घटना छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के रजगामार चौकी के केसला गांव की है, जहां बिहार से आए एक मजदूर परिवार की तीन साल की मासूम बच्ची की करंट लगने से मौत हो गई। परिवार बिहार के सहरसा जिले का रहने वाला है और रोजी-रोटी की तलाश में कोरबा आया हुआ था। वे केसला गांव में किराए के मकान में रह रहे थे।
मृतक बच्ची का नाम अंजली था, जो अपने घर के अंदर खेल रही थी। शुक्रवार को, जब अंजली के पिता महेश दास काम पर गए हुए थे और उसकी मां घर के काम में व्यस्त थी, तब यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। अंजली घर के एक कमरे में खेल रही थी, तभी अचानक कमरे में लगे बिजली मीटर से निकले तार की चपेट में आ गई।
तार से निकले करंट ने पहले अंजली के हाथ को झटका दिया और फिर तार उसके पेट पर जा गिरा। इस हादसे में उसके हाथ और पेट बुरी तरह जल गए। जब अंजली की मां ने चीख सुनी और कमरे के अंदर पहुंची, तो उसने अपनी बेटी को जमीन पर गिरा पाया। उसने तुरंत उसे उठाया और अस्पताल ले जाने की कोशिश की, लेकिन अंजली की हालत गंभीर हो चुकी थी।
अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने अंजली को मृत घोषित कर दिया। अंजली इस परिवार की इकलौती बेटी थी, जिससे इस हादसे ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। घर में रो-रोकर उनका बुरा हाल है।
जिला अस्पताल चौकी प्रभारी दाऊद कुजूर ने बताया कि जिला मेडिकल कॉलेज से मिले मेमो के आधार पर स्वजनों के बयान दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है और बिजली मीटर की स्थिति की भी जांच की जा रही है कि आखिर तार कैसे निकला और यह हादसा कैसे हुआ।
परिवार की व्यथा
महेश दास का परिवार बिहार से रोजी-रोटी की तलाश में छत्तीसगढ़ आया था। महेश दास एक मेहनती मजदूर हैं, जो अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए हर दिन मेहनत करता है। उनकी पत्नी भी घर के कामों में व्यस्त रहती है और अंजली उनकी एकमात्र संतान थी। यह परिवार बेहतर जीवन की उम्मीद में कोरबा आया था, लेकिन यह हादसा उनके लिए एक गहरा आघात है।
महेश दास और उनकी पत्नी इस घटना के बाद से सदमे में हैं। उनका रो-रोकर बुरा हाल है और गांव के लोग भी इस दुखद घटना से स्तब्ध हैं। गांव के लोगों ने इस परिवार को सांत्वना देने की कोशिश की है, लेकिन उनके दुख को कम करना संभव नहीं हो पा रहा है।
सुरक्षा उपायों की आवश्यकता
यह हादसा यह बताता है कि बिजली उपकरणों और वायरिंग की सही तरीके से देखभाल और जांच कितनी महत्वपूर्ण है। पुराने या खराब बिजली मीटर और वायरिंग से ऐसे हादसे हो सकते हैं, जो जानलेवा साबित हो सकते हैं। प्रशासन और बिजली विभाग को इस दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हों।
इसके साथ ही, लोगों को भी अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक होने की जरूरत है। यदि कोई बिजली उपकरण या वायरिंग में खराबी दिखाई दे तो तुरंत उसकी मरम्मत करानी चाहिए। इसके अलावा, बच्चों को बिजली के उपकरणों और वायरिंग से दूर रखना चाहिए और उन्हें इनके खतरों के बारे में समझाना चाहिए।
समाज की भूमिका
इस दुखद घटना ने केसला गांव के लोगों को भी झकझोर कर रख दिया है। गांव के लोग महेश दास और उनके परिवार के साथ खड़े हैं और उन्हें हर संभव मदद देने की कोशिश कर रहे हैं। समाज के ऐसे समय में एकजुट होना और पीड़ित परिवार को सहारा देना महत्वपूर्ण है।
गांव के लोग इस घटना के बाद बिजली विभाग से भी मांग कर रहे हैं कि वे गांव में सभी बिजली मीटर और वायरिंग की जांच करें और सुनिश्चित करें कि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों।
रजगामार चौकी के केसला गांव की यह घटना एक दर्दनाक हादसा है, जिसमें एक मासूम बच्ची की जान चली गई। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हम अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के प्रति कितने सजग हैं। बिजली उपकरणों और वायरिंग की सही देखभाल और जांच आवश्यक है, ताकि इस तरह के हादसों से बचा जा सके।
महेश दास और उनके परिवार को इस कठिन समय में समाज का सहारा मिलना चाहिए और प्रशासन को भी इस दिशा में कदम उठाने की जरूरत है, ताकि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हों। अंजली की मौत ने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया है और यह घटना लंबे समय तक याद रहेगी।