छत्तीसगढ़ में खेल प्रशिक्षकों की कमी बढ़ गई है, जिसके चलते 84 पदों में से 74 पद रिक्त पड़े हैं। यह समस्या इस बात का परिचायक कराती है कि प्रदेश में प्रशिक्षकों की नियुक्ति के लिए खेल विभाग की ओर से निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन पात्रता में हो रही गड़बड़ी के कारण उच्च क्षमता वाले उम्मीदवारों का अभाव है।
खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संचालक तनुजा सलाम ने कहा, “विभाग की ओर से रिक्त पदों को भरने के लिए प्रयास किया जा रहा है। वित्त विभाग को मंजूरी के लिए भेजा गया है। हाल ही में तीन कोच की नियुक्ति की गई है और संविदा पर कोच के लिए आवेदन मंगाए गए हैं।”
प्रदेश में भर्ती पात्रता की समस्या:
छत्तीसगढ़ में खेल प्रशिक्षक बनने के लिए एनआईएस पटियाला से खेल डिग्री होना और प्रदेश का मूल निवासी होना आवश्यक है। इस वजह से अनेक उम्मीदवारों को पात्रता में गड़बड़ी का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण 84 पदों में से 74 पद रिक्त हैं। विभागीय अधिकारी भी इसे मान रहे हैं कि इस समस्या का समाधान करने के लिए संविदा पर कार्य किया जा रहा है।
नेशनल गेम्स में छत्तीसगढ़ की उपस्थिति:
37वें नेशनल गेम्स गोवा में हुए थे, जिसमें प्रदेश से 27 खेलों में खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। इनमें तैराकी, तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बास्केटबाल, बिलियर्ड्स, बॉक्सिंग, साइकिलिंग, फेंसिंग, गतका, हैंडबॉल इंडोर, हैंडबॉल बीच, जूडो, कलारीपयट्टू, केनोइंग, मलखंब, मिनी गोल्फ, मॉडर्न पेंटाथालॉन, पेनकाक सिलाट, रोलबॉल, शूटिंग, स्क्वैश, ट्रायथलॉन, वेटलिफ्टिंग, कुश्ती, और वुशु शामिल थे।
इससे स्पष्ट होता है कि छत्तीसगढ़ में खेलों के विकास और खिलाड़ियों की अनुकूलता के लिए प्रशिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका है, जिसके लिए विभाग ने संविदा पर कार्य करने की योजना बनाई है। इस समस्या के समाधान के लिए सरकारी स्तर पर भी उचित कदम उठाने की आवश्यकता है।