कोरबा – कोरबा जिले में आरोग्य केंद्रों में काम करने वाले सामुदायिक चिकित्सा कर्मचारियों ने अपनी तीन प्रमुख मांगों को लेकर हड़ताल शुरू कर दी है। इस हड़ताल में कोरबा जिले के विभिन्न केंद्रों से 170 से अधिक कर्मचारी शामिल हैं, जिनमें महिला और पुरुष दोनों कर्मचारी शामिल हैं। उनकी हड़ताल के कारण संबंधित केंद्रों पर चिकित्सा सेवाओं पर व्यापक असर पड़ा है।
हड़ताल का कारण और मांगें
सामुदायिक चिकित्सा कर्मचारियों ने तीन प्रमुख मांगों को लेकर हड़ताल का ऐलान किया है। उनकी मांगें हैं:
- कार्य आधारित वेतन का भुगतान: कर्मचारियों का कहना है कि उनके कार्य के आधार पर उन्हें उचित वेतन नहीं मिल रहा है, जिससे उनका आर्थिक जीवन प्रभावित हो रहा है।
- 8 महीने का बकाया इंसेंटिव: कर्मचारियों का 8 महीने का इंसेंटिव बकाया है, जिसे जल्द से जल्द भुगतान करने की मांग की जा रही है।
- अन्य मांगें: अन्य मांगों में से एक यह है कि उनके एक सहयोगी पवन वर्मा को गलत जानकारी के आधार पर सेवा से मुक्त कर दिया गया है। कर्मचारियों ने उनकी बहाली की मांग की है।
प्रदर्शन स्थल पर नारेबाजी और आक्रोश
प्रदर्शन स्थल पर कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर जोरदार नारेबाजी की। सामुदायिक स्वास्थ्य चिकित्सा प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष ओम प्रकाश चौहान ने कहा कि वेतन विसंगति और इंसेंटिव बकाया के मुद्दे काफी लंबे समय से लंबित हैं, लेकिन संबंधित अधिकारी इन समस्याओं को हल करने में असफल रहे हैं।
ओम प्रकाश चौहान ने कहा, “हमारी मांगें बहुत समय से लंबित हैं और अधिकारियों की लापरवाही के कारण आज यह स्थिति निर्मित हुई है। यदि हमारी मांगें जल्द ही पूरी नहीं की गईं, तो हम और भी उग्र आंदोलन करेंगे।”
चिकित्सा सेवाओं पर असर
कर्मचारियों की हड़ताल के कारण आरोग्य केंद्रों पर चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में संचालित वैलनेस सेंटरों में सेवाओं की गुणवत्ता पर असर पड़ा है। मरीजों को इलाज में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है और कई केंद्रों में चिकित्सा सुविधाएं पूरी तरह से बंद हो गई हैं।
स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की भूमिका
स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की एक पदाधिकारी ने बताया कि उनके एक सहयोगी पवन वर्मा को गलत जानकारी के आधार पर सेवा से मुक्त कर दिया गया है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि उनकी बहाली जल्द से जल्द कराई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो कर्मचारियों की हड़ताल और भी उग्र रूप धारण कर सकती है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
अभी तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। कर्मचारियों की मांगों पर विचार करने और समाधान निकालने की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। प्रशासन की निष्क्रियता के कारण कर्मचारियों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है और यह हड़ताल लंबी खिंच सकती है।
कर्मचारियों का संकल्प
सामुदायिक चिकित्सा कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं। उनका कहना है कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे हड़ताल जारी रखेंगे। उनका यह भी कहना है कि यदि प्रशासन ने उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया, तो वे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे और जिला प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करेंगे।
सामुदायिक चिकित्सा कर्मचारियों की भूमिका
सामुदायिक चिकित्सा कर्मचारी स्वास्थ्य सेवाओं के महत्वपूर्ण अंग होते हैं। वे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की डिलीवरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनके बिना, स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच दोनों ही प्रभावित होती हैं। उनकी मांगें जायज और आवश्यक हैं, और प्रशासन को उनकी समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द करना चाहिए।
कोरबा जिले में सामुदायिक चिकित्सा कर्मचारियों की हड़ताल एक गंभीर समस्या है, जो स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरा असर डाल रही है। कर्मचारियों की मांगें न केवल उनकी आर्थिक स्थिरता से जुड़ी हैं, बल्कि चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच पर भी असर डालती हैं। प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान हो सके और जनता को स्वास्थ्य सेवाओं का समुचित लाभ मिल सके।