रायपुर: फर्जी मार्कशीट और नौकरी में ठगीरायपुर
राजधानी रायपुर में फर्जीवाड़े का एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें वेदप्रकाश वर्मा, निवासी अशोका मिलेनियम, शंकर नगर, और हरजीत सिंह, निवासी बोरियाकला, पर बेरोजगार युवाओं को नौकरी का झांसा देकर ठगी करने के गंभीर आरोप लगे हैं।
पीड़ित योगेंद्र देवांगन, निवासी पचपेड़ी नाका, और उनके मित्रों ने पुलिस अधीक्षक को शिकायत दी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि वेदप्रकाश वर्मा अपने गिरोह के साथ मिलकर फर्जी मार्कशीट (पैरामेडिकल, नर्सिंग, बीए, बीकॉम, एमएससी, एमसीए, बीबीए आदि) बनवाकर नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे वसूलता है।
क्या है मामला?
पीड़ितों के अनुसार, वेदप्रकाश वर्मा और उसके गिरोह ने समग्र शिक्षा के नाम पर डीकेएस अस्पताल में नौकरी दिलाने का लालच देकर उनसे 40,000 रुपये तक वसूले। जब इन फर्जी मार्कशीट की सच्चाई सामने आई, तो पीड़ितों को नौकरी से निकाल दिया गया।
पीड़ितों में योगेंद्र देवांगन, लक्ष्मण चौहान (निवासी संतोषी नगर), और समीर भूषण प्रधान (निवासी सारायपाली बलगी) शामिल हैं।
400 से ज्यादा बेरोजगारों से ठगी
पीड़ितों का कहना है कि वेदप्रकाश वर्मा “वेदश्वा एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी” के नाम से बेरोजगार युवाओं को फर्जी डिग्री और नौकरी का झांसा देकर ठगता है।
एक अन्य पीड़ित, अजीत उपाध्याय (निवासी महावीर नगर, बसंत विहार कॉलोनी), से फार्मेसी में दाखिले के नाम पर 4 लाख रुपये वसूले गए। अजीत ने 1 लाख रुपये चेक और 3 लाख रुपये नकद दिए थे। लेकिन ना तो उन्हें दाखिला दिलाया गया और ना ही पैसे वापस किए गए। जब अजीत ने पैसे वापस मांगे, तो उन्हें धमकी दी गई।
फर्जी शिकायत और प्रशासन को गुमराह करने का आरोप
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि वेदप्रकाश वर्मा ने हरजीत सिंह के नाम से एक फर्जी शिकायत दर्ज कराकर प्रशासन को गुमराह करने की कोशिश की। इस पूरे षड्यंत्र का उद्देश्य अपने खिलाफ कार्रवाई को रोकना था।
पीड़ितों की मांग
पीड़ितों ने पुलिस अधीक्षक से अनुरोध किया है कि वे इस मामले की गहराई से जांच करें और वेदप्रकाश वर्मा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।
पुलिस का बयान
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। पीड़ितों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं बेरोजगार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही हैं और दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए।
Published By: CG News 18