Monday, December 23, 2024

नीट एग्जाम में धांधली के आरोप: यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द, केंद्र सरकार का कड़ा कदम

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नीट एग्जाम में धांधली के आरोपों के बीच केंद्र सरकार ने मंगलवार 18 जून को हुई यूजीसी-नेट की परीक्षा रद्द कर दी है। दरअसल, 19 जून को यूजीसी को परीक्षा के बारे में होम मिनिस्टरी के इंडियन साइबर क्राइम कोर्डिनेशन सेंटर की ओर से परीक्षा में गड़बड़ी के इनपुट्स मिले थे। यह इनपुट्स इस ओर इशारा कर रहे थे कि परीक्षा कराने में ईमानदारी नहीं बरती गई है।

इसके बाद मंत्रालय ने नेशनल टेंस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को परीक्षा रद्द करने का आदेश दिया। शिक्षा मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा, “परीक्षा प्रक्रिया की उच्चतम स्तर की पारदर्शिता और पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए, भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि यूजीसी-नेट जून 2024 परीक्षा रद्द कर दी जाए।” मंत्रालय ने आगे कहा, “एक नई परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसके लिए जानकारी अलग से साझा की जाएगी। साथ ही, मामले की गहन जांच के लिए इसे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपा जा रहा है।”

बयान में आगे कहा गया, “नीट (यूजी) परीक्षा-2024 से संबंधित मामले में ग्रेस मार्क्स से जुड़े मुद्दे को पहले ही पूरी तरह से सुलझा लिया गया है। पटना में परीक्षा के संचालन में कथित कुछ अनियमितताओं के संबंध में आर्थिक अपराध इकाई, बिहार पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। इस रिपोर्ट के मिलने पर सरकार आगे की कार्रवाई करेगी। सरकार परीक्षाओं की पवित्रता सुनिश्चित करने और छात्रों के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह दोहराया जाता है कि इस मामले में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति/संगठन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

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देशभर के विश्वविद्यालयों में पीएचडी एडमिशन्स, जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) और असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए यह परीक्षा 83 विषयों में आयोजित की गई थी। परीक्षा 18 जून को दो शिफ्टों में हुई थी। पहली शिफ्ट सुबह 9.30 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक और दूसरी शिफ्ट दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक थी। इस बार परीक्षा की प्रक्रिया में बदलाव किया गया था। पहले जहां यह कंप्यूटर बेस्ड एग्जाम होता था, वहीं इस बार इसे पेन पेपर मोड यानी ओएमआर मोड में आयोजित किया गया था।

इस पूरे घटनाक्रम के बाद से ही छात्रों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। छात्रों ने इस फैसले का स्वागत किया है, लेकिन साथ ही उन्होंने इस बात पर चिंता जताई है कि नई परीक्षा की तारीखों का ऐलान कब होगा। शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि नई तारीखों की घोषणा जल्द ही की जाएगी और छात्रों को समय पर सूचित किया जाएगा। मंत्रालय ने यह भी आश्वासन दिया है कि नई परीक्षा की तैयारी के लिए छात्रों को पर्याप्त समय दिया जाएगा।

एनटीए के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठ रही है। छात्रों के संगठनों ने इसे लेकर प्रदर्शन की चेतावनी भी दी है। नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने घोषणा की है कि वे 24 जून को संसद का घेराव करेंगे और नीट परीक्षा दोबारा कराने तथा एनटीए को बैन करने की मांग करेंगे। एनएसयूआई ने शिक्षा मंत्री से इस्तीफे की भी मांग की है।

छात्रों और अभिभावकों ने इस निर्णय पर अपनी मिश्रित प्रतिक्रियाएं दी हैं। कई छात्रों का मानना है कि सरकार ने सही कदम उठाया है ताकि परीक्षा प्रक्रिया की पवित्रता बनी रहे और कोई भी अनियमितता न हो। वहीं कुछ छात्रों का कहना है कि इस निर्णय से उनकी तैयारी प्रभावित होगी और उन्हें पुनः परीक्षा देने में कठिनाई का सामना करना पड़ेगा।

सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वे छात्रों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार ने कहा है कि परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

इस पूरे मामले ने एक बार फिर से शिक्षा प्रणाली में सुधार और पारदर्शिता की आवश्यकता को उजागर किया है। छात्रों की उम्मीदें सरकार से इस बात की हैं कि वे तेजी से कार्रवाई करें और नई परीक्षा की तारीखों की घोषणा करें ताकि उनका भविष्य सुरक्षित रहे और वे बिना किसी तनाव के अपनी तैयारी कर सकें।

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