छत्तीसगढ़ के पटवारियों ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। यह हड़ताल 32 सूत्री मांगों को लेकर है, जिनमें राजस्व पखवाड़ा का पूरी तरह बहिष्कार किया गया है। पटवारियों ने आज से सभी जिला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन की शुरुआत की है।
पटवारी संघ ने राजस्व मंत्री को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें कहा गया है कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं की गईं तो 8 जुलाई से सभी पटवारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे। इस ज्ञापन में 32 सूत्रीय मांगें रखी गई हैं, जिनमें पटवारी के ग्रेड पे में 2800 रुपये की वृद्धि करने की मांग, कार्यालयीन संसाधनों की सुविधा में सुधार, और ऑनलाइन कार्य के लिए तकनीकी सुविधाओं की मांग शामिल है। इसके अलावा, जिले स्तर पर सहायक प्रोग्रामरों की पदस्थापना की मांग भी है, ताकि ऑनलाइन एप भुइंया में नक्शा, बटांकन संशोधन जैसी परेशानियों का समाधान किया जा सके। पटवारियों का कहना है कि उनकी ये मांगें उनके काम को और भी सुविधाजनक बनाने और तकनीकी समस्याओं को दूर करने में मदद करेंगी।
इस हड़ताल के बाद राजस्व विभाग की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया अभी तक नहीं आई है। पटवारी संघ के अधिकारियों ने बताया कि वे अपनी मांगों के लिए संवेदनशील हैं और इसमें समाधान के लिए सरकार के साथ संवाद जारी रखेंगे।
यह हड़ताल छत्तीसगढ़ में राजस्व के कार्यों पर असर डाल सकती है, विशेषकर भूमि रजिस्ट्री के कामों में। इसके अलावा, लोगों को भी परेशानी हो सकती है जिन्हें अपनी भूमि के नक़ल के काम में लंबी प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है।
पटवारी संघ ने इस हड़ताल को जारी रखने का फैसला किया है, ताकि उनकी मांगों पर ध्यान दिया जाए और समस्याएं जल्दी हल हो सकें। इससे प्रदेश के राजस्व कार्यों में देरी हो सकती है, लेकिन सरकार और संघ के बीच संवाद के माध्यम से इस मुद्दे का समाधान निकाला जा सकता है।