जांजगीर-चांपा – जांजगीर चांपा जिले के कचहरी चौक में बलौदा जनपद पंचायत क्षेत्र के अंगारखार गांव के ग्रामीणों ने अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर भूख हड़ताल शुरू कर दी है। इस भूख हड़ताल में दो बच्चे भी शामिल हैं, जो अपने परिवार के साथ न्याय की मांग कर रहे हैं। यह हड़ताल गुरुवार की सुबह से शुरू हुई है, जब ग्रामीणों को अपनी समस्याओं का कोई समाधान नहीं मिला।
भूख हड़ताल का कारण और मांगें
अंगारखार गांव के ग्रामीणों की मुख्य समस्याएं शुद्ध पीने का पानी, मनरेगा में किए गए कार्यों का समय पर भुगतान, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास का निर्माण, घर से बाहर निकलने के लिए रास्ता, और पंचायत में निर्माण का भुगतान समय पर न मिलने से संबंधित हैं। इन मांगों को लेकर 13 जून को कलेक्टर आकाश छिकारा को ज्ञापन सौंपा गया था। ग्रामीणों ने 20 जून तक इन समस्याओं के समाधान की मांग की थी, लेकिन समय सीमा के भीतर कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण उन्होंने भूख हड़ताल शुरू कर दी।
भूख हड़ताल में शामिल बच्चे
भूख हड़ताल में शामिल दो बच्चों का भी मामला खासा गंभीर है। उनके घर के सामने अवैध कब्जे के कारण आने-जाने का रास्ता बंद कर दिया गया है, जिससे वे घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। यह स्थिति बच्चों के लिए काफी कठिन और कष्टदायक है। बच्चों के माता-पिता ने कलेक्टर से निवेदन किया है कि उन्हें आने-जाने का रास्ता दिलाया जाए, ताकि बच्चों की पढ़ाई और दिनचर्या प्रभावित न हो।
कलेक्टर को सौंपा गया ज्ञापन
ग्रामीणों ने कलेक्टर आकाश छिकारा को अपनी समस्याओं का ज्ञापन सौंपा था, जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया कि अगर 20 जून तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो वे भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे। ज्ञापन में ग्रामीणों ने कहा था कि शुद्ध पीने के पानी की सुविधा, मनरेगा के कार्यों का समय पर भुगतान, पीएम आवास योजना के अंतर्गत आवास का निर्माण, घर से बाहर निकलने के लिए रास्ता, और पंचायत में निर्माण का भुगतान समय पर न मिलने जैसी समस्याओं का समाधान किया जाए।
सात दिन के बाद भी समाधान नहीं
सात दिन बीत जाने के बाद भी ग्रामीणों को अपनी समस्याओं का कोई समाधान नहीं मिला। गुरुवार की सुबह से ग्रामीणों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी। इस भूख हड़ताल में बच्चों का शामिल होना स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं होती, वे भूख हड़ताल जारी रखेंगे।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
प्रशासन ने अभी तक इस भूख हड़ताल के संबंध में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। कलेक्टर आकाश छिकारा ने निवेदन किया है कि ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर उनकी समस्याओं का जल्द समाधान नहीं हुआ, तो वे और भी कड़े कदम उठाने को मजबूर हो जाएंगे।
ग्रामीणों का संकल्प
ग्रामीणों का कहना है कि वे अपनी मांगों के लिए अंत तक संघर्ष करेंगे। उनका कहना है कि जब तक उनकी सभी समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता, वे भूख हड़ताल जारी रखेंगे। ग्रामीणों ने यह भी कहा है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे और जिला प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करेंगे।
जांजगीर-चांपा जिले के कचहरी चौक में चल रही भूख हड़ताल प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। ग्रामीणों की पांच सूत्रीय मांगें उनकी बुनियादी जरूरतों से जुड़ी हैं, जिनका समाधान जल्द से जल्द किया जाना चाहिए। प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि ग्रामीणों का विश्वास प्रशासन पर बना रहे और उनकी समस्याओं का समाधान हो सके। भूख हड़ताल में बच्चों का शामिल होना इस बात का संकेत है कि ग्रामीणों की समस्याएं कितनी गंभीर हैं और उनके समाधान की कितनी आवश्यकता है।