भारत में मानसून का महत्व अपार है। देश के अधिकांश हिस्सों में वर्षा का प्रमुख स्रोत यही है, जो कृषि, जल संसाधन और सामान्य जनजीवन पर गहरा प्रभाव डालता है। भारतीय उपमहाद्वीप में मानसून के आगमन का बेसब्री से इंतजार किया जाता है क्योंकि यह न केवल फसलों के लिए आवश्यक होता है बल्कि जलस्तर को बनाए रखने के लिए भी अत्यावश्यक है। 2024 में दक्षिण-पश्चिमी मानसून के आगमन ने एक बार फिर से देश में नई उम्मीदें जगाई हैं।
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Toggleगुजरात में मानसून की प्रगति
दक्षिण-पश्चिमी मानसून इस साल दक्षिण गुजरात के कुछ हिस्सों में 11 जून को जल्दी पहुंचा। यह कई दिनों तक ठहरने के बाद रविवार को राज्य में आगे बढ़ गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने जानकारी दी कि अगले तीन-चार दिनों में गुजरात और उत्तरी अरब सागर के कुछ और हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने की परिस्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं। आईएमडी ने बताया कि दक्षिण गुजरात के तापी जिले में रविवार सुबह समाप्त 24 घंटे की अवधि में भारी बारिश दर्ज की गई। दक्षिण गुजरात के कई स्थानों और उत्तर गुजरात तथा सौराष्ट्र के अलग-अलग स्थानों पर भी बारिश हुई।
आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, गुजरात के सभी जिलों में अगले सप्ताह हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। यह मानसून आमतौर पर 15 जून को गुजरात में प्रवेश करता है और 20 जून तक अहमदाबाद तथा सौराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों सहित राज्य के अन्य भागों में आगे बढ़ता है। अधिकारियों के अनुसार, यह 25 जून तक सौराष्ट्र के अधिकांश हिस्सों और 30 जून तक पूरे राज्य में पहुंच जाता है।
महाराष्ट्र में मानसून
महाराष्ट्र भी इस सप्ताह मानसून की अच्छी बारिश के लिए तैयार है। आईएमडी ने बताया कि कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों और कर्नाटक में अगले पांच दिनों तक बारिश के आसार हैं। मानसून की बारिश महाराष्ट्र को तरबतर करने के लिए तैयार है, जिससे राज्य में फसलों की स्थिति बेहतर होगी और जलस्तर भी सुधरेगा।
अन्य राज्यों में मानसून की स्थिति
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने केरल समेत कई राज्यों में भी अगले पांच दिनों तक बारिश की संभावना जताई है। IMD ने कहा कि अगले तीन-चार दिनों के दौरान मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़ में तेज आंधी तूफान और बिजली के साथ व्यापक बारिश होने के आसार हैं। गर्मी से तबाह रहे मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे कई राज्यों को मानसून के मोर्चे पर खुशखबरी मिल सकती है। पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार के शेष हिस्सों, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में भी मानसून के आगे बढ़ने की परिस्थितियां अनुकूल हैं।
मानसून का व्यापक प्रभाव
भारत के विभिन्न हिस्सों में मानसून का आगमन और इसकी प्रगति महत्वपूर्ण है। यह न केवल कृषि पर प्रभाव डालता है, बल्कि जलविद्युत परियोजनाओं, पेयजल आपूर्ति और पर्यावरणीय संतुलन के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस साल का मानसून भी कृषि और जल संसाधनों के लिए आवश्यक है। मानसून की अनियमितता और विलंबित आगमन से फसलों की उत्पादकता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान होता है। इसके अलावा, जलस्रोतों की भराव क्षमता पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ता है।
इस साल दक्षिण-पश्चिमी मानसून ने समय पर आगमन और अच्छी प्रगति दिखाई है, जिससे देश के विभिन्न हिस्सों में जल संकट को कम करने की उम्मीद जगी है। मौसम विभाग की भविष्यवाणियों के अनुसार, विभिन्न राज्यों में मानसून की अच्छी बारिश की संभावनाएं हैं, जिससे कृषि और सामान्य जनजीवन को लाभ होगा।
भारत में मानसून का आगमन हर साल एक महत्वपूर्ण घटना होती है, जिसे सभी लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं। 2024 में दक्षिण-पश्चिमी मानसून का आगमन और उसकी प्रगति ने एक बार फिर से देश के विभिन्न हिस्सों में उम्मीदें जगा दी हैं। गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों में मानसून की अच्छी बारिश की संभावना है, जो कृषि, जल संसाधन और सामान्य जनजीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। मानसून की नियमितता और इसकी पर्याप्त मात्रा से देश के विभिन्न हिस्सों में जलस्तर को बनाए रखने और फसलों की उत्पादकता को बढ़ाने में मदद मिलेगी। मानसून का यह मौसम भारत के लिए एक नई उम्मीद और उन्नति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।