करतला थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कोटमेर में कच्ची शराब पीने के बाद तीन आदिवासियों की मौत का मामला सामने आया है। पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है, लेकिन अभी तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। मृतकों के शवों का बिसरा रसायन परीक्षण के लिए प्रिजर्व कर लिया गया है। इस घटना से गांव में शोक का माहौल है और एक साथ तीन अर्थियां उठने से पूरे गांव में मातम छा गया है।
घटना का विवरण
ग्राम कोटमेर में चैतराम कंवर के घर पर उसकी पत्नी मालती बाई (50 वर्ष), गांव के ही राम सिंह (60 वर्ष) और बेदराम (49 वर्ष) ने एक साथ मिलकर कच्ची शराब का सेवन किया। शराब पीने के कुछ ही देर बाद तीनों की मौत हो गई। घटना के वक्त चैतराम घर पर नहीं था और जब वह दोपहर के करीब 12 बजे घर लौटा तो उसने तीनों को मृत पाया। घटनास्थल पर शराब, मछली की सब्जी और कुछ चखना भी मिला। प्रथम दृष्टया माना जा रहा है कि शराब जहरीली होने के कारण ही इनकी मौत हुई है।
पुलिस की जांच
पुलिस ने शवों को करतला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की मर्च्यूरी में रखवाया और बुधवार की सुबह पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूर्ण की गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है, इसलिए अब बिसरा रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे मामले
इस प्रकार की घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं, जहां पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो पाई और बिसरा रिपोर्ट के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। कई मामलों में बिसरा रिपोर्ट लंबे समय के बाद भी नहीं मिल सकी है। इसलिए यह आशंका जताई जा रही है कि इस मामले में भी न्याय मिलने में देरी हो सकती है और यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला जाएगा।
गांव में पसरा मातम
एक साथ तीन ग्रामीणों की मौत से गांव में शोक का माहौल है। तीनों शवों को पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार के लिए उनके स्वजनों को सौंप दिया गया। पूरे गांव में मातम का माहौल है और सभी मृतकों के परिवारों को सांत्वना देने के लिए गांववाले एकजुट हो गए हैं।
कच्ची शराब के खतरे
यह घटना कच्ची शराब के सेवन से होने वाले खतरों की ओर भी इशारा करती है। अवैध रूप से बनाई जाने वाली कच्ची शराब में मिलावट और उसकी गुणवत्ता पर कोई नियंत्रण नहीं होता, जिससे अक्सर इस प्रकार की घटनाएं घटित होती हैं। इस घटना से यह स्पष्ट है कि कच्ची शराब पीने के बाद होने वाली मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है और इसके खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
प्रशासन की चुनौती
प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि इस प्रकार के मामलों में शीघ्रता से जांच हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इस प्रकार की घटनाओं से निपटने के लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
निष्कर्ष
कोटमेर गांव की इस दुखद घटना ने एक बार फिर से कच्ची शराब के खतरों और प्रशासनिक व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर कर दिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत की वजह स्पष्ट न हो पाने से मृतकों के परिवारों को न्याय मिलने में देरी हो सकती है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले में तत्परता से कार्रवाई करे और कच्ची शराब के सेवन से होने वाली मौतों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए। गांव में पसरे मातम को दूर करने के लिए प्रशासन और समाज को मिलकर प्रयास करने होंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।