मुंबई: भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई में सोमवार को भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। सड़कें और रेलमार्ग जलमग्न हो गए, जिससे उड़ानें बाधित हुईं और कुछ स्कूलों और कॉलेजों को बंद करना पड़ा। विभिन्न क्षेत्रों में नदियों के उफान से 20 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए।
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Toggleउत्तर और पूर्व भारत में बाढ़ की स्थिति
मुंबई के साथ-साथ भारत के उत्तर और पूर्व में भी मूसलाधार बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति उत्पन्न हो गई है। पड़ोसी हिमालयी देश नेपाल में भी बाढ़ आई है, जहां कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई। पूर्वोत्तर असम में नदियों में आई बाढ़ से 20 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान भी जलमग्न हो गया, जिससे छह जानवर डूब गए। मई से बाढ़ और बारिश से संबंधित घटनाओं में असम में 66 लोगों की मौत हो चुकी है।
उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति
उत्तर प्रदेश के 31 गांव भी बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। राज्य सरकार ने बताया कि नेपाल सीमा पर स्थित इन गांवों में भारी बारिश के कारण जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है।
मुंबई में बारिश की तीव्रता
नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार, मुंबई में सोमवार सुबह 7:00 बजे तक छह घंटों में 300 मिमी से अधिक बारिश हुई। दिन में बाद में और भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है। यात्रियों को घुटनों तक पानी में चलना पड़ा, जिससे कई इलाकों में वाहन आंशिक रूप से डूब गए। शहर के पूर्वी और पश्चिमी एक्सप्रेस राजमार्गों पर यातायात जाम हो गया।
रेल और हवाई यातायात पर असर
रेलवे अधिकारियों को पटरियों पर पानी भरने के कारण कुछ लंबी दूरी की ट्रेनों को रद्द करना पड़ा। उपनगरीय यात्री ट्रेनें भी जलमग्न लाइनों पर रुकी हुई नजर आईं। ट्रैकिंग सेवा फ्लाइटरडार24 के अनुसार, मुंबई के हवाई अड्डे पर 250 से अधिक उड़ानों में देरी हुई और कम से कम 30 उड़ानें रद्द कर दी गईं।
नई दिल्ली में बारिश की स्थिति
मुंबई की भारी बारिश के कुछ दिनों बाद, राजधानी नई दिल्ली में भी रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई, जिसके कारण हवाई अड्डे की छत गिर गई थी। इस बारिश ने नई दिल्ली में भी सामान्य जनजीवन को प्रभावित किया।
प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन की तैयारियां
मुंबई नगर निगम और अन्य प्रशासनिक इकाइयां प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। नालों की सफाई, जलभराव की निकासी और राहत शिविरों की व्यवस्था की जा रही है। नागरिकों को भी जागरूक किया जा रहा है कि वे सावधानी बरतें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
स्वास्थ्य पर असर
भारी बारिश और जलभराव से उत्पन्न स्थिति का स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर पड़ता है। जलजनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि लोग साफ और उबला हुआ पानी पिएं, घर के अंदर रहें और आवश्यक सावधानियां बरतें।
व्यापार और यातायात पर असर
भारी बारिश ने व्यापार और यातायात को भी प्रभावित किया है। बाजारों में रौनक कम हो गई है और लोग जरूरी काम के अलावा बाहर निकलने से बच रहे हैं। ट्रैफिक जाम के कारण कई लोग समय पर अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।
स्कूलों और कॉलेजों की स्थिति
भारी बारिश के कारण कई स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। प्रशासन ने छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है। स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी की घोषणा कर दी गई है और ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है।
प्रशासन की अपील
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे जलभराव वाले क्षेत्रों में जाने से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। यदि आवश्यक हो, तो केवल जरूरी काम के लिए ही बाहर निकलें। प्रशासन द्वारा जारी की गई चेतावनियों का पालन करें और आपात स्थिति में प्रशासन से संपर्क करें।
मुंबई और भारत के अन्य हिस्सों में भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। सड़कें, रेलमार्ग और हवाई यातायात बाधित हो गए हैं। प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य जारी है और नागरिकों को सावधान रहने की सलाह दी गई है। आने वाले दिनों में भी बारिश जारी रहने की संभावना है, इसलिए सतर्कता और सावधानी बरतना आवश्यक है।