जिले में धान बीज उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि विभाग और बीज प्रक्रिया केंद्र ने मिलकर एक नई पहल की है। इस पहल के तहत किसानों को प्रमाणित बीज की खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जिससे वे अधिक मुनाफा कमा सकें।
अधिक मुनाफा का गणित
एक एकड़ भूमि में 20 क्विंटल प्रमाणित बीज तैयार किया जा सकता है। जब इसे 3700 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेचा जाता है, तो कुल बिक्री मूल्य 74,000 रुपये होता है। इसमें से यदि 25,000 रुपये की लागत हटा दी जाए, तो किसानों को 49,000 रुपये का शुद्ध लाभ होता है। जबकि सामान्य धान को समर्थन मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल में बेचने पर किसानों को 37,000 रुपये का ही लाभ हो पाता है।
बीज उत्पादन कार्यक्रम का विस्तार
बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत इस बार जिले में 752 हेक्टेयर भूमि में मानक बीज तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। पिछले वर्ष यह लक्ष्य 500 हेक्टेयर था, जिसे इस बार 252 हेक्टेयर बढ़ाकर अधिक किसानों को लाभान्वित करने का प्रयास किया गया है। जिला कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, अब तक 100 से भी अधिक किसानों ने पंजीयन करा लिया है।
पंजीयन और रियायत
प्रमाणित बीज की खेती के लिए किसान अपने गांव के कृषि विस्तार अधिकारी से पंजीयन करा सकते हैं। पंजीयन करने वाले किसानों को रियायती दर पर बीज भी उपलब्ध कराया जाएगा। बीज प्रक्रिया केंद्र में मानक बीज का मूल्य 4500 रुपये क्विंटल है, जबकि पंजीकृत किसानों को 4000 रुपये क्विंटल की दर से बीज प्रदान किया जाएगा।
प्रशिक्षण और विशेषज्ञों का मार्गदर्शन
किसानों को बीज उत्पादन की प्रक्रिया से अवगत कराने के लिए मिट्टी परीक्षण, पौधों की बीमारियों का निराकरण, खाद की मात्रा आदि की जानकारी विशेषज्ञों द्वारा दी जाएगी। एक बार प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद, अगले वर्ष किसानों को पुनः प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे उनकी आयातित बीज पर निर्भरता भी कम होगी।
बीज का स्थानीय उत्पादन
जिले में धान बीज का उत्पादन होने से अन्य जिलों पर निर्भरता कम होगी और स्थानीय स्तर पर ही मानक बीज उपलब्ध हो सकेगा। साथ ही, किसानों को सुगंधित धान की खेती के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिले के पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड में 1000 हेक्टेयर भूमि में प्रदर्शन खेती का निर्णय लिया गया है, जिसमें चयनित किसानों को खाद, बीज व जैविक कीटनाशक दवा के लिए प्रति एकड़ 10,000 रुपये का अनुदान देने का प्रावधान रखा गया है।
वर्जन
कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया, “किसानों को बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत आधार प्रमाणित बीज की खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस बार 752 हेक्टेयर में बोआई का लक्ष्य रखा गया है और 200 से भी अधिक किसानों ने फसल लगाने के लिए पंजीयन करा लिया है।”
यह पहल किसानों को अधिक मुनाफा देने के साथ-साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। प्रमाणित बीज की खेती से न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि जिले में उच्च गुणवत्ता वाले धान बीज का उत्पादन भी सुनिश्चित होगा। कृषि विभाग और बीज प्रक्रिया केंद्र की यह संयुक्त पहल निश्चित रूप से जिले के किसानों के लिए लाभकारी साबित होगी।