Thursday, December 26, 2024

बदलते मौसम में डेंगू का खतरा जिला अस्पताल और सीएचसी की तैयारियों पर सवाल

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मौसम में बदलाव के साथ ही डेंगू का खतरा तेजी से बढ़ने लगा है। लगातार बारिश के बाद मच्छरों के पनपने की अनुकूल परिस्थितियां बन गई हैं, जिससे डेंगू के पॉजिटिव मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। इस समय, न केवल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) बल्कि जिला अस्पताल भी डेंगू से निपटने के लिए पर्याप्त तैयार नहीं हैं।

जिला अस्पताल और सीएचसी की तैयारियों की कमी

जिला अस्पताल में न तो डेंगू वार्ड की स्थापना की गई है और न ही इस रोग से पीड़ित मरीजों के लिए विशेष बिस्तरों की व्यवस्था की गई है। यह स्थिति तब है जब डेंगू ने पहले ही अपने पैर पसार लिए हैं और संक्रमित मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। जिला अस्पताल में सुविधाओं की कमी के चलते मरीजों को निजी अस्पतालों की ओर रुख करना पड़ रहा है, जो आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए एक बड़ी चुनौती है।

पिछले साल, डेंगू ने 1174 लोगों को अपनी चपेट में लिया था। इस रोग के फैलने के बाद लोगों में दहशत फैल गई थी, जिससे मामूली बुखार होने पर भी लोग डेंगू की जांच कराने लगे थे। पैथोलॉजी केंद्रों ने इस स्थिति का लाभ उठाया और जांच के नाम पर मनमाना दाम वसूलने लगे थे।

प्रशासन की लापरवाही

बावजूद इसके, डेंगू से निपटने के लिए जिला अस्पताल प्रबंधन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। जिला मलेरिया अधिकारी ने अस्पताल प्रबंधन को डेंगू वार्ड बनाने के लिए पत्र लिखा है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जनवरी से लेकर अब तक 127 डेंगू पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं, जिसमें जुलाई माह में ही पांच नए पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। इसके बावजूद, जिला अस्पताल और सीएचसी में डेंगू से निपटने के लिए कोई विशेष इंतजाम नहीं किए गए हैं।

मरीजों की मजबूरी और बढ़ती चिंताएं

जिला अस्पताल में व्यवस्था न होने के कारण, डेंगू के मरीजों को निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है। यह स्थिति आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के लिए और भी मुश्किल भरी है। निजी अस्पतालों में इलाज की लागत अधिक होती है, जिससे गरीब मरीजों को वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

इसके अलावा, डेंगू की जांच के लिए भी लोगों को निजी पैथोलॉजी केंद्रों का सहारा लेना पड़ रहा है, जहां मनमाना शुल्क लिया जा रहा है। इस स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन को जल्द से जल्द कदम उठाने की जरूरत है, ताकि डेंगू के मरीजों को उचित और सुलभ चिकित्सा सुविधाएं मिल सकें।

डेंगू के बढ़ते मामलों के पीछे कारण

डेंगू के बढ़ते मामलों के पीछे मुख्य कारण मच्छरों का तेजी से पनपना है। बारिश के बाद, जगह-जगह पानी जमा हो जाता है, जो मच्छरों के लिए अनुकूल परिस्थितियां प्रदान करता है। इसके अलावा, स्वच्छता की कमी और जागरूकता की कमी भी डेंगू के फैलाव में सहायक हैं।

डेंगू से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करना और स्वच्छता का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। प्रशासन को भी इस दिशा में कदम उठाने की जरूरत है, ताकि डेंगू के फैलाव को रोका जा सके और लोगों को इस रोग से बचाया जा सके।

अस्पतालों में व्यवस्थाओं की मांग

डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए, जिला अस्पताल और सीएचसी में विशेष डेंगू वार्ड बनाने की मांग की जा रही है। इसके अलावा, डेंगू के मरीजों के लिए विशेष बिस्तरों की व्यवस्था भी की जानी चाहिए, ताकि उन्हें समय पर उचित चिकित्सा सुविधाएं मिल सकें।

जिला मलेरिया अधिकारी ने भी अस्पताल प्रबंधन को डेंगू वार्ड बनाने के लिए पत्र लिखा है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। ऐसे में, प्रशासन को जल्द से जल्द कदम उठाने की जरूरत है, ताकि डेंगू के मरीजों को उचित और सुलभ चिकित्सा सुविधाएं मिल सकें।

समाज की भूमिका

डेंगू से निपटने में समाज की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। लोगों को स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए और मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए प्रयास करने चाहिए। इसके अलावा, डेंगू के लक्षणों के बारे में जागरूकता फैलाने और समय पर चिकित्सा सहायता लेने की आवश्यकता है।

डेंगू का खतरा बदलते मौसम के साथ तेजी से बढ़ रहा है और इसके साथ ही पॉजिटिव मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है। जिला अस्पताल और सीएचसी की तैयारियों की कमी के कारण मरीजों को निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है, जो आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए एक बड़ी चुनौती है। प्रशासन को जल्द से जल्द कदम उठाने की जरूरत है, ताकि डेंगू के मरीजों को उचित और सुलभ चिकित्सा सुविधाएं मिल सकें और इस रोग के फैलाव को रोका जा सके।

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