मध्य प्रदेश में स्कूल बसों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए परिवहन विभाग ने एक नया नियम लागू किया है। अब से स्कूल बसों का पंजीयन तब ही किया जाएगा जब उनमें फायर अलार्म एंड प्रोटेक्शन सिस्टम (एफएपीएस) डिवाइस लगी होगी। इस डिवाइस का उद्देश्य बस में आग लगने की स्थिति में त्वरित और प्रभावी रूप से आग पर काबू पाना है।
एफएपीएस डिवाइस की संरचना और कार्यप्रणाली
एफएपीएस डिवाइस में बस की छत पर एक वाटर टैंक और नाइट्रोजन सिलिंडर लगाया जाता है। बस के अंदरूनी हिस्सों में पाइप लाइन के माध्यम से स्प्रिंकलर लगाए जाते हैं। जब बस में आग लगती है, तो यह डिवाइस सक्रिय हो जाती है और नाइट्रोजन और पानी को पाइप लाइन में भेजती है। इसके बाद, स्प्रिंकलर सीटों पर पानी का छिड़काव शुरू कर देते हैं, जिससे आग पर तुरंत नियंत्रण पाया जा सकता है।
सीएम राइज स्कूलों की बसों का रजिस्ट्रेशन प्रभावित
इंदौर जिले के 11 सीएम राइज स्कूलों में 10 जुलाई तक 60 से अधिक बसों का संचालन शुरू होना था, लेकिन परिवहन विभाग के नए नियम के कारण इन बसों का पंजीयन नहीं हो पा रहा है। अब तक सिर्फ 15 पुरानी बसों का ही रजिस्ट्रेशन हो पाया है। नई खरीदी गई बसों में एफएपीएस डिवाइस लगाने का कार्य जारी है।
अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक नरेंद्र जैन के अनुसार, एजेंसी से बात की गई है और नई बसों का रजिस्ट्रेशन एफएपीएस डिवाइस लगने के बाद ही हो पाएगा। आरटीओ प्रदीप शर्मा ने पुष्टि की है कि बसों में यह डिवाइस लगने के बाद ही पंजीयन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
डिवाइस की अनिवार्यता से बस संचालन में देरी
समाया स्कूल बस ट्रांसपोर्ट प्रा.लि. के मैनेजर अभय मिश्रा ने बताया कि 15 बसों में से कुछ का रजिस्ट्रेशन पहले ही हो चुका है। अब जो नई बसें खरीदी जा रही हैं, उनमें एफएपीएस डिवाइस अनिवार्य कर दी गई है। आरटीओ ने 2023 के बाद की बसों में डिवाइस लगाने के बाद ही रजिस्ट्रेशन के लिए कहा है। इस कारण नई बसों का संचालन समय पर नहीं हो पा रहा है।
सुरक्षा के प्रति प्रशासन का दृष्टिकोण
स्कूली बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन लगातार प्रयासरत है। फायर अलार्म एंड प्रोटेक्शन सिस्टम जैसे अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग कर बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। प्रशासन का यह कदम बसों में आगजनी की घटनाओं पर त्वरित नियंत्रण पाने में सहायक सिद्ध होगा और इससे बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
इस नए नियम के तहत, स्कूल बसों की सुरक्षा को उच्च स्तर पर ले जाने का प्रयास किया जा रहा है। यह कदम न केवल आगजनी की घटनाओं को रोकने में सहायक होगा बल्कि बच्चों और अभिभावकों के मन में सुरक्षा की भावना को भी मजबूत करेगा।
मध्य प्रदेश परिवहन विभाग का यह निर्णय सराहनीय है और इससे स्कूल बसों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। हालांकि, नए नियम के कारण कुछ असुविधाएँ हो सकती हैं, लेकिन दीर्घकालिक दृष्टिकोण से यह कदम महत्वपूर्ण और आवश्यक है। स्कूल बसों में एफएपीएस डिवाइस की अनिवार्यता से आगजनी की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकेगा और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।