छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों, विशेषकर राजधानी रायपुर, में पिछले कुछ दिनों से बारिश न होने की वजह से चिंता का माहौल बन गया है। पिछले 12 दिनों में यहां केवल 42.7 मिमी बारिश दर्ज की गई है, यानी रोजाना औसतन 3.5 मिमी। मौसम वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि यदि आने वाले दिनों में अच्छी बारिश नहीं हुई, तो समस्या और गंभीर हो सकती है। इस कमी के चलते अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो चुका है, जिससे उमस और गर्मी में भी बढ़ोतरी हुई है।
मानसून ब्रेक की स्थिति
छत्तीसगढ़ में मानसून ब्रेक की स्थिति ने बारिश को प्रभावित किया है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, मानसून ब्रेक की स्थिति बनने के कारण बारिश का सिस्टम बनने के बाद भी अच्छी बारिश नहीं हो पा रही है। इसका सीधा असर किसानों पर पड़ रहा है, जो समय पर खेती न होने की चिंता में डूबे हुए हैं। उम्मीद के अनुसार बारिश नहीं होने से खेती-किसानी में भी पिछड़ने की आशंका है।
शनिवार को सुधार की उम्मीद
मौसम विभाग ने कहा है कि शनिवार को मानसून ब्रेक की स्थिति सुधर सकती है और प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में अच्छी बारिश के आसार हैं। मुख्य रूप से सरगुजा संभाग व उससे लगे हुए जिलों में भारी बारिश हो सकती है। शुक्रवार को रायपुर सहित प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में बादल छाए रहे, लेकिन अधिकतर जगहों पर हल्की बारिश ही हुई।
तापमान की स्थिति
शुक्रवार को छत्तीसगढ़ में राजनांदगांव सबसे गर्म रहा, जहां का अधिकतम तापमान 34.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं रायपुर का अधिकतम तापमान 33.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 1.3 डिग्री अधिक था। इस उच्च तापमान ने लोगों की परेशानियों में और इजाफा किया है।
बारिश का विवरण
हालांकि, कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश भी हुई। अंबिकापुर में 8 सेमी, बारसूर-भैसमा में 6 सेमी, मनेंद्रगढ़ में 5 सेमी, और जांजगीर-चांपा में 4 सेमी बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा, प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी हल्की से मध्यम वर्षा हुई।
भविष्य का मौसम पूर्वानुमान
मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने बताया कि मानसून द्रोणिका मध्य समुद्र तल पर अमृतसर, चंडीगढ़, गोरखपुर और उसके बाद पूर्व की ओर नागालैंड तक स्थित है। साथ ही एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण पूर्वी बिहार और उसके आसपास 5.8 किमी ऊंचाई पर स्थित है। इसके प्रभाव से शनिवार को प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में हल्की से मध्यम वर्षा होगी। साथ ही कुछ क्षेत्रों में अंधड़, बारिश के साथ बिजली गिरने की संभावना भी बनी रहेगी।
किसानों की चिंता
छत्तीसगढ़ में मानसून की कमी ने किसानों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। अच्छी बारिश न होने से खेती-किसानी में पिछड़ने का खतरा मंडरा रहा है। किसान अपने खेतों में समय पर बुवाई नहीं कर पा रहे हैं, जिससे फसल उत्पादन पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा, गर्मी और उमस के कारण किसानों को खेतों में काम करना भी मुश्किल हो गया है।
प्रशासन की तैयारी
प्रशासन ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए किसानों को राहत देने के लिए कुछ उपाय किए हैं। सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जलाशयों से पानी छोड़ने की योजना बनाई जा रही है। साथ ही, किसानों को सूखा सहनशील फसलों की बुवाई करने की सलाह दी जा रही है। प्रशासन ने यह भी कहा है कि यदि मानसून ब्रेक की स्थिति में सुधार होता है, तो राहत के प्रयासों को और तेज किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ में मानसून की कमी ने लोगों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। तापमान में वृद्धि और बारिश की कमी ने लोगों को मुश्किल स्थिति में डाल दिया है। हालांकि, मौसम विभाग की उम्मीदें सकारात्मक हैं और आने वाले दिनों में अच्छी बारिश की संभावना है। प्रशासन और किसानों को मिलकर इस स्थिति का सामना करना होगा और उचित कदम उठाने होंगे ताकि खेती-किसानी और जनजीवन सामान्य हो सके।