रायपुर, 14 जुलाई 2024 – छत्तीसगढ़ में अब डॉक्टर बनने का सपना हर विद्यार्थी का आसानी से पूरा हो सकता है। प्रदेश में एमबीबीएस की सीटें 1,910 से बढ़कर 2,110 हो गई हैं। नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने प्रदेश के दो नए निजी मेडिकल कॉलेजों को मान्यता दी है, जिससे एमबीबीएस की 200 नई सीटें मिल गई हैं। इन पर इसी सत्र से एडमिशन होगा। नवा रायपुर स्थित कॉलेज को 150 और दुर्ग स्थित कॉलेज को 50 सीटों की मान्यता मिली है।
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Toggleबढ़ी हुई सीटों का फायदा
छत्तीसगढ़ में मेडिकल कॉलेजों की संख्या भी 13 से बढ़कर 15 हो गई है। वर्तमान में दस सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 1460 और तीन निजी कॉलेजों में 450 सीटें हैं। दो नए कॉलेजों के साथ अब प्रदेश में पांच निजी मेडिकल कॉलेज हो जाएंगे। 200 सीटें बढ़ने का फायदा नीट यूजी क्वालिफाइड छात्रों को होगा। एमबीबीएस की सीटें बढ़ने से कट ऑफ पांच अंक तक गिर सकता है, जिससे अधिक छात्रों को प्रवेश मिल सकेगा।
सस्ती मेडिकल शिक्षा
छत्तीसगढ़ में एमबीबीएस की पढ़ाई देश में सबसे सस्ती है, जो कि कॉलेजों का दावा है। यहां एक वर्ष की ट्यूशन फीस 7.41 से 7.99 लाख रुपये है। तीन वर्षों में फीस रिवाइज करने का नियम है, लेकिन अभी फीस विनियामक कमेटी ने फीस रिवाइज नहीं किया है। दूसरी ओर, सरकारी मेडिकल कॉलेजों की फीस महज 40 हजार और एम्स की फीस 1,289 रुपये सालाना है। निजी मेडिकल कॉलेजों में 42.5-42.5 फीसदी सीटें स्टेट और मैनेजमेंट कोटे की होती हैं, वहीं 15 फीसदी सीटें एनआरआई के लिए आरक्षित होती हैं। स्टेट कोटे और मैनेजमेंट की फीस समान होती है।
डीएमई का बयान
डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन (डीएमई) डॉ. यूएस पैकरा ने कहा, “दो मेडिकल कॉलेजों में सीटें बढ़ने का फायदा पात्र छात्रों को होगा। सीटों के बढ़ने से कट ऑफ मार्क्स भी गिरेगा। स्थानीय छात्रों को मेडिकल कोर्स करने का अवसर मिलेगा।”
फैक्ट फाइल
- मेडिकल कॉलेजों की स्थिति:
- रायपुर – 230 सीटें
- दुर्ग – 200 सीटें
- बालाजी – 150 सीटें
- रिम्स – 150 सीटें
- शंकराचार्य – 150 सीटें
- बिलासपुर – 180 सीटें
- अंबिकापुर – 125 सीटें
- कोरबा – 125 सीटें
- राजनांदगांव – 125 सीटें
- महासमुंद – 125 सीटें
- कांकेर – 125 सीटें
- जगदलपुर – 125 सीटें
- रायगढ़ – 100 सीटें
- सीटों की स्थिति:
- 13 मेडिकल कॉलेज वर्तमान में संचालित
- 10 शासकीय और तीन निजी मेडिकल कॉलेज वर्तमान में
- 1910 सीटें शासकीय और निजी मेडिकल कॉलेजों में
- 1460 सीटें शासकीय मेडिकल कॉलेजों में
- 2 नए मेडिकल कॉलेजों में इसी सत्र से एडमिशन
- फीस और सीटें:
- 42.5-42.5 प्रतिशत सीटें स्टेट और मैनेजमेंट कोटे की
- 15 प्रतिशत सीटें एनआरआई के लिए आरक्षित
- 3 वर्षों में रिवाइस नहीं हुई मेडिकल फीस
- 230 सीटें सबसे ज्यादा रायपुर मेडिकल कॉलेज में
स्थानीय छात्रों के लिए अवसर
छत्तीसगढ़ में डॉक्टर बनने का सपना अब और भी अधिक छात्रों के लिए साकार हो सकता है। नए कॉलेजों और बढ़ी हुई सीटों से स्थानीय छात्रों को मेडिकल कोर्स करने का अवसर मिलेगा। एमबीबीएस की सीटें बढ़ने से नीट यूजी क्वालिफाइड छात्रों को विशेष रूप से लाभ मिलेगा। इससे मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ और भी आगे बढ़ सकेगा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा।
छत्तीसगढ़ में मेडिकल शिक्षा में यह महत्वपूर्ण बदलाव छात्रों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। एमबीबीएस की सीटों की संख्या बढ़ने से और नए कॉलेजों की मान्यता मिलने से छात्रों को अधिक अवसर मिलेंगे। इसके साथ ही, प्रदेश में सस्ती और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा का लाभ भी मिलेगा। यह कदम राज्य के स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा, जिससे आने वाले वर्षों में और अधिक डॉक्टर तैयार होंगे और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा।