बिहार पुलिस ने रविवार, 7 जुलाई को केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET)-2024 में नकल करने वाले दो महिलाओं समेत बारह लोगों को गिरफ्तार किया है। दरभंगा जिले के विभिन्न केंद्रों पर ये आरोपी दूसरे उम्मीदवारों के बदले परीक्षा दे रहे थे। इस घटना ने परीक्षा प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
दरभंगा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) जगुनाथ रेड्डी ने कहा कि अधिकांश गिरफ्तारियां लहेरियासराय पुलिस थाने क्षेत्र के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर हुईं। रेड्डी ने बताया कि कुल नौ आरोपी लहेरियासराय से पकड़े गए। इसके अलावा, सदर थाने के तहत एक केंद्र से दो संदिग्धों को पकड़ा गया, जबकि एक को बहादुरपुर थाने के तहत एक परीक्षा केंद्र से हिरासत में लिया गया।
फिंगरप्रिंट स्कैन से फर्जी परीक्षार्थी का चला पता
परीक्षा केंद्र पर नकल करने पहुंचे आरोपियों की पहचान बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट स्कैन से की गई। पुलिस के अनुसार, परीक्षा केंद्रों पर उम्मीदवारों के बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट स्कैन के जरिए नकल का पता चला। निरीक्षकों और प्रशासकों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायतों के आधार पर पुलिस ने जालसाजों के खिलाफ मामला दर्ज किया और उनसे पूछताछ जारी है।
असली उम्मीदवारों की तलाश
पुलिस असली उम्मीदवारों के बारे में भी जानकारी जुटा रही है। सूत्रों ने बताया कि पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि गिरफ्तार किए गए लोग किसी बड़े धोखाधड़ी गिरोह से जुड़े हैं या नहीं। सरकारी क्षेत्र में शिक्षण पदों की तलाश कर रहे उम्मीदवारों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर हर साल सीटीईटी आयोजित की जाती है।
पैसे की लालच में नकल करने पहुंचे थे नकली छात्र
बताया जा रहा है कि पैसे की लालच में आकर ये सभी फर्जी परीक्षार्थी दूसरे के बदले परीक्षा देने पहुंचे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपियों की डील 50-50 हजार रुपए में हुई थी। अब, पुलिस इन सभी फर्जी परीक्षार्थियों से पूछताछ कर रही है और हर एंगल पर जांच कर रही है।
परीक्षाओं में नकल की बढ़ती घटनाएं
इस घटना ने एक बार फिर से भारत में परीक्षाओं में नकल की बढ़ती घटनाओं पर ध्यान आकर्षित किया है। शिक्षण क्षेत्र में भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी की घटनाएं न केवल शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता को कम करती हैं, बल्कि ईमानदार और मेहनती छात्रों के अवसरों को भी प्रभावित करती हैं।
परीक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता
इस प्रकार की घटनाओं से निपटने के लिए परीक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है। बायोमेट्रिक तकनीक और निगरानी प्रणाली को और सख्त करना होगा ताकि इस प्रकार की धोखाधड़ी को रोका जा सके। साथ ही, ऐसे मामलों में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।
पुलिस की तत्परता
दरभंगा पुलिस की तत्परता और बायोमेट्रिक स्कैनिंग तकनीक की मदद से इस धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया गया। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो दिखाता है कि तकनीक का सही उपयोग किस प्रकार धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार को रोकने में सहायक हो सकता है।
दरभंगा में सीटीईटी-2024 परीक्षा में नकल करने की घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि परीक्षा प्रणाली में सुधार और निगरानी की आवश्यकता है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने इस धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया, लेकिन इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए और भी सख्त कदम उठाने होंगे। यह घटना एक चेतावनी के रूप में काम करेगी और भविष्य में परीक्षाओं की विश्वसनीयता को बनाए रखने में सहायक होगी।