Tuesday, December 24, 2024

राजनीति का रण बघेल vs चौधरी – सरकार चलाने पर जुबानी जंग

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राज्य में नई सरकार के गठन के बाद से ही भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासी बयानबाजी का सिलसिला जारी है। गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान सवाल उठाया कि “सरकार कौन चला रहा है?” उनके इस बयान पर राज्य के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस की सरकार चलाने वाले या तो जेल में हैं या बेल पर हैं।”

भाजपा में असली बॉस कौन? भूपेश बघेल का तंज

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान अपने बयान में कहा, “मेरा निवास भिलाई में है, लेकिन पांच साल वहां नहीं गया। भिलाई से सरकार नहीं चलती थी। सरकार राजधानी रायपुर से चलती थी।” उन्होंने वर्तमान सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, “विष्णुदेव की सरकार कौन चला रहा है? क्या ओपी चौधरी चला रहे हैं, डिप्टी सीएम विजय शर्मा चला रहे हैं या अरुण साव चला रहे हैं? आखिर सरकार कौन चला रहा है?”

सुशासन का असर चुभने लगी पारदर्शिता चौधरी का बघेल पर तंज

मंत्री ओपी चौधरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान का वीडियो जारी करते हुए लिखा, “भूपेश बघेल, जनता के विश्वास और समर्थन से आपके 5 साल के माफियाराज के बाद छत्तीसगढ़ में सुशासन आया है, तो आपको तकलीफ हो रही है। आपको पता तो होगा ही कि आपकी सरकार चलाने वाले या तो जेल में हैं या बेल पर हैं। सुनने में तो ये भी आया है कि काफी दिनों तक आपकी सरकार जेल से भी चली।”

सियासी बयानबाजी का पुराना इतिहास

राज्य में नई सरकार बनने के बाद से ही भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता आ रहा है। यह पहली बार नहीं है जब दोनों पक्षों के नेताओं के बीच तीखे बयान सुनाई दे रहे हों। सियासी गलियारों में ये जुबानी जंग अक्सर देखी जाती है, लेकिन इस बार मामला थोड़ा ज्यादा गर्म हो गया है।

जनता के बीच बढ़ती दिलचस्पी

जनता के बीच इस सियासी जंग की दिलचस्पी बढ़ती जा रही है। जहां एक ओर कांग्रेस के समर्थक भूपेश बघेल के सवालों को सही ठहरा रहे हैं, वहीं भाजपा के समर्थक ओपी चौधरी के पलटवार को उचित मान रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी दोनों दलों के समर्थक अपनी-अपनी राय रख रहे हैं और यह मुद्दा तेजी से वायरल हो रहा है।

पूर्व सरकार के कामकाज पर सवाल

भूपेश बघेल ने अपने बयान में पूर्व सरकार के कामकाज पर सवाल उठाते हुए कहा कि “सरकार राजधानी रायपुर से चलती थी और हमने अपने कार्यकाल में सुशासन देने का प्रयास किया था।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार की नीतियों और कार्यशैली में पारदर्शिता की कमी है और यही वजह है कि जनता के बीच असंतोष बढ़ रहा है।

विपक्ष का जवाबी हमला

ओपी चौधरी ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, “हमारी सरकार जनता के विश्वास और समर्थन से बनी है। हमने छत्तीसगढ़ में सुशासन लाने का वादा किया था और हम उसी दिशा में काम कर रहे हैं। भूपेश बघेल के आरोप निराधार हैं और उनका उद्देश्य केवल जनता को भ्रमित करना है।”

क्या कहती है जनता?

सामान्य जनता के बीच भी इस सियासी बयानबाजी को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सवालों को जायज मानते हैं और उनका कहना है कि वर्तमान सरकार को पारदर्शिता के साथ काम करना चाहिए। वहीं, कुछ लोग ओपी चौधरी के समर्थन में खड़े हैं और उनका मानना है कि भाजपा सरकार ने राज्य में सुशासन लाने का प्रयास किया है और भूपेश बघेल के आरोप महज सियासी हथकंडे हैं।

आगे की राह

यह देखना दिलचस्प होगा कि इस जुबानी जंग का अंत किस तरह होता है। राज्य की राजनीति में यह विवाद और कितने दिन तक चलता है और इसके क्या नतीजे निकलते हैं। जहां एक ओर कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर लगातार हमलावर है, वहीं भाजपा भी पलटवार करने में पीछे नहीं है। आने वाले दिनों में इस सियासी खींचतान का राज्य की राजनीति पर क्या असर पड़ता है, यह देखने लायक होगा।

निष्कर्ष

राज्य में भाजपा और कांग्रेस के बीच चल रही इस सियासी जंग ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि राजनीति में बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर कभी खत्म नहीं होता। जनता को सही जानकारी देने और उनके हित में काम करने के बजाय, दोनों दल एक-दूसरे पर आरोप लगाने में व्यस्त हैं। अब देखना यह होगा कि इस सियासी खींचतान का क्या अंजाम होता है और राज्य की जनता किसे अपना समर्थन देती है।

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