रायपुर, कवर्धा, जगदलपुर, दुर्ग, राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ में खरीफ के मौसम की दस्तक के साथ ही किसानों ने खेती-बाड़ी की तैयारियों में जुट गए हैं। बुवाई के साथ-साथ खाद और बीज की खरीदारी का काम जोर-शोर से चल रहा है। हालांकि सरकारी सोसाइटियों में खाद का स्टॉक पर्याप्त होने के बावजूद प्रति हेक्टेयर खाद की लिमिट तय होने की वजह से किसानों को अतिरिक्त खाद खुले बाजार से खरीदनी पड़ रही है। बाजार में डीएपी, पोटाश और यूरिया की कीमतें काफी ऊंची हैं। बस्तर में 266 रुपये की यूरिया खुले बाजार में 300 रुपये से ज्यादा में बिक रही है।
खाद की उपलब्धता और कीमतें
रायपुर, जगदलपुर, कवर्धा, दुर्ग, और राजनांदगांव जिलों के किसानों ने बताया कि सोसाइटियों में खाद की कोई कमी नहीं है, लेकिन प्रति हेक्टेयर खाद की मात्रा निर्धारित होने के कारण उन्हें अतिरिक्त खाद की जरूरत पड़ रही है। इससे उन्हें महंगे दामों पर खाद खरीदनी पड़ रही है। कुछ सोसाइटियों में डीएपी और यूरिया की टारगेट में कटौती भी की गई है, जिससे किसानों को बाजार से महंगे दामों पर खरीदारी करनी पड़ रही है।
दुर्ग जिले में खाद की समस्या
दुर्ग जिले में डीएपी और यूरिया की टारगेट में कटौती की गई है। डीएपी का भंडारण 17225 टन से घटाकर 16700 टन कर दिया गया है। इससे खेती की शुरुआत में ही खाद की किल्लत हो गई है। सोसाइटियों में खाद की शॉर्टेज के कारण किसान महंगे दामों पर बाजार से खाद खरीदने को मजबूर हैं। पोटाश की भी कमी है, जिसे किसान बाजार से खरीद रहे हैं। प्रशासन ने इस समस्या को देखते हुए सोसाइटियों में खाद का भंडारण करने के निर्देश दिए हैं।
कवर्धा में खाद की कमी
कवर्धा जिले में मानसून की दस्तक के साथ ही खाद बेचने वाले दुकानदार सक्रिय हो गए हैं। वे गुणवत्ता विहीन खाद को उच्चकोटी का बताकर सरकारी दामों से अधिक कीमत पर बेच रहे हैं। सरकारी दावों के मुताबिक जिले की सेवा सहकारी समितियों में खाद की उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई है, लेकिन मांग के अनुरूप इसकी उपलब्धता नहीं है। इस कारण किसान खुले बाजार से खाद खरीदने पर मजबूर हैं और व्यापारी इसका फायदा उठा रहे हैं।
जगदलपुर में बिना खातेदार वाले किसानों की परेशानी
जगदलपुर जिले में सोसाइटियों में खाद का पर्याप्त भंडारण है, लेकिन सोसाइटियों में सिर्फ खातेदार किसानों को ही खाद देने के नियम होने के कारण बिना खातेधारी किसानों को खाद नहीं मिल रहा है। इससे उन्हें बाजार से महंगे दामों पर खाद खरीदनी पड़ रही है। लेम्पस में डीएपी 45 किलो पैकेट 1350 रुपये में उपलब्ध है, जबकि बाजार में यह 1450 रुपये में बिक रहा है। यूरिया 266.50 रुपये में लेम्पस में मिलता है, जबकि बाजार में यह 320 से 500 रुपये तक में बिक रहा है। पोटाश लेम्पस में 1625 रुपये में मिलता है, जबकि बाजार में यह 1750 से 1800 रुपये में बिक रहा है।
रायपुर जिले में महंगे दामों पर खाद और बीज की खरीदारी
रायपुर जिले में भी किसानों को सोसाइटियों के अलावा बाजार से भी बीज और खाद खरीदनी पड़ रही है। किसानों का कहना है कि कुछ सोसाइटियों में मांग के अनुसार बीज और खाद उपलब्ध नहीं है। इसके कारण उन्हें निजी दुकानों में जाकर खरीदारी करनी पड़ रही है। ग्राम निलजा निवासी घनश्याम वर्मा, दौलतराम बघेल, और ग्राम दतांग निवासी बिहारीलाल ने बताया कि सोसाइटी में प्रति एकड़ के अनुसार निर्धारित बीज और खाद उन्हें मिला है, लेकिन उनकी मांग ज्यादा थी। इस वजह से उन्हें बाजार से अतिरिक्त खाद खरीदनी पड़ रही है।
प्रशासन की पहल
प्रशासन ने किसानों की समस्याओं को देखते हुए तत्काल सोसाइटियों में खाद का भंडारण करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, सोसाइटी से खाद प्राप्त करने के लिए किसानों को खाता खुलवाने की सलाह दी जा रही है। जगदलपुर के आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित के प्रबंधक सोनू राव ने बताया कि सोसाइटी से सिर्फ खातेदार किसानों को ही शासकीय दामों में खाद मिलेगी। किसान को प्रति हेक्टेयर के लिए 17,400 रुपये की खाद दी जा रही है।
खाद की कीमतें (प्रति बोरी)
खाद | सोसायटी | खुला मार्केट |
---|---|---|
यूरिया | 266 | 270-300 |
पोटाश | 1625 | 1700-1800 |
डीएपी | 1350 | 1400-1600 |
जिंक सल्फेट | 550 | 600-800 |
सुपर फास्फेट | 510 | 520-550 |
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ में खरीफ की फसल के लिए किसानों को खाद और बीज की जरूरत को पूरा करने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी सोसाइटियों में खाद का स्टॉक होने के बावजूद प्रति हेक्टेयर लिमिट के कारण किसानों को खुले बाजार से महंगे दामों पर खाद खरीदनी पड़ रही है। प्रशासन ने इस समस्या को सुलझाने के लिए कदम उठाए हैं, लेकिन किसानों को राहत देने के लिए और भी उपाय करने की जरूरत है।