रायपुर, 31 जनवरी 2024: छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में विशेष रोजगार कार्यालय ने बुधवार को दिव्यांगजनों के लिए रोजगार मेले का आयोजन किया, जिसमें 71 पदों की भर्ती होनी थी। लेकिन इस मेले में उपस्थित हुए दिव्यांगजनों ने आपत्ति जताई, कहा कि उन्हें सही जानकारी नहीं मिली और कंपनियां समय से पहले चली गईं, जिससे उन्हें इंटरव्यू लेने का मौका नहीं मिला।
दिव्यांगजनों ने इसके पर सवाल उठाते हुए कहा कि जॉब फेयर के दौरान उन्हें पूरी जानकारी नहीं मिली और कंपनियों ने उनका इंटरव्यू नहीं लिया। उन्हें आयोजन करने की आवश्यकता क्यों है जब नौकरी नहीं मिलने का खतरा हो, यह उनका सवाल है।
रोजगार मेले में उपस्थित हुए उम्मीदवारों ने बताया कि ज्यादातर कंपनियां भीड़ देखकर चली गईं और उन्हें इंटरव्यू लेने का मौका नहीं दिया गया। कुछ ने यह भी कहा कि पार्ट टाइम जॉब्स की भर्ती थी, जिसके लिए वे योग्य नहीं थे।
रोजगार मेले का उद्देश्य दिव्यांगजनों को रोजगार प्राप्त करने में मदद करना था, लेकिन इस घटना ने उठे सवालों की रोशनी में यह साबित हो रहा है कि ऐसे मेलों का सही तरीके से योजित करना भी महत्वपूर्ण है।
दिव्यांगों की नाराजगी: रोजगार मेले में कंपनियों का सामयिक ब्रेकअप?
रायपुर, 31 जनवरी 2024: छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में हुए रोजगार मेले में दिव्यांगजनों की भर्ती के दौरान उठे सवालों ने कंपनियों की ओर से आयोजित हुए समयिक ब्रेकअप को लेकर नाराजगी का सामना किया है। दिव्यांगजनों ने यह दावा किया है कि उन्हें सही जानकारी नहीं मिली और कंपनियां समय से पहले चली गईं, जिससे उन्हें इंटरव्यू लेने का मौका नहीं मिला।
इस घटना ने उठे सवालों की बात करती है कि क्या ऐसे रोजगार मेलों का सही रूप से योजित किया जा रहा है, जहां कंपनियां समयिक ब्रेकअप करके इंटरव्यू लेने की योजना बना रहीं हैं। दिव्यांगजनों का कहना है कि जब इंटरव्यू लेने का मौका ही नहीं मिला तो ऐसे आयोजन का क्या मतलब है।