रायपुर: करोड़ों रुपये की ठगी के आरोप में सी-शोर ग्रुप चिटफंड कंपनी के संचालक प्रशांत कुमार दास को भुवनेश्वर से रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। प्रशांत कुमार दास, जो पहले ओडिशा के एक कॉलेज में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर थे, पिछले 12 साल से फरार थे। उनके खिलाफ विभिन्न अदालतों में 400 से अधिक मामले दर्ज हैं और उनकी संपत्ति लगभग 1,200 करोड़ रुपये की है।
आरोपित का इतिहास
प्रशांत कुमार दास, ओडिशा के खुर्दा जिले के लक्ष्मी सागर स्थित मैजेस्टिक अपार्टमेंट के निवासी हैं। वह एक समय अंगूल ओडिशा के एक कॉलेज में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर थे। इसके बाद उन्होंने एसबीआई लाइफ प्राइवेट एजेंसी में काम किया। फिर उन्होंने सी-शोर ग्रुप के नाम से अलग-अलग प्रकार की एजेंसियां खोली, जैसे कि सी-शोर फार्मेसी, सी-शोर वाटर, सी-शोर डेयरी, और सी-शोर राइस मिल।
ठगी का तरीका
दास ने विभिन्न स्थानों पर सेमिनार आयोजित कर लोगों को अपनी स्कीम के झांसे में लेकर उनसे बड़ी रकम ऐंठी। सी-शोर ग्रुप ऑफ कंपनी के निवेशकों और एजेंटों ने 2013 में थाना सिविल लाइन में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस ग्रुप के डॉयरेक्टर प्रशांत कुमार दास, अध्यक्ष एलएलएन सतपथी और ब्रांच मैनेजर दिलीप मोहंती ने 2007 में सिविल लाइन, रायपुर में किराए पर मकान लिया था। मार्च 2007 में सिमरन होटल और अन्य स्थानों पर सेमिनार आयोजित कर एजेंटों को जमा राशि में एक वर्ष में 12 प्रतिशत और छह वर्ष में 24 प्रतिशत का लाभांश, आकर्षक कमीशन और विदेश यात्रा का प्रलोभन देकर लगभग 370 निवेशकों से चार करोड़ रुपये निवेश कराया गया। मई 2012 में कंपनी बंद कर आरोपित फरार हो गए थे।
कंपनी का विस्तार और ठगी
सी-शोर ग्रुप के नाम पर प्रशांत कुमार दास ने ओडिशा में अलग-अलग स्थानों पर 400 एकड़ भूमि, फैक्ट्री, मकान, वाहन और सोना-चांदी का अधिग्रहण किया। इन संपत्तियों को क्राइम ब्रांच ओडिशा और ईडी द्वारा जब्त कर जांच की जा रही है। सीबीआई भी इस मामले की जांच कर रही है।
प्रशांत कुमार दास ने रायपुर सिविल लाइन में कार्यालय खोला और वहां कार्गो कुरियर का काम शुरू किया। उन्होंने रायपुर के विभिन्न स्थानों पर सेमिनार आयोजित कर लोगों को शेयर देकर मोटी रकम वापस करने का प्रलोभन दिया और उनसे बड़ी रकम प्राप्त की। दास ने अपनी कंपनी को आगे बढ़ाने और अधिक फायदा कमाने के उद्देश्य से प्रिफेंशियल शेयर स्कीम भी शुरू की, जिसमें ग्राहकों को शेयर देकर मालिक बनाया जाता था।
गिरफ्तारी और आगे की जांच
रायपुर पुलिस ने प्रशांत कुमार दास को भुवनेश्वर से गिरफ्तार किया है। उनकी गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने कहा कि दास के खिलाफ पांच आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं और आरओसी के 400 प्रकरण विभिन्न न्यायालयों में दर्ज हैं, जिनकी जांच की जा रही है। पुलिस ने कहा कि दास की संपत्ति लगभग 1,200 करोड़ रुपये की है और वह ओडिशा के मामले में पांच वर्ष जेल भी काट चुका है।
सेमिनार और ठगी का विस्तार
प्रशांत कुमार दास ने सेमिनार आयोजित कर लोगों को अपनी स्कीम के झांसे में लेकर उनसे बड़ी रकम ऐंठी। उन्होंने सी-शोर ग्रुप के नाम पर विभिन्न प्रकार की एजेंसियां खोलीं और उत्पादों का उत्पादन कर उन्हें बेचा। उन्होंने अपनी कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए प्रिफेंशियल शेयर स्कीम शुरू की, जिसमें ग्राहकों को शेयर देकर मालिक बनाया जाता था।
आर्थिक अपराध और जांच
ओडिशा में आरोपित की कंपनी के नाम पर अलग-अलग स्थानों पर स्थित 400 एकड़ भूमि, फैक्ट्री, मकान, वाहनों और सोना-चांदी को क्राइम ब्रांच ओडिशा और ईडी द्वारा जब्त कर जांच की जा रही है। सीबीआई भी इस मामले की जांच कर रही है। आरोपित के विरुद्ध पांच आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के साथ ही आरओसी के 400 प्रकरण विभिन्न न्यायालयों में दर्ज हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
प्रशांत कुमार दास की गिरफ्तारी से छत्तीसगढ़ और ओडिशा में करोड़ों की ठगी के इस मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है। पुलिस और अन्य जांच एजेंसियां इस मामले में और अधिक खुलासे की उम्मीद कर रही हैं। दास के खिलाफ दर्ज मामलों की जांच जारी है और उनकी संपत्तियों को जब्त कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। इससे ठगी के शिकार लोगों को न्याय मिलने की उम्मीद है।