Monday, December 23, 2024

चार साल से ई-कॉमर्स कंपनियों को धोखा खाली बॉक्स लौटाकर मोबाइल की जालसाजी

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भोपाल में पुलिस ने एक ऐसे शातिर बदमाश को गिरफ्तार किया है जो पिछले चार वर्षों से जालसाजी के जरिए मोबाइल, ई-कॉमर्स और कूरियर कंपनियों को भारी नुकसान पहुंचा रहा था। आरोपी ने एक नये और अनोखे तरीके से कंपनियों को चूना लगाया था, जिससे उसकी चालाकी और आंत्रप्रेन्योरियल सोच के प्रमाण मिले हैं। इस जालसाजी में उसने ऑनलाइन मोबाइल आर्डर किए, उन्हें प्राप्त करके मोबाइल निकाल लिए और उसकी जगह ग्लासगार्ड भरकर वापस कर दिया। इसके बाद कंपनी ने पैसे वापस कर दिए, जिससे आरोपी ने लाखों रुपए का लाभ उठाया।

जालसाजी का तरीका: मोबाइल की जगह ग्लासगार्ड

भोपाल के निशातपुरा थाने में दर्ज इस संगीन मामले में आरोपित की करतूतें सामने आई हैं। आरोपी ने पिछले चार वर्षों में हर सप्ताह बड़ी संख्या में ऑनलाइन मोबाइल आर्डर किए। मोबाइल प्राप्त करने के बाद, उसने उन मोबाइलों को निकाल लिया और उनके बॉक्स में ग्लासगार्ड भरकर कंपनी को वापस कर दिया। इस प्रक्रिया को अंजाम देने के बाद, वह कंपनी में शिकायत करता था कि उसे आर्डर में मोबाइल की बजाय स्क्रीन गार्ड मिले हैं। इसके कारण कंपनी उसे पैसे वापस कर देती थी, और इस तरह से आरोपी ने ई-कॉमर्स और कूरियर कंपनियों को लगातार धोखा दिया।

आरोपित की पहचान और जालसाजी की जाँच

पुलिस द्वारा की गई जाँच में सामने आया है कि आरोपी का नाम सौरभ नामदेव है और वह रायसेन जिले का निवासी है। सौरभ ने पिछले चार वर्षों में इस जालसाजी को अंजाम दिया। उसके खिलाफ करोंद स्थित एक कूरियर कंपनी के मैनेजर ने अप्रैल 2024 में निशातपुरा थाने में शिकायत की थी। पुलिस की जांच के बाद, रविवार को उसके खिलाफ अमानत में खयानत का मामला दर्ज किया गया है।

शातिर ने हजारों मोबाइलों का गबन किया

जांच अधिकारी एसआई शिवराज सिंह के मुताबिक, सौरभ ने एक बार में आठ से दस महंगे मोबाइल आर्डर किए। उसने उन मोबाइलों को निकालकर चार्जर के साथ रखते हुए, बॉक्सों में स्क्रीन गार्ड डालकर कूरियर कंपनी को वापस कर दिया। इसके बाद उसने शिकायत की कि उसे पार्सल में मोबाइल नहीं मिले। इस प्रकार, कंपनी ने मजबूरन उसके पैसे वापस कर दिए। सौरभ ने इस तरह पिछले चार वर्षों में हजारों मोबाइलों का गबन कर लिया और उन्हें बेच दिया।

फर्जी अकाउंट और अन्य मामलों की जानकारी

आरोपित सौरभ के पास ई-कॉमर्स साइट्स के हजारों अकाउंट थे, जिनका उपयोग उसने जालसाजी के लिए किया। उसने अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के नाम पर भी फर्जी अकाउंट बनाए थे। इससे पहले, 2020 में अशोका गार्डन थाने में भी उसके खिलाफ इसी तरह के जालसाजी के मामले दर्ज किए गए थे। इसके अलावा, विदिशा और पुणे के थानों में भी उसके खिलाफ मामले दर्ज हैं।

साथियों की भूमिका और पूछताछ

पुलिस को संदेह है कि सौरभ के इस जालसाजी में अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। इस संदर्भ में उसकी पूछताछ के साथ-साथ उसके साथियों की भी जांच की जा रही है। पुलिस ने आशंका जताई है कि इस नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों की पहचान के लिए विस्तृत जाँच की जाएगी, ताकि सभी दोषियों को कानून के दायरे में लाया जा सके।

सारांश और भविष्य की कार्रवाई

भोपाल पुलिस ने सौरभ नामदेव को गिरफ्तार करके एक बड़े ऑनलाइन जालसाजी के मामले का खुलासा किया है। इस मामले से यह स्पष्ट होता है कि ऑनलाइन शॉपिंग और कूरियर सेवाओं के प्रति लोगों का विश्वास बनाने के लिए कंपनियों को सख्त सुरक्षा उपायों को अपनाना चाहिए। सौरभ की यह जालसाजी उसकी चालाकी और संसाधनों के साथ-साथ डिजिटल प्लेटफार्मों की सुरक्षा के प्रति सतर्कता की आवश्यकता को भी उजागर करती है।

अब पुलिस द्वारा जारी की गई जांच में यह देखना होगा कि क्या सौरभ के साथियों को भी गिरफ्तार किया जाता है और इस प्रकार की जालसाजी से जुड़े अन्य मामलों की भी तहकीकात की जाएगी। इस घटना से ई-कॉमर्स और कूरियर कंपनियों को यह सीखने को मिलता है कि ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल को और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में किसी भी तरह की धोखाधड़ी को रोका जा सके।

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