाथ उपचुनाव और राजनीतिक प्रतिक्रिया

केदारनाथ विधायक शैला रानी रावत के निधन के बाद उपचुनाव होने हैं। इस संदर्भ में सुरेंद्र रौतेला ने कहा कि विपक्षी दल केदारनाथ मंदिर निर्माण को मुद्दा बना रहे हैं और इसके चलते भाजपा को घेरा जा रहा है।

विरोध और विवाद

दिल्ली में बन रहे केदारनाथ के प्रतीकात्मक मंदिर के विरोध में केदारनाथ में तीर्थ पुरोहित समाज के साथ स्थानीय लोगों का प्रदर्शन जारी है। कांग्रेस भी इस मुद्दे को लेकर प्रदेश सरकार को घेरने में लगी है। बदरीनाथ-केदारनाथ टेम्पल कमिटी (बीकेटीसी) ने चेतावनी दी है कि बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के नाम पर वित्तीय गड़बड़ियां करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित उमेश पोस्ती ने कहा कि दिल्ली में केदारनाथ मंदिर के निर्माण की पूरा विश्व निंदा कर रहा है।

धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण

गौ कथा वाचक गोपाल मणि ने कहा कि भगवान शंकर अब दिल्ली में अवतरित हो गए हैं। इस विवाद के बीच, सोमवार को एसडीएम ऊखीमठ ने तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों के साथ बैठक की।

महापंचायत की प्रतिक्रिया

उत्तराखंड चार धाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने सीएम के सचिव शैलेश बगोली के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा है। इसमें दिल्ली में केदारनाथ धाम नाम से प्रतीकात्मक मंदिर के निर्माण पर रोक लगाने की मांग की गई है। महापंचायत ने कहा, भगवान शिव के नाम से मंदिर निर्माण पर ऐतराज नहीं है, लेकिन श्री केदारनाथ धाम के नाम से मंदिर निर्माण सही नहीं है। यदि यह प्रचलन प्रारंभ हुआ तो, भविष्य में देशभर में ऐसे कई मंदिर बन जाएंगे।

श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट का मंदिर निर्माण विवाद का कारण बन गया है। ट्रस्ट और विरोधी पक्ष दोनों ही अपने-अपने तर्क पेश कर रहे हैं। एक तरफ ट्रस्ट का कहना है कि यह मंदिर केदारनाथ धाम का प्रतीकात्मक मंदिर है, जबकि दूसरी तरफ तीर्थ पुरोहित समाज और स्थानीय लोग इस पर आपत्ति जता रहे हैं। इस विवाद ने राजनीतिक और धार्मिक दोनों ही दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन लिया है। अब देखना यह होगा कि इस विवाद का समाधान कैसे होता है और क्या दिल्ली में बनने वाला यह मंदिर अपने मूल उद्देश्य को पूरा कर पाता है या नहीं।

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